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मार्केट में पहले दिन जोमैटो के शेयर भाव 76 रुपये के आईपीओ प्राइस के मुकाबले 138.90 रुपये तक पहुंच गए थे.
What Lies Ahead For Zomato After Grand Listing: शुक्रवार को जोमैचो के आईपीओ की धमाकेदार लिस्टिंग के बाद भी कई निवेशकों के मन में सवालों की हलचल है. सवाल उठ रहा है कि लिस्टिंग के पहले दिन 1 लाख करोड़ का मार्केट कैप छूने वाली कंपनी के लिए नया कारोबारी हफ्ता कैसा रहेगा? क्या इस शेयर का भाव अभी और बढ़ेगा, जिसके लिए उन्हें इसमें बने रहना चाहिए, या फिर यह एक बुलबुला है जो कभी भी फूट सकता है, लिहाजा उन्हें मुनाफा वसूली कर लेनी चाहिए? इन सवालों पर एक्सपर्ट्स की राय अलग-अलग है. लेकिन उनके तर्कों और विश्लेषण को पढ़कर आपको अपनी राय बनाने में आसानी हो सकती है.
न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी स्टर्न स्कूल ऑफ बिजनेस में फाइनेंस के प्रोफेसर अस्वथ दामोदरन का मानना है कि घाटे में चल रही कंपनी जोमैटो का स्टॉक बहुत महंगा है. आज शुक्रवार को लिस्टिंग के साथ ही जोमैटो के शेयर आईपीओ प्राइस के मुकाबले 82 फीसदी से अधिक प्रीमियम तक पहुंच गए थे. मार्केट में पहले दिन जोमैटो के शेयर भाव 76 रुपये के आईपीओ प्राइस के मुकाबले 138.90 रुपये तक पहुंच गए थे. यह 116 रुपये के भाव पर खुला था.
मार्केट कैप के मामले में पीछे छोड़ा दिग्गज कंपनियों को
मजबूत एंट्री के चलते जोमैटो का मार्केट कैप 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया और इस प्रकार इसने टाटा मोटर्स, वेदांता, इंडियन ऑयल व महिंद्रा एंड महिंद्रा जैसी मुनाफा कमाने वाली कंपनियों को भी पीछे छोड़ दिया. वहीं दूसरी तरफ घाटे में चल रही कंपनी जोमैटो कारोबार जारी रखने के लिए निवेशकों के भरोसे है. पिछले हफ्ते ही बिग बुल राकेश झुनझुनवाला ने जोमैटो में निवेश की बजाय अन्य स्थापित कारोबार में निवेश की बात कही थी.
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एक्सपर्ट्स की जोमैटो को लेकर ये है राय
- दामोदरन के मुताबिक जोमैटो का बिजनेस मॉडल न तो इनोवेटिव है और न ही ग्राउंड-ब्रेकिंग. निवेशकों का इस स्टॉक के प्रति आकर्षण की मुख्य वजह भारत में इसके कोर मार्केट की वजह से है जिसमें अभी ग्रोथ की काफी संभावना है. दामोदरन के मुताबिक भारत में फूड डिलीवरी सर्विस का विस्तार अभी अमेरिका और चीन जैसे देशों की तुलना में अभी बहुत कम है. ऐसे में भारत में ऑनलाइन फूड डिलीवरी सेग्मेंट के ग्रोथ की काफी संभावना है. प्रोफेसर दामोदरन अभी जोमैटो के स्टॉक प्राइस को बहुत अधिक मान रहे हैं क्योंकि उनके कैलकुलेशन के मुताबिक इसे 41 रुपये प्रति शेयर होना चाहिए. हालांकि उनका कहना है कि अगर इसमें आगे गिरावट होती है तो इसमें निवेश किया जा सकता है.
प्रोफेसर दामोदरन ने एक कैलकुलेशन किया है कि अगले 10 साल में भारत में ऑनलाइन फूड डिलीवरी मार्केट 4 हजार करोड़ डॉलर (298 हजार करोड़ रुपये) की हो जाएगी और अगर जोमैटो की हिस्सेदारी इसमें 40 फीसदी मान लिया जाए तो इसकी इक्विटी करीब 39.4 हजार करोड़ डॉलर (39400 करोड़ रुपये) की होगी जो 41 रुपये प्रति शेयर के बराबर बैठेगी. उन्होंने अपने कैलकुलेशन में यह माना है कि अगले 10 साल सिर्फ जोमैटो और स्विगी ही इस सेक्टर में रहेंगे, हालांकि अमेजन भी इस सेक्टर में पांव बढ़ा रहा है.
- कैपिटिलवाया ग्लोबल रिसर्च के रिसर्च हेड गौरव गर्ग के मुताबिक स्टॉक उम्मीद से अधिक प्राइस पर लिस्टेड हुआ है तो ऐसे में निवेशकों को कुछ शेयरों की बिक्री कर प्रॉफिट बुक कर लेना चाहिए. अगर फिर से निवेश का अवसर मिल रहा है तो फिर से खरीदारी की जा सकती है.
- INDmoney ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि कुछ प्रॉफिट बुक कर लेना चाहिए और शेष हिस्से को लंबे समय तक बनाए रख सकते हैं. इंडमनी के मुताबिक आने वाले कुछ वर्षों में कंपनी की वित्तीय स्थिति में निश्चित तौर पर सुधार होगा. शहरीकरण और सुविधा के चलते आने वाले वर्षों में जोमैटो के ग्रोथ की संभावना बेहतर दिख रही है.
(Article: Kshitij Bhargava)
(स्टोरी में दिए गए स्टॉक रिकमंडेशन संबंधित रिसर्च एनालिस्ट व ब्रोकरेज फर्म के हैं. फाइनेंशियल एक्सप्रेस ऑनलाइन इनकी कोई जिम्मेदारी नहीं लेता. पूंजी बाजार में निवेश जोखिमों के अधीन हैं. निवेश से पहले अपने सलाहकार से जरूर परामर्श कर लें.)