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Fewer layoffs in first half of 2023: बिजनेस डेवलपमेंट, मार्केटिंग और ह्यूमन रिसोर्स जैसे सेक्टर भी इस छमाही छटनी से प्रभावित हो सकते हैं.
Fewer layoffs in first half of 2023: साल 2023 की पहली छमाही में कंपनियों की तरफ से होने वाली छंटनी में कमी आने की उम्मीद है. हालांकि फिर भी आईटी सेक्टर के लोग और सीनियर प्रोफेशनल्स इससे कुछ हद तक प्रभावित हों सकते हैं. Naukri.com द्वारा किए गए एक सर्वे में यह खुलासा हुआ है. हालंकि इसके अलावा नए लोगों के खुशखबरी भी है. Naukri.com द्वारा 1,400 रिक्रूटर्स और सलाहकारों के ऊपर किए सर्वे में कहा गया है कि केवल 4 फीसदी लोगों का मानना है कि उनके ऑर्गेनाइजेशन में आने वाले समय में हायरिंग नहीं होगी, यानी 96 फीसदी लोगों का मानना है कि इस छमाही उनके ऑर्गेनाइजेशन में भर्ती निकलेगी.
फ्रेशर्स नहीं होंगे छटनी के शिकार
इस सर्वे के लिए Naukri.com ने 10 सेक्टर्स के लोगों से बातचीत की और उसमें से अधिकतर लोगों का मानना है कि आईटी रोल्स में कुछ छटनी देखी जा सकती है. इसके आलावा बिजनेस डेवलपमेंट, मार्केटिंग और ह्यूमन रिसोर्स जैसे सेक्टर भी इस छमाही छटनी से प्रभावित हो सकते हैं. 20 फीसदी रिक्रूटर्स का मानना है कि आने वाले समय में सीनियर प्रोफेशनल्स की छंटनी हो सकती है. हालांकि सर्वे के अनुसार फ्रेशर्स के ऊपर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा.
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कैंपस हायरिंग पर कंपनियां देंगी जोर
सर्वे में कहा गया है कि 92 प्रतिशत रिक्रूटर्स वैश्विक नौकरी बाजार में अनिश्चितताओं के बावजूद नए साल की पहली छमाही में हायरिंग को लेकर आशान्वित हैं. Naukri.com का कहना है कि सर्वेक्षण में शामिल लगभग आधे लोगों ने रिप्लेसमेंट हायरिंग, 29 फीसदी न्यू जॉब क्रिएशन और 17 फीसदी ने अपने कर्मचारियों की संख्या को बनाए रखने की उम्मीद की. 2023 की पहली छमाही में भारतीय कर्मचारियों को काफी वेतन वृद्धि मिलने की उम्मीद है. वैश्विक स्तर पर हायरिंग ट्रेंड को लेकर मौजूदा अनिश्चितताओं के बावजूद कंपनियां भारत में कैंपस हायरिंग को लेकर धारणा आशावादी है.