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दिग्गज टेक कंपनियां लगातार नौकरी में कटौती और बड़े पैमाने पर छंटनी की घोषणा कर रही हैं, क्योंकि कई काम अब ऑटोमेशन के कारण अप्रासंगिक हो गए हैं. (AI Image)
टेक इंडस्ट्री इस समय सबसे चुनौतीपूर्ण दौर से गुजर रही है, इसका मुख्य कारण एडवांस्ड आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (LLM) मॉडल्स का बढ़ता प्रभाव है. अमेरिका की बड़ी टेक कंपनियां लगातार नौकरी में कटौती और बड़े पैमाने पर छंटनी की घोषणा कर रही हैं, क्योंकि कई काम अब ऑटोमेशन के कारण अप्रासंगिक हो गए हैं.
हाल ही में Oracle और Salesforce ने भी नौकरी में कटौती की घोषणा की है. Oracle ने पुष्टि की है कि यह Redwood City, Pleasanton और Santa Clara में 250 से अधिक पदों को समाप्त करेगा. इसके अलावा Seattle में भी 101 कर्मचारियों को निकाला जाएगा. Salesforce भी अपनी कार्यशक्ति घटा रहा है, जिसमें San Francisco में 260 से अधिक पद और Seattle क्षेत्र में लगभग 100 पद कम करने की योजना है. ये कटौतियां 3 नवंबर से लागू होंगी.
अचानक छंटनी क्यों?
इन नई कटौतियों का मुख्य कारण है संरचना में बदलाव और दक्षता बढ़ाना. Salesforce के मामले में यह कटौती सीधे AI प्लेटफॉर्म Agentforce से जुड़ी हुई है. कंपनी ने बताया कि इसका नया AI प्लेटफॉर्म, जिसे पिछले साल लागू किया गया था, पहले ही ग्राहक सहायता (customer support) के कई मामलों को संभाल रहा है.
Automation की मदद से लाखों मामलों का समाधान होने के कारण Salesforce का कहना है कि अब इस विभाग में इतने मानव इंजीनियरों की आवश्यकता नहीं रही. कंपनी के प्रवक्ता ने बताया, “इस साल की शुरुआत में हमने help.agentforce.com लॉन्च किया. Agentforce की दक्षता के कारण हमने देखा कि हमारे द्वारा संभाले जाने वाले सपोर्ट केस कम हो गए हैं और अब हमें सपोर्ट इंजीनियर की भूमिकाओं को भरने की जरूरत नहीं है. हमने सैकड़ों कर्मचारियों को पेशेवर सेवाएं, बिक्री और कस्टमर सक्सेस जैसे अन्य क्षेत्रों में सफलतापूर्वक तैनात किया है.”
भारतीय आईटी कंपनियां भी AI के प्रभाव से बची नहीं हैं!
जहां 2025 में नौकरी कटौतियों का झटका मुख्य रूप से सिलिकॉन वैली में महसूस हुआ, वहीं इसका असर अब भारतीय आईटी सेक्टर तक फैल गया है, जिसे पहले तक इस संकट से मुक्त माना जाता था. जुलाई में Tata Consultancy Services (TCS) ने कर्मचारियों को चौंका दिया, जब उसने लगभग 12,000 पदों की कटौती की पुष्टि की, यानी अपनी कुल कार्यबल का लगभग 2 प्रतिशत.
कंपनी ने कहा कि यह कदम एक “भविष्य के लिए तैयार संगठन” बनाने के लिए उठाया गया है, जिसमें AI, अगली पीढ़ी के इन्फ्रास्ट्रक्चर और नए बाजारों में निवेश शामिल है. हालांकि, कंपनी की विवादित “बेंच पॉलिसी” भी है, जो यह तय करती है कि कर्मचारी कितने समय तक प्रोजेक्ट्स पर असाइन न होने की स्थिति में रह सकते हैं.
क्या ये इंडस्ट्री-वाइड ट्रेंड है?
जैसा कि सिलिकॉन वैली में देखा जा रहा है, Intel, Meta और Google भी अपने संगठन में बदलाव और पुनर्गठन के दौरान नौकरी में कटौती कर रहे हैं. Intel इस साल की सबसे बड़ी कटौतियों में से एक के बीच है और उसने घोषणा की है कि वह 2025 के अंत तक अपने वैश्विक कर्मचारियों में लगभग 25,000 की कमी करेगा.
AI में भारी निवेश कर रही Meta ने भी इस साल लगभग 3,600 कर्मचारियों को निकाला, जिनमें कई को “कम प्रदर्शन करने वाला” (low performers) बताया गया. Meta के CEO मार्क जुकरबर्ग ने स्पष्ट कहा है कि वह आउटपुट बढ़ाना चाहते हैं और “non-regrettable attrition” सुनिश्चित करना चाहते हैं.
Google ने भी कटौती जारी रखी है. कई राउंड की छंटनी और स्वैच्छिक निकासी (voluntary exit programmes) के जरिए Search, Ads, Engineering और Marketing टीमों पर असर पड़ा है, क्योंकि कंपनी अब AI-फर्स्ट इनिशिएटिव पर फोकस कर रही है.
बड़ी टेक कंपनियों के साथ, Scale AI ने जुलाई में 200 फुल-टाइम कर्मचारियों और 500 कॉन्ट्रैक्टर्स को निकाल दिया, जबकि साइबर सुरक्षा कंपनी CrowdStrike ने लागत कम करने के लिए लगभग 500 पदों को समाप्त किया.