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लिंक्डइन के मुताबिक, बाजार में प्रतिस्पर्धा और कौशल की मांग लगातार बढ़ती जा रही हैं
आज के समय में नौकरी ढूंढना किसी पहाड़ को तोड़ने से कम नहीं है, ऐसे में अपनी पसंद की नौकरी ढूंढा तो और भी टेड़ी खीर है. ऊपर से बाजार में कम होती नौकरियों और बढ़ती जनसंख्या से नौकरियों की राह को और भी मुश्किल कर दिया है.
ग्लोबलाइजेशन के इस दौर में मल्टीनेशनल कंपनियां हर क्षेत्र में तेजी से अपने पैर पसार रही हैं. यह अच्छे पैकेज के साथ ही अपने कर्मचारियों को कई अन्य तरह की सुविधाएं देती हैं. जिसके चलते रोजगार के लिए ये कंपनियां युवाओं की पहली पसंद बन गई हैं. लेकिन इन कंपनियों का हाइब्रिड वर्क कल्चर युवाओं के सामने बड़ी रूकावट बना हुआ है, हाइब्रिड वर्क कल्चर की वजह से युवा अपनी पंसद की नौकरी को नहीं कर पा रहे हैं.
कौशल विकास के लिए दिया जाएगा प्रशिक्षण
युवाओं की ऐसी ही परेशानियों को देखते हुए सोशल साइट लिंक्डइन ने एक विशेष प्रोग्राम के शुरूआत की है. इस प्रोग्राम के तहत युवाओं को कौशल विकास के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा. ताकि वो अपने कौशल के दम पर न सिर्फ अपनी पसंद की नौकरी पा सके बल्कि बाजार में जारी प्रतिस्पर्धा में अपने आप को साबित कर सकें.
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लिंक्डइन के मुताबिक, बाजार में प्रतिस्पर्धा और कौशल की मांग लगातार बढ़ती जा रही हैं. ऐसे में कौशल विकास ही एक ऐसा रास्ता है जिसके जरिए ही युवा अपने लिए रोजगार नए अवसरों हासिल कर सकते हैं.
‘स्किल्स इवोल्यूशन 2022’ रिपोर्ट जारी
लिंक्डइन द्वारा ‘स्किल्स इवोल्यूशन 2022’, ‘फ्यूचर ऑफ स्किल्स 2022’ और ‘कौशल में सुधार’ से जुड़ी एक रिपोर्ट जारी की गई. इस रिपोर्ट में लिंक्डइन के देश में करीब 9.2 करोड़ सदस्यों के कौशल आंकड़ों पर रिसर्च की गई.
रिपोर्ट फ्यूचर ऑफ स्किल्स -2022 में मांग वाली नौकरियों और उद्योगों में जरूरत वाले कौशल के बारे में बताया गया है. लिंक्डइन के अनुसार, वैश्विक स्तर पर पिछले पांच वर्षों में नौकरियों के लिए कौशल की मांग में लगभग 25% का इजाफा हुआ है, जिसके 2025 तक 41% तक बढ़ने की उम्मीद है. भारत में 2022 में शीर्ष 10 कौशल की मांग में कारोबार विकास, विपणन, बिक्री व विपणन, इंजीनियरिंग, एसक्यूएल, बिक्री, जावा, बिक्री प्रबंधन, माइक्रोसॉफ्ट अज़ूरे और स्प्रिंग बूट शामिल है.
लिंक्डइन ने कहा कि भारत में कॉरपोरेट सेवाओं के लिए 2015 के बाद से कौशल की मांग में औसतन 41.6 प्रतिशत बदलाव आया है. वहीं, वित्त के लिए कौशल मांग में 2015 से औसतन 28.4 प्रतिशत का वृद्धि हुई है.