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अप्रेंटिसशिप योजना को केंद्र सरकार ने करीब छह साल पहले 19 अगस्त 2016 को लॉन्च किया था.
केंद्र सरकार की अप्रेंटिसशिप योजना के तहत अभ्यर्थियों को सीधे उनके खाते में पैसे भेजे जाएंगे. मिनिस्ट्री ऑफ स्किल डेवलपमेंट एंड एंटरप्रेन्योरिशिप (MSDE) ने आज नेशनल अप्रेंटिसशिप प्रमोशन स्कीम (NAPS) स्कीम को डायरेक्ट बेनेफिशिएरी ट्रांसफर (DBT) स्कीम के तहत लाने का ऐलान किया है. इससे अब सभी अप्रेंटिस को उनके खाते में नेशनल स्किल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (NSFC) के जरिए सीधे पैसे मिलेगा. अभी तक कंपनियां अप्रेंटिस को पूरा भुगतान करती थी और फिर सरकार से रिइंबर्समेंट लेती थीं.
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क्या है नेशनल अप्रेंटिसशिप प्रमोशन स्कीम
- इस स्कीम को केंद्र सरकार ने करीब छह साल पहले 19 अगस्त 2016 को लॉन्च किया था.
- इसका उद्देश्य देश में अप्रेंटिसशिप ट्रेनिंग को बढ़ावा देना और इसके लिए कंपनियों को वित्तीय सहायता देना है. स्कीम का लक्ष्य कंपनियों को एप्रेंटिस को हायर करने के लिए मोटिवेट करना और उन्हें प्रशिक्षित कर रोजगार लायक बनाना है. इस योजना को दुनिया का स्किल कैपिटल बनाने के सपने के तौर पर शुरू किया गया है.
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- अभी तक इस योजना से विभिन्न इंडस्ट्रियों में 12 लाख से अधिक अप्रेंटिंस जुड़ चुके हैं.
- इस योजना के तहत किसी बिजनेस या इंस्टीट्यूशन में ट्रेनिंग कोर्स करने वाले अभ्यर्थियों को सहायता राशि दी जाती है. योजना के तहत अभ्यर्थियों को स्टाइपेंड का 25 फीसदी अधिकतम 1500 रुपये हर महीने दिए जाते हैं. पहले यह कंपनियां देती थी जिसे वे सरकार से रिइंबर्स करा लेती थी. अब इसे सरकार सीधे खाते में भेजेगी.
(Input: PIB)