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यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे भारतीयों को तगड़ा झटका, स्टूडेंट एक्सचेंज प्रोग्राम को भारतीय काउंसिल ने नहीं दी मान्यता

NMC ने स्टूडेंट एक्सचेंज मोबिलिटी प्रोग्राम को मंजूरी देने से इनकार कर दिया. इसके बाद यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे भारतीय छात्रों की मुश्किलें बढ़ गई हैं.

NMC ने स्टूडेंट एक्सचेंज मोबिलिटी प्रोग्राम को मंजूरी देने से इनकार कर दिया. इसके बाद यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे भारतीय छात्रों की मुश्किलें बढ़ गई हैं.

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FE Hindi Desk
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नेशनल मेडिकल काउंसिल ने यूक्रेन के स्टूडेंट मोबिलिटी प्रोग्राम को मंजूरी देने से इनकार कर दिया.

यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे भारतीयों को नेशनल मेडिकल काउंसिल ने बड़ा झटका दिया है. हाल ही में नेशनल मेडिकल काउंसिल (NMC) ने यूक्रेन सरकार के 'मोबिलिटी प्रोग्राम' को मंजूरी नहीं देने का फैसला लिया है और इसका नोटिफिकेशन जारी हो गया है. इस फैसले से यूक्रेन में भारी संख्या में मेडिकल की पढ़ाई कर छात्रों पर बुरा असर पडेगा. बता दें कि पिछले चार-पांच महीने से रुस-यूक्रेन के बीच जंग चल रही है. लड़ाई शुरू होने के बाद यूक्रेन से बड़ी संख्या में मेडिकल स्टूडेंट्स अपने वतन  भारत लौटे थे.

इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक आगामी 1 सितंबर से शुरू होने जा रहे ऑटम सेमेस्टर (autumn semester) से ठीक पहले, यूक्रेन की यूनिवर्सिटीज भारतीय छात्रों को एक खास मोबिलिटी प्रोग्राम (Mobility Programme) की पेशकश कर रही हैं. इस ‘स्टूडेंट एक्सचेंज प्रोग्राम’ के तहत भारतीय छात्र अपने मौजूदा मेडिकल कोर्स के कुछ सेमेस्टर की पढ़ाई जारी रखने के लिए अन्य यूनिवर्सिटीज का रुख कर सकते हैं. लेकिन भारत की नेशनल मेडिकल काउंसिल ने यूक्रेन के मोबिलिटी प्रोग्राम को मान्यता देने से साफ इनकार कर दिया है. काउंसिल के इस कदम से यूक्रेन में पढ़ाई कर रहे भारतीय मेडिकल स्टूडेंट्स की दिक्कतें बढ़ गई हैं.

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इंडियन मेडिकल स्टूडेंट्स को यूक्रेन की यूनिवर्सिटीज की तरफ से अब अगले सेमेस्टर की फीस जमा करने के लिए ईमेल मिलना शुरू हो गया है. यूनिवर्सिटीज द्वारा स्टूडेंट्स को ऑफलाइन क्लास के लिए यूनिवर्सिटीज लौटने या ऑनलाइन क्लास जारी रखने का विकल्प दिया जा रहा है. साथ ही उन्हें फरवरी 2023 के आसपास शुरू होने जा रहे अगले सेमेस्टर में प्रैक्टिकल ट्रेनिंग के लिए यूनिवर्सिटीज आने का विकल्प भी दिया जा रहा है. इसके आलावा भारतीय छात्रों को ‘मोबिलिटी प्रोग्राम’ के तहत अपनी क्लासेज जारी रखने के लिए यूरोप के यूनिवर्सिटीज में इंतजाम भी किए जाने की बात सामने आ रही है. ‘मोबिलिटी प्रोग्राम’ के तरह यूरोप समेत अन्य यूनिवर्सिटीज में पढ़ाई करने के बावजूद भी वह यूक्रेनी यूनिवर्सिटीज के छात्र बने रहेंगे.

मोबिलिटी प्रोग्रम को नामंजूर करने के बाद नेशनल मेडिकल काउंसिल ने यह भी साफ किया है कि भारतीय मेडिकल कॉलेजों में विदेशी मेडिकल स्टूडेंट्स को समायोजित करने का विकल्प भी नहीं है. बता दें कि यूक्रेन की यूनिवर्सिटीज ने अपने इन स्टूडेंट को अन्य यूनिवर्सिटीज में ट्रांसफर कराने यानी लिव लेने का भी विकल्प दिया है. लेकिन यह सुविधा सिर्फ उन स्टूडेंट्स के लिए है जिनका कोर्स 18 नवबंर 2021 के पहले शुरु हो गए थे. 

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नवंबर 2021 में The Foreign Medical Graduate Licentiate (FMGL) Regulations लागू होने के बाद स्टूडेंट को मिलने वाली यह ट्रांसफर या लिव सुविधा यूक्रेनी यूनिवर्सिटीज द्वारा बंद कर दी गई. FMGL Regulations आने के बाद अब स्टूडेंट्स एक ही यूनिवर्सिटी में अपने पूरे कोर्स के दौरान होने वाली ट्रेनिंग और इंटर्नशिप के लिए कर सकेगा जिसमें उस ने दाखिला लिया है यानी अब वह चाहकर भी दूसरे यूनिवर्सिटीज में अपना ट्रांसफर नही करा सकता है. जिन स्टूडेंट्स ने अपने कोर्स के पहले सेमेस्टर की पढ़ाई 18 नवंबर, 2021 के बाद शुरू की अब उन्हें ट्रासंफर या लिव की सुविधा नहीं दी जाती है. इसलिए ऐसे स्टूडेंट्स को अपना कोर्स पूरा करने के लिए हर हाल में यूक्रेन लौटना होगा.

कई इंडियन स्टूडेंट्स यूक्रेन के मेडिकल कॉलेजों में दाखिला लिये और मोबिलिटी स्कीम के तहत अपना कोर्स पूरा करने के लिए दूसरे यूरोपीय देश में जाने का विचार कर रहे थे, मोबिलिटी प्रोग्रम को मंजूरी न दिए जाने और नेशनल मेडिकल काउंसिल के हालिया रुख के बाद अब ये इंडियन स्टूडेंट्स काफी चिंतित हैं.

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NEET पास कर भारत के मेडिकल कालेजों में ले सकेंगे दाखिला

यूक्रेन के लौटे स्टूडेंट्स या अन्य कोई स्टूडेंट्स अगर भारत के मेडिकल कॉलेजों में दाखिला लेना चाहते हैं उन्हें हर साल मेडिकल कोर्स में एडमिशन के लिए आयोजित कराई जाने वाली NEET परीक्षा पास करना होगा. परीक्षा पास करने के बाद ऐसे स्टूडेंट्स यहां के मेडिकल कालेजों में प्रवेश ले सकेंगे.

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