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पेटीएम ने छोटे शहरों से कर्मचारियों को नियुक्त करने की कोशिशों को दोगुना कर दिया है.
पेटीएम (Paytm) ने छोटे शहरों से कर्मचारियों को नियुक्त करने की कोशिशों को दोगुना कर दिया है और वह उन्हें महामारी के बीच बड़े शहरों में अपने दफ्तरों में आने के बजाय अपनी जगहों से वर्क फ्रॉम होम की इजाजत दे रही है. कंपनी के फाउंडर विजय शेखर शर्मा ने बुधवार को यह कहा है. क्लियर टैक्स ई-इनवॉयसिंग लीडरशिप समिट पर बोलते हुए शर्मा ने कहा कि शुरुआत में जब भी स्थिति ठीक होती है, तो योजना बड़े दफ्तरों में नए कर्मचारियों को लाने की थी.
20-25% कर्मचारी भविष्य में भी जारी रखेंगे वर्क फ्रॉम होम
उन्होंने आगे कहा कि उन्हें समझ आया कि अब वे उन शहरों से नियुक्ति कर सकते हैं, जहां वे पहले नहीं जा रहे थे और लोगों को बड़े शहरों में आने की जरूरत नहीं है. वे इसे दोगुना कर रहे हैं. लोग अब जहां भी वो हैं, चंडीगढ़, जालंधर, ओडिशा, वहां से काम कर सकते हैं. उनकी योजना है कि वे छोटे शहरों में नियुक्ति करें और उन्हें बड़े शहरों में दफ्तरों तक आने के लिए नहीं कहें.
शर्मा ने कहा कि जहां कंपनी ने किसी विशेष मॉडल पर तय नहीं किया है लेकिन लगभग 20 से 25 फीसदी कर्मचारी भविष्य में घर से काम करेंगे. महामारी और उसके बाद लॉकडाउन ने अलग-अलग क्षेत्रों की कंपनियों को कर्मचारियों को घर के काम करने की इजाजत देने के लिए मजबूर कर दिया है. आईटी और आईटी इनेबल्ड सेवाएं देने वाली कंपनियां अब कर्मचारियों के कुछ प्रतिशत को दफ्तर जाए बिना काम करने की इजाजत देने के लिए हाइब्रिड मॉडल लाने पर विचार कर रही हैं.
सरकार का भी वर्क फ्रॉम होम को बढ़ावा
पिछले महीने सरकार ने भी दूसरी सेवाएं देने वालों (OSPs) के लिए आसान गाइडलाइंस का एलान किया था जिसमें BPO और ITeS कंपनियां शामिल हैं. जिससे उन पर अनुपालन के बोझ को घटाया और घर से काम और कहीं से भी काम करने की सुविधा दी जा सके. इंडस्ट्री के लोगों ने कहा था कि इन कदमों से नए नौकरी के अवसर (खासकर छोटे शहरों में) आएंगे, इनोवेशन इकोसिस्टम को बढ़ावा मिलेगा और कर्मचारियों के विकास को समर्थन मिलेगा.