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टेक कंपनियों में जारी है छंटनी का दौर, नौकरी खतरे में पड़े तो घबराएं नहीं, ऐसे करें हालात का सामना

मौजूदा माहौल में नौकरी चली जाए तो निराश न होने की बजाय उन बातों पर ध्यान दें जिससे आपकी मुश्किलें कुछ आसान हो सकती हैं.

मौजूदा माहौल में नौकरी चली जाए तो निराश न होने की बजाय उन बातों पर ध्यान दें जिससे आपकी मुश्किलें कुछ आसान हो सकती हैं.

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Viplav Rahi
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How to Deal With Job Loss

नौकरी जाने पर निराश होने की बजाय नए मौकों की तलाश करें. अपने स्किल्स को बेहतर बनाने पर भी ध्यान दें. (Representational Image)

How to Deal With Job Loss: बड़ी टेक्नॉलजी कंपनियों में छंटनी का दौर चल रहा है. ट्विटर, मेटा, अमेज़न और गूगल पिछले कुछ दिनों के दौरान बड़े पैमाने पर छंटनी का एलान कर चुकी हैं और अब एचपी ने भी ऐसा ही किया है. एक तरफ ये बड़ी कंपनियां लोगों को नौकरी से निकाल रही हैं तो दूसरी तरफ सारी दुनिया में महंगाई ने आम लोगों को परेशान कर रखा है. ऐसे माहौल में वे लोग क्या करें, जिनकी नौकरी या तो चली गई है या खतरे में नजर आ रही है? इस पर बात करने से पहले ये जान लेते हैं कि आखिर टेक कंपनियों में बड़े पैमाने पर छंटनी क्यों हो रही है?

मंदी की आहट, अच्छे दिनों की शामत

टेक कंपनियों में हो रही छंटनी की बड़ी वजह मंदी की आहट है. अमेरिका और ब्रिटेन समेत ज्यादातर पश्चिमी देशों में पिछले कुछ महीनों के दौरान महंगाई पर काबू पाने के लिए ब्याज दरों में लगाई बढ़ोतरी की गई. जिसका असर डिमांड और आर्थिक विकास पर नजर आने लगा है. आने वाले साल में मंदी की आहट अभी से सुनाई दे रही है. इसके अलावा कोरोना महामारी के दौरान टेक इंडस्ट्री का कारोबार तेजी से बढ़ा था, जिसके चलते इन कंपनियों ने बड़े पैमाने पर भर्तियां की थीं. लेकिन माहौल बदलने के साथ ही उन्हें इसका उलटा रास्ता अपनाना पड़ रहा है. ऐसे माहौल में में अगर किसी की नौकरी चली जाए तो उसके लिए हालात का सामना करना मुश्किल हो जाता है. लेकिन अगर इन बातों का ध्यान रखें तो इन मुश्किलों से निपटना कुछ आसान हो सकता है.

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छंटनी को परफॉर्मेंस से न जोड़ें, खुद पर भरोसा रखें

इकॉनमी के बुरे दौर में नौकरी चले जाने को अपने परफॉर्मेंस से जोड़कर नहीं देखना चाहिए. ऐसा किसी के भी साथ हो सकता है. कई बार बाज़ार से ऐसे हालात की वजह से कंपनियां छंटनी करने पर मजबूर हो जाती हैं, जिनका कर्मचारी के प्रदर्शन से कोई लेना-देना नहीं होता. लिहाजा, अगर ऐसे माहौल में आपकी नौकरी चली जाए तो खुद को दोष न दें और न ही अपना आत्मविश्वास कमजोर पड़ने दें. इस बात को समझें कि यह सब इकॉनमी के बुरे दौर की वजह से हो रहा है. आपकी वजह से नहीं.

अपनी खूबियों को पहचानें और स्किल को बेहतर बनाएं

नौकरी चले जाने के बाद निराश होकर बैठने की बजाय जॉब के नए मौकों की तलाश करें. साथ ही इस वक्त का इस्तेमाल अपने स्किल्स को बेहतर बनाने के लिए भी करें. ये जानने का प्रयास करें कि मार्केट में अभी किन स्किल्स की डिमांड है और उसी हिसाब से खुद को नई जॉब के लिए तैयार करने की कोशिश करें.

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मानसिक सेहत का खास ध्यान रखें

नौकरी चले जाने के बाद मुश्किल हालात का सामना तो करना ही पड़ा है. ऐसे में अगर व्यक्ति मानसिक रूप से स्वस्थ न हो या डिप्रेशन में घिर जाए तो स्थिति और बिगड़ जाती है. कठिनाइयों का सामना मानसिक रूप से स्वस्थ और मजबूत रहकर ही किया जा सकता है. लिहाजा, नौकरी जाने के बाद मानसिक स्वास्थ्य बनाए रखने पर पूरा ध्यान दें. इसके लिए परिवार के सदस्यों, दोस्तों के साथ खुलकर बात करें ताकि आपका मन हल्का हो जाए. जरूरत पड़े तो मनोवैज्ञानिक या काउंसलर की मदद लेने से भी हिचकिचाएं नहीं.

कर्ज के चक्कर में न फंसे

जॉब चली जाने के बाद जहां तक हो सकते गैर-जरूरी खर्चों से बचें. इस बात की पूरी कोशिश करें कि इस दौरान आपको कर्ज़ न लेना पड़े. खास तौर पर क्रेडिट कार्ड जैसे भारी-भरकम ब्याज दर वाले कर्जों से तो बिलकुल दूर रहें. भले ही इसके लिए आपको अपनी बचत के पैसों का इस्तेमाल करना पड़े. ऊंची दरों वाले कर्ज का जाल बेरोजगारी के दिनों में आपनी दिक्कतें घटाने की बजाय और बढ़ा सकता है.

नेटवर्किंग पर ध्यान दें

नौकरी खतरे में पड़ने की आशंका होते ही नेटवर्किंग पर पहले से ज्यादा ध्यान देना शुरू कर दें. अपने फील्ड से जुड़े दोस्तों-सहकर्मियों के साथ संपर्क बढ़ाएं. लिंक्डइन जैसे सोशल मीडिया नेटवर्किंग प्लेटफॉर्म की मदद भी लें. जिनसे मदद मिल सकती है, उन्हें अपनी जरूरत के बारे में बताएं. नेटवर्किंग पर खर्च किया गया वक्त आपको नया जॉब ऑफर हासिल करने में काफी मदद कर सकता है. प्राइवेट सेक्टर में वेकेंसी के बारे में ज्यादातर जानकारी भी नेटवर्किंग के माध्यम से ही मिलती है.

नए सेक्टर्स में भी संभावनाएं तलाशें

अगर आप किसी ऐसे सेक्टर से जुड़े हैं, जहां मंदी या डिमांड में कमी का ज्यादा असर पड़ रहा है, तो दूसरे रिलेटेड सेक्टर्स में भी जॉब खोजने की कोशिश करें. हो सकता है आपके स्किल की जरूरत किसी ऐसे सेक्टर में भी हो, जहां डिमांड में कमी नहीं है. मिसाल के तौर पर टेक्नॉलजी के विशेषज्ञों की जरूरत सिर्फ टेक इंडस्ट्री में ही नहीं, हेल्थ, एजुकेशन से लेक इंफ्रास्ट्रक्चर, ऑटोमोबाइल समेत इकॉनमी के तमाम क्षेत्रों में पड़ती है. हो सकता है इन सेक्टर्स से जुड़ी कंपनियों में उसी स्किल-सेट की तलाश की जा रही हो, जो आपकी खासियत है.

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