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CBSE 12th Board - 31 जुलाई तक आएगा 12वीं का रिजल्ट, बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट को बताया मार्किंग का फॉर्मूला

आज गुरुवार 17 जून को सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकंडरी एजुकेशन (सीबीएसई) ने 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा रद्द होने के चलते मार्किंग पर अपना फॉर्मूला सुप्रीम कोर्ट में पेश किया.

आज गुरुवार 17 जून को सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकंडरी एजुकेशन (सीबीएसई) ने 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा रद्द होने के चलते मार्किंग पर अपना फॉर्मूला सुप्रीम कोर्ट में पेश किया.

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बोर्ड द्वारा सुझाए गए फॉर्मूले के मुताबिक कक्षा 10 के अंकों से 30 फीसदी, कक्षा 11 में मिले अंकों से 30 फीसदी और कक्षा 12 के साल भर के टेस्ट में मिले मार्क्स के आधार पर 40 फीसदी मार्क्स दिए जाएंगे. य

CBSE Class 12 Results 2021: आज गुरुवार 17 जून को सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकंडरी एजुकेशन (सीबीएसई) ने 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा रद्द होने के चलते मार्किंग पर अपना फॉर्मूला सुप्रीम कोर्ट में पेश किया. सीबीएसई बोर्ड ने देश की सबसे बड़ी अदालत में जानकारी दी कि कोरोना महामारी के चलते फिजिकल रूप में परीक्षाएं नहीं कराई जा सकती तो वह मार्किंग किस तरह से करेगी. जानकारी के मुताबिक बोर्ड ने कहा कि मार्किंग के लिए साल भर होने वाले यूनिट टेस्ट्स के आधार पर फाइनल मार्क्स तय किए जाएंगे. इसके अलावा दसवीं व ग्यारहवीं कक्षा के मार्क्स को भी गणना में लिया जाएगा. बोर्ड ने बताया कि 31 जुलाई तक रिजल्ट का ऐलान कर दिया जाएगा.

बोर्ड द्वारा सुझाए गए फॉर्मूले के मुताबिक कक्षा 10 के अंकों से 30 फीसदी, कक्षा 11 में मिले अंकों से 30 फीसदी और कक्षा 12 के साल भर के टेस्ट में मिले मार्क्स के आधार पर 40 फीसदी मार्क्स दिए जाएंगे. यह नियम उनके लिए बेहतर साबित होगा जो लगातार अपनी कक्षा में बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं.

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मार्क्स से नहीं खुश हैं तो बोर्ड का यह है प्लान

ऐसा भी हो सकता है कि किसी बच्चे को अपने मार्क्स से संतुष्टि न हो और उन्हें लगता हो कि वे परीक्षा में शामिल होते तो उन्हें बेहतर मार्क मिलते. इस पर अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कोर्ट में बताया कि अगर किसी बच्चे को ऐसा महसूस होता है कि उनका मूल्यांकन उचित नहीं हुआ है तो उन्हें फिजिकल एग्जाम में शामिल होने का मौका दिया जाएगा ताकि वे अपने अंकों को और बेहतर करने का अवसर पा सकें. हालांकि कोर्ट को जानकारी दी गई कि फिजिकल एग्जाम कराने का फैसला कोरोना की स्थिति को देखते हुए लिया जाएगा.

1 जून को रद्द हुई थी बारहवीं की परीक्षा

कोरोना की दूसरी लहर के चलते सीबीएसई ने 1 जून को 12वीं की बोर्ड परीक्षा को रद्द कर दिया था. इस फैसले का ऐलान पीएम मोदी ने किया था. इसे लेकर कहा गया कि स्टूडेंट्स को ऐसे कठिन दौर में परीक्षा में शामिल होने के लिए दबाव बनाना सही नहीं होगा. सीबीएसई ने यह फैसला ऐसे समय में लिया था जब देश के 32 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों ने इस साल 12वीं की परीक्षा कराने का फैसला लिया था. अब अधिकतर राज्यों ने अपने यहां स्टेट बोर्ड परीक्षाएं स्थगित करने का फैसला किया है.

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