/financial-express-hindi/media/post_banners/X6PxkxhvbFozjSnMxyHl.jpg)
नए नियमों के मुताबिक तीन महीने से अधिक समय की गर्भवती महिलाओं को अस्थाई रूप से अनफिट मानने का प्रावधान किया गया था और डिलीवरी के बाद चार महीने के भीतर बैंक ज्वाइन कर सकती थीं.
SBI Recruitment Rules: देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई ने महिला कैंडिडेट के लिए योग्यता के नियम में बड़ा बदलाव किया था जिस पर विवाद होने के बाद बैंक ने स्थगन का फैसला किया है. नए नियमों के मुताबिक तीन महीने से अधिक समय की गर्भवती महिलाओं को अस्थाई रूप से अनफिट मानने का प्रावधान किया गया था और डिलीवरी के बाद चार महीने के भीतर बैंक ज्वाइन कर सकती थीं.
Press release relating to news items about required fitness standards for recruitment in Bank. Revised instructions about recruitment of Pregnant Women candidates stands withdrawn.@DFS_Indiapic.twitter.com/QXqn3XSzKF
— State Bank of India (@TheOfficialSBI) January 29, 2022
एसबीआई के इस कदम की आलोचना शुरू हो गई थी. इससे पहले करीब 22 वर्ष पहले 2009 में भी ऐसा प्रस्ताव आया था लेकिन विवाद होने पर पीछे हटना पड़ा. ऑल इंडिया स्टेट बैंक ऑफ इंडिया एंप्लाईज एसोसिएशन ने इसे लेकर सवाल उठाए थे. वहीं दूसरी तरफ दिल्ली महिला आयोग ने बैंक को नोटिस भेजकर बैंक से इस गाइडलाइंस को वापस लेने को कहा था. दिल्ली महिला आयोग की प्रमुख स्वाति मालीवाल ने इसे भेदभावकारी और अवैध बताया था.
State Bank of India seems to have issued guidelines preventing women who are over 3 months pregnant from joining service & have termed them as ‘temporarily unfit’. This is both discriminatory and illegal. We have issued a Notice to them seeking withdrawal of this anti women rule. pic.twitter.com/mUtpoCHCWq
— Swati Maliwal (@SwatiJaiHind) January 29, 2022
इस गाइडलाइंस को लेकर विवाद
एसबीआई ने नए कर्मियों व प्रमोट होने वाली महिला कैंडिडेट के लिए मेडिकल फिटनेस गाइडलाइंस में बदलाव किया था. नए नियमों के मुताबिक जिन महिलाओं की प्रेग्नेंसी 3 महीने से अधिक की होगी, उन्हें अस्थाई रूप से फिट माना जाता. ऐसी महिलाओं को बच्चे के जन्म के 4 महीने के भीतर बैंक ज्वाइन करने की मंजूरी मिलती. बैंक की यह नीति रिक्रूटमेंट के लिए 21 दिसंबर 2021 से प्रभावी होती और प्रमोशन के लिए 1 अप्रैल 2022 से प्रभावी होती. अब यह नियम स्थगित होने पर मौजूदा गाइलाइंस के हिसाब से 6 महीने तक की प्रेग्नेंट महिलाओं को बैंक ज्वाइन करने की मंजूरी है..
बैंक के स्टॉफ भी कर रहे विरोध
एसबीआई के नए नियमों का बैंक का स्टॉफ भी विरोध कर रहे थे. सीपीआई के राज्यसभा सांसद बिनॉय विश्वम ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर इस कदम को महिलाओं के अधिकारों का हनन बताते हुए तत्काल इस मेडिकल फिटनेस सर्कुलर को वापस लेने की मांग की थी. ऑल इंडिया स्टेट बैंक ऑफ इंडिया एंप्लाईज एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी केएस कृष्णा ने एसबीआई मैनेजमेंट को पत्र लिखकर इस फैसले को वापस लेने को कहा था. यूनियन ने छह महीने की प्रेग्नेंसी वाले नियम को भी वापस लेने के लिए लिखा है.