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बायजू मार्च 2023 तक अपने कर्मचारियों में पांच प्रतिशत तक की कमी करेगी.
Byju's chalks out plan: एजुकेशन सेक्टर में ऑनलाइन माध्यम से पढ़ाई कराने वाली दिग्गज कंपनी बायजू इन दिनों आर्थिक तंगी का सामना कर रही है, जिससे निपटने के लिए उसने कॉस्ट कटिंग की बड़ी योजना का एलान किया है. इसी योजना के तहत कंपनी ने मार्च 2023 तक अपने कर्मचारियों की संख्या में पांच प्रतिशत तक की कमी करने का फैसला किया है. कंपनी ने बताया है कि अगले छह महीनों में उसे करीब 2,500 कर्मचारियों की छंटनी करनी होगी. हालांकि इसके साथ ही उसने नए सिरे से शिक्षकों की भर्ती करने का एलान भी किया है.
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10,000 शिक्षकों की होगी भर्ती
बायजू की को-फाउंडर दिव्या गोकुलनाथ ने बताया कि कंपनी अपनी टीमों को बेहतर बनाने पर काम कर रही है. उन्होंने कहा कि कंपनी नई भागीदारियों के जरिये विदेशों में ब्रांड को प्रमोट करेगी. इसके साथ ही भारत और विदेशों में कारोबार बढ़ाने के लिए नए सिरे से 10,000 शिक्षकों की नियुक्ति करेगी. उन्होंने कहा कि कंपनी पूरे देश में नए तरीके से ब्रांड प्रमोशन करेगी. साथ ही उन्होंने बताया कि K10 की सहायक कंपनियों मेरिटनेशन, ट्यूटरविस्टा, स्कॉलर और हैशलर्न को अब भारत में मिलकर काम करेंगे. आकाश और ग्रेट लर्निंग अलग-अलग काम करते रहेंगे.
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देश में अपने एजुकेशन सेंटरों की संख्या को 200 से 500 करने की है योजना
दिव्या गोकुलनाथ ने कहा कि अगले छह महीनों में कंपनी 5 हजार नए शिक्षकों की भर्ती करेगी. इन शिक्षकों में अंग्रेजी और स्पेनिश भाषा के जानकार होंगे. कंपनी लैटिन अमेरिकी देशों में अपने विस्तार की योजना बना रही है. इसके साथ ही कंपनी फीफा जैसे ब्रांडों के साथ अपनी साझेदारी का लाभ भी उठाएगी. कंपनी का दावा है कि पूरे भारत में उसके 200 से अधिक सक्रिय केंद्र हैं. इस साल के अंत तक इसे 500 केंद्रों तक बढ़ाने का लक्ष्य है. बीते वित्त वर्ष यानी 2021-22 के दौरान बायजू को 4,588 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था, जो उसके पिछले साल की तुलना में 19 फीसदी ज्यादा है.