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मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि CBSE के पाठ्यक्रम को 30 फीसदी तक घटाने का फैसला किया गया है.
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मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने मंगलवार को कहा कि CBSE के पाठ्यक्रम को 30 फीसदी तक घटाने का फैसला किया गया है, जिसमें मूल कॉन्सेप्ट को शामिल किया जाएगा. HRD मंत्री ने कहा कि देश और दुनिया में मौजूद असाधारण स्थिति को देखते हुए CBSE को कक्षा 9 से 12 तक के छात्रों के लिए पाठ्यक्रम में संशोधन करने और कोर्स के भार को कम करने के लिए कहा गया था. फैसले पर पहुंचने के लिए मंत्री ने सभी शिक्षाविदों से सुझाव भी आमंत्रित किए थे. उन्होंने बताया कि 1500 से ज्यादा सुझाव मिले हैं.
कोरोना महामारी की वजह से कदम
मानव संसाधन मंत्री ने ट्वीट करके कहा कि पढ़ने के महत्व को देखते हुए पाठ्यक्रम को 30 फीसदी तक कम करने का फैसला लिया गया है जिसमें मूल कॉनसेप्ट बरकरार रहेगा. पाठ्यक्रम में कटौती को मानव संसाधन मंत्रालय की ओर से एक बारगी उठाया कदम समझा जा रहा है जिससे कोरोना महामारी की वजह से खोए समय की भरपाई की जा सके.
अपने आधिकारिक बयान में केंद्रीय माध्यमिक और शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने कहा कि स्कूल के प्रमुख और शिक्षकों को यह सुनिश्चित करना होगा कि जिन विषयों में कटौती की गई है, उन्हें इस स्तर तक छात्रों को समझाया जाए जिससे अलग-अलग विषयों को जोड़ा जा सके. हालांकि, घटाया गया पाठ्यक्रम आंतरिक आकलन और साल के आखिर में होने वाली बोर्ड की परीक्षा का भाग नहीं होगा. इसके अलावा 8वीं कक्षा और उससे नीचे के लिए CBSE से मान्यता प्राप्त स्कूलों के पास यह आजादी होगी कि वे खुद से पाठ्यक्रम में कटौती कर सकते हैं.
CISCE ने भी घटाया पाठ्यक्रम
हाल ही में दूसरे केंद्रीय बोर्ड काउंसिल फॉर इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन (CISCE) ने अपने 10वीं और 12 वीं कक्षा के पाठ्यक्रम को 25 फीसदी कम करने का एलान किया था जिससे मौजूदा सत्र 2020-21 में पढ़ाई के घंटों में कमी से नुकसान नहीं पहुंचे.
इस साल की शुरुआत में केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री और राज्य के शिक्षा मंत्रियों की बैठक में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने चिंता जाहिर की थी.