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Swiggy Moonlight Policy: स्विगी की खास पॉलिसी, कंपनी में नौकरी कर रहे कर्मचारी दूसरे प्रोजेक्ट पर भी कर पाएंगे काम

Swiggy का कहना है कि अब कंपनी में काम कर रहे कर्मचारी अपनी फाइनेंशियल जरूरतों को पूरा करने के लिए खाली टाइम में किसी दूसरे प्रोजेक्ट पर भी काम कर सकते हैं.

Swiggy का कहना है कि अब कंपनी में काम कर रहे कर्मचारी अपनी फाइनेंशियल जरूरतों को पूरा करने के लिए खाली टाइम में किसी दूसरे प्रोजेक्ट पर भी काम कर सकते हैं.

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FE Hindi Desk
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Swiggy Moonlight Policy: स्विगी की खास पॉलिसी, कंपनी में नौकरी कर रहे कर्मचारी दूसरे प्रोजेक्ट पर भी कर पाएंगे काम

किसी कंपनी में काम कर रहे हैं तो दूसरी कंपनी के प्रोजेक्ट पर काम करने की मनाही होती है. (File)

Moonlight Policy: अगर आप किसी एक कंपनी में काम कर रहे हैं तो किसी दूसरी कंपनी के प्रोजेक्ट पर काम करने की मनाही होती है. लेकिन आनलाइन फूड एग्रीगेटर कंपनी Swiggy अपने कर्मचारियों के लिए खास योजना मूनलाइट पॉलिसी लेकर आई है. Swiggy का कहना है कि अब कंपनी में काम कर रहे कर्मचारी अपनी फाइनेंशियल जरूरतों को पूरा करने के लिए खाली टाइम में किसी दूसरे प्रोजेक्ट पर भी काम कर सकते हैं. इसकी उन्हें छूट होगी. यानी कंपनी में काम करते हुए एक तरह से वे दूसरी जॉब भी कर पाएंगे.

क्यों खास है मून लाइट पॉलिसी

Swiggy की मून लाइट पॉलिसी के मुताबिक, कंपनी के कर्मचारी अपने वर्किंग ऑवर्स के बाद कोई भी दूसरी जॉब करने के लिए स्वतंत्र होंगे. बशर्ते कंपनी की प्रोडक्टिविटी प्रभावित न होने पाए. कंपनी की तरफ से कहा गया है कि दूसरी जॉब के रूप में आप किसी एनजीओ के साथ काम कर सकते हैं, डांस इंस्ट्रक्टर के रूप में काम या किसी भी अन्य प्रोजेक्ट पर काम कर सकते हैं. Swiggy ने कहा कि कंपनी अपने कर्मचारियों की रूरतों को ध्यान में रखते हुए यह पॉलिसी लेकर आई है.

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अभी लगभग 5000 कर्मचारी

जानकारी के अनुसार Swiggy में अभी लगभग 5000 कर्मचारी काम करते हैं. अपनी इस पॉलिसी के पीछे की बड़ी वजह का खुलासा करते हुए कंपनी ने कहा है कि हमने हमेशा अपने कर्मचारियों की इच्छाओं को समझने और उनकी उभरती जरूरतों के अनुसार पॉलिसी में बदलाव की कोशिश की है. Swiggy के मुताबिक, संबंधित सेक्टर में उसके द्वारा शुरू की गई पॉलिसी अपनी तरह की पहली पॉलिसी है. कंपनी ने मून लाइट पॉलिसी को पेश करते हुए कहा कि, कर्मचारी इस बात का ध्यान रखें कि, किसी भी तरह से Swiggy के साथ हितों का टकराव नहीं होना चाहिए.

पॉलिसी को लागू कर पाना आसान नहीं

मून लाइट पॉलिसी के बारे में Ipsos India की Marcom & Content Lead मधुरिमा भाटिया का मानना है कि कन्वेंशनल कंपनियों के लिए मून लाइट जैसी पॉलिसी को लागू कर पाना आसान नहीं है. Swiggy जैसी कंपनियां ऐसी पॉलिसी आसानी से लागू कर सकती हैं क्योंकि उनका कुछ स्टाफ कॉन्ट्रैक्ट बेसिस पर होता है. मून लाइट पॉलिसी ऐसे कर्मचारियों के लिए एक अच्छा अवसर साबित हो सकती है.

65% लोग करते हैं पार्ट टाइम जॉब

कोटक इंस्टिट्यूशनल इक्विटीज द्वारा 400 लोगों पर किए गए एक सर्वे में एक चौंका देने वाला तथ्य सामने आया कि करीब 65 फीसदी लोग जो वर्क फ्रॉम होम करते हैं, साथ में पार्ट टाइम काम भी करते या तलाशते हैं.

अमेजन के पास भी है मून लाइट जैसी पॉलिसी

अमेजन के एक स्पोकपरसन ने जानकारी दी कि कंपनी की एक अमेजन फ्लेक्स नाम की पॉलिसी है. यह पॉलिसी कंपनी के डिलीवरी पार्टनर्स के लिए डिजाइन की गई है. उन्होंने आगे कहा कि हमारे डिलेवरी पार्टनर अपनी शिफ्ट खत्म होने के बाद कोई भी दूसरा काम करने के लिए स्वतंत्र हैं.

Xpheno के को-फाउंडर कमल कारंथ मून लाइट पॉलिसी को महज एक पीआर स्टंट मानते हैं. उनका कहना है कि अगर किसी भी वजह से कंपनी की प्रोडक्टिविटी में गिरावट आई तो उसके लिए मून लाइट पॉलिसी को ही जिम्मेदार माना जाएगा.

(Written by Tushar Goenka)

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