/financial-express-hindi/media/post_banners/Y0egSjHsProqJGp1lndL.jpg)
बजट में शिक्षा क्षेत्र को भी लेकर कुछ अहम एलान किए गए हैं.
Union Budget Education Sector 2021: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2021-22 का बजट पेश किया है. यह मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का तीसरा बजट है. कोरोना महामारी और उसके बाद आर्थिक संकट के कारण यह बजट बहुत महत्वपूर्ण हो गया है. बजट में शिक्षा क्षेत्र को भी लेकर कुछ अहम एलान किए गए हैं. आइए उनके बारे में जानते हैं.
15 हजार से ज्यादा स्कूलों की गुणवत्ता में होगा सुधार
बजट में वित्त मंत्री सीतारमण ने एलान किया कि 15 हजार से ज्यादा स्कूलों की गुणवत्ता में सुधार किया जाएगा. इनमें राष्ट्रीय शिक्षा नीति की सभी बातों को शामिल किया जाएगा. उन्हें अपने क्षेत्रों के बेहतरीन स्कूल के तौर पर उभारा जाएगा. और वे तकदूसरे स्कूलों को पॉलिसी के आदर्शों को हासिल करने में मदद और निगरानी करेंगे. वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि 100 नए सैनिक स्कूलों को एनजीओ/निजी स्कूलों/राज्यों के साथ समझौते में स्थापित किया जाएगा.
वित्त मंत्री ने भारत के उच्चतर शिक्षा कमीशन के गठन को लेकर भी जानकारी दी है. सीतारमण ने कहा कि बजट 2019-20 में उन्होंने हायर एजुकेशन कमीशन ऑफ इंडिया के गठन का जिक्र किया था. उन्होंने बताया कि इसे लागू करने के लिए इस साल विधेयक को पेश किया जाएगा. यह एक संयुक्त इकाई होगी जिसमें मापदंड तय करने, रेगुलेशन, मान्यता और फंडिंग के लिए चार अलग-अलग भाग होंगे.
सीतारमण ने बजट भाषण में कहा कि हमारे बहुत से शहरों में कई संस्थान, विश्वविद्यालय और कॉलेज हैं जो भारत सरकार द्वारा समर्थित हैं. उदाहरण के लिए हैदराबाद में ऐसे करीब 40 बड़े संस्थान हैं. ऐसे नौ शहरों में, वे संयुक्त इकाइ बनाएंगे, जिससे इन संस्थानों के बीच बेहतर तालमेल हो, जिसके साथ इनकी आंतरिक स्वायत्तता बनी रही. इसके लिए एक ग्लू ग्रांट अलग से रखा जाएगा.
लेह में खुलेगा नया केंद्रीय विश्वविद्यालय
इसके अलावा वित्त मंत्री ने लद्दाख में, उच्चतर शिक्षा के लिए, लेह में एक केंद्रीय विश्वविद्यालय को स्थापित करने का प्रस्ताव रखा है. बजट में एलान किया गया कि सरकार ने आदिवासी इलाकों में 750 एकलव्य मॉडल रेजिडेंशियल स्कूलों को स्थापित करने का लक्ष्य रखा है. उनका प्रस्ताव है कि ऐसे हर एक स्कूल की यूनिट कॉस्ट को 20 करोड़ से बढ़ाकर 30 करोड़ किया जाए. इससे आदिवासी छात्रों को अच्छी सुविधाएं मिलेंगी.
बजट में अनुसूचित जाति के लिए पोस्ट-मेट्रिक स्कोलरशिप स्कीम को बदलने का भी एलान किया है. इस मामले में केंद्रीय सहायता को बढ़ाया गया है. वे 6 साल तक 35,219 करोड़ इसके लिए आवंटित कर रहे हैं.