/financial-express-hindi/media/post_banners/PWR4dII5iDpIcoJc2mkN.jpg)
कोरोना की दूसरी लहर के चलते सीबीएसई ने 1 जून को 12वीं की बोर्ड परीक्षा को रद्द कर दिया था. (Representative Image)
CBSE 12th Board: कोरोना महामारी के चलते इस साल रद्द हुई सीबीएसई के 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाओं के मूल्यांकन के लिए अहम प्रस्ताव पर विचार हो रहा है. इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकंडरी एजुकेशन (सीबीएसई) 12वीं कक्षा के स्टूडेंट्स के मूल्यांकन के लिए कक्षा 12 से पहले की बोर्ड परीक्षा यानी दसवीं की परीक्षा, कक्षा 11वीं की परीक्षा व कक्षा 12 में के प्री-बोर्ड एग्जामिनेशन में मिले अंकों को आधार बनाया जा सकता है.
एजुकेशन मिनिस्ट्री के सूत्रों के मुताबिक सीबीएसई द्वारा गठित 12 सदस्यीय विशेषज्ञ समिति ने शनिवार 12 जून को इस विकल्प पर विचार किया. सूत्रों के मुताबिक इस तरीके से मार्किंग को लेकर विशेषज्ञों में आम सहमति बनी लेकिन इसे लेकर आम सहमति नहीं रही कि सभी मार्क्स को लेकर कितना वेटेज दिया जाए. प्राप्त जानकारी के मुताबिक इन तीनों कंपोनेंट्स से थ्योरी के 70 मार्क्स दिए जाएंगे.
1 जून को रद्द हुई थी बारहवीं की परीक्षा
कोरोना की दूसरी लहर के चलते सीबीएसई ने 1 जून को 12वीं की बोर्ड परीक्षा को रद्द कर दिया था. इस फैसले का ऐलान पीएम मोदी ने किया था. इसे लेकर कहा गया कि स्टूडेंट्स को ऐसे कठिन दौर में परीक्षा में शामिल होने के लिए दबाव बनाना सही नहीं होगा. सीबीएसई ने यह फैसला ऐसे समय में लिया था जब देश के 32 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों ने इस साल 12वीं की परीक्षा कराने का फैसला लिया था. अब अधिकतर राज्यों ने अपने यहां बोर्ड परीक्षाएं स्थगित करने का फैसला किया है.
आज सुप्रीम कोर्ट में अपने प्लान को सबमिट करेगी सीबीएसई
देश की सबसे बड़ी अदालत सुप्रीम कोर्ट ने सीबीएसई को दो हफ्तों के भीतर एक अल्टरनेटिव एसेसमेंट स्कीम तैयार करने को कहा था. इसे लेकर शनिवार को 12 सदस्यों के समिति की अंतिम बैठक हुई थी. अब सीबीएसई अपनी योजना को आज 14 जून को सुप्रीम कोर्ट में दाखिल करेगा. सूत्रों के मुताबिक बोर्ड स्कूलों को मार्किंग के लिए निर्देश दे सकता है कि स्टूडेंट्स को दिए जाने वाले मार्क्स स्कूल के 12वीं बोर्ड एग्जाम के पिछले तीन साल के परफॉरमेंस के आधार पर दिए जाएं.