/financial-express-hindi/media/post_banners/bbD5HlnaGHYSWdX5KV7M.jpg)
मध्य प्रदेश के इंदौर की एक छात्रा ने NEET में धांधली के जरिए अपनी ओएमआर शीट बदले जाने का आरोप लगाया है. (Representational Image)
NEET Controversy in Madhya Pradesh: मेडिकल कॉलेजों के अंडर-ग्रेजुएट कोर्सेस में एडमिशन के लिए जुलाई में कराई गई नीट (NEET) की परीक्षा अब एक नए विवाद में घिरती नजर आ रही है. नीट की परीक्षा पर यह विवाद मध्य प्रदेश में खड़ा हो गया है, जहां एक छात्रा ने प्रवेश परीक्षा के बाद घोषित अपने रिजल्ट में शून्य अंक मिलने पर हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. इस छात्रा ने परीक्षा में धांधली करके अपनी ओएमआर शीट बदले जाने का शक जाहिर किया है.
हाईकोर्ट ने सरकार से भी मांगा जवाब
छात्रा को जीरो अंक दिए जाने के इस मामले की सुनवाई करते हुए मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (NTA) से लिपाक्षी का मूल रिकॉर्ड तलब किया है. सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार के वकील ने छात्रा का मूल रिकॉर्ड मंगाने के लिए हफ्ते भर की मोहलत मांगी, जिसे अदालत ने मान लिया. हाईकोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 30 सितंबर की तारीख तय की है. साथ ही कहा है कि सरकार की तरफ से इस तारीख तक छात्रा की याचिका पर संक्षिप्त जवाब पेश किया जा सकता है. हाईकोर्ट की इंदौर बेंच के जस्टिस सुबोध अभ्यंकर ने मंगलवार को यह आदेश दिया.
BHU UG Admissions 2022: बीएचयू में एडमिशन के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू, हर सीट पर 41 दावेदार
लिपाक्षी पाटीदार की याचिका पर आदेश
मध्य प्रदेश के आगर-मालवा जिले की रहने वाली 19 साल की लिपाक्षी पाटीदार ने मेडिकल कॉलेज में प्रवेश के लिए इसी साल जुलाई में नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (NEET) दिया था. लेकिन जब परीक्षा का रिजल्ट आया तो उसे बड़ा सदमा लगा. छात्रा का कहना है कि उसका टेस्ट काफी अच्छा हुआ था, लेकिन नतीजों में उसे ज़ीरो यानी शून्य अंक दिए गए हैं.
iPhone 14 खरीदने की इजाजत नहीं दे रहा आपका बजट? तो कैसे पूरा करें अपना शौक?
छात्रा को OMR शीट बदले जाने का शक
छात्रा के वकील धर्मेन्द्र चेलावत के मुताबिक उनकी मुवक्किल लिपाक्षी ने 17 जुलाई को आयोजित नीट परीक्षा में 200 में से 161 ऑब्जेक्टिव प्रश्नों के जवाब दिए थे और उसे सेलेक्ट हो जाने का भरोसा था. लेकिन 7 सितंबर को नतीजे आने पर उसके पैरों तले जमीन खिसक गई, क्योंकि उसे शून्य अंक दिया गया था. वकील के मुताबिक जब उनकी मुवक्किल ने ई-मेल पर भेजी गई ओएमआर शीट देखी, तो उसे फिर सदमा लगा, क्योंकि वह पूरी तरह खाली थी और उसमें एक भी जवाब दर्ज नहीं था. चेलावत ने बताया कि 10वीं और 12वीं की परीक्षाओं में 80 फीसदी से ज्यादा अंक पाने वाली लिपाक्षी को शक है कि उसके साथ फर्जीवाड़ा करके ओएमआर शीट बदल दी गई है.
(इनपुट - पीटीआई)