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आईटीईपी के तहत स्टूडेंट्स को बैचलर की दोहरी डिग्री प्रदान की जाएगी.
4-Year B.Ed. Programme: केंद्र सरकार ने चार साल के इंटीग्रेटेड टीचर एजुकेशन प्रोग्राम (ITEP) को अधिसूचित कर दिया है. इससे जुड़ी अधिसूचना कल बुधवार 28 अक्टूबर को ही जारी कर चुकी है. इस प्रोग्राम को नई शिक्षा नीति के तहत स्कूल में शिक्षक बनने के लिए न्यूनतम डिग्री योग्यता तय किया गया है और यह नियम वर्ष 2030 से प्रभावी हो जाएगा. सरकार द्वारा अधिसूचित इस कार्यक्रम के तहत चार साल का स्नातक कार्यक्रम अगले अकादमिक वर्ष से देश भर के 50 संस्थानों में शुरू कर दिया जाएगा. राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत यह तय किया गया है कि वर्ष 2030 से स्कूल शिक्षकों का चयन सिर्फ आईटीईपी के जरिए ही किया जाएगा. मिनिस्ट्री ऑफ एजुकेशन द्वारा जारी बयान के मुताबिक पहले इस कोर्स को देश भर में स्थित 50 मल्टीडिसिप्लनरी इंस्टीट्यूशंस में पढ़ाया जाएगा.
एनटीए टेस्ट के जरिए स्टूडेंट्स का होगा चयन
शिक्षा मंत्रालय के तहत नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन (एनसीटीई) ने इस कोर्स के लिए पाठ्यक्रम भी तैयार कर लिया है. चार साल का आईटीईपी उन सभी विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध होगा जो अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद टीचिंग पेशे को अपनाना चाहते हैं. इस कोर्स में प्रवेश एक टेस्ट के जरिए दिया जाएगा. नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) इसके लिए नेशनल कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (एनसीईटी) आयोजित करेगी.
एक साल की होगी बचत
आईटीईपी के तहत बैचलर की दोहरी डिग्री प्रदान की जाएगी. इसके तहत बेसिक बीए और बीएससी डिग्री के साथ बीएड की डिग्री भी प्रदान की जाएगी. इससे विद्यार्थियों का एक साल बचेगा. इस कार्यक्रम के इतर बैचलर डिग्री यानी बीए या बीएससी के बाद बीएड करने पर पांच साल लगते हैं लेकिन इंटीग्रेटेड टीचर एजुकेशन प्रोग्राम (ITEP) के तहत स्टूडेंट्स की बेसिक ग्रेजुएशन डिग्री और बीएड चार साल में ही पूरा हो जाएगी.
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