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TCS में बड़ी छंटनी की तैयारी, 12,000 से ज्यादा कर्मचारियों की जाएगी नौकरी

TCS की यह छंटनी मुख्य रूप से मिड और सीनियर लेवल के कर्मचारियों को प्रभावित करेगी. यानी जिन लोगों ने वर्षों तक कंपनी को अपना अनुभव दिया है, वही अब सबसे ज्यादा जोखिम में हैं.

TCS की यह छंटनी मुख्य रूप से मिड और सीनियर लेवल के कर्मचारियों को प्रभावित करेगी. यानी जिन लोगों ने वर्षों तक कंपनी को अपना अनुभव दिया है, वही अब सबसे ज्यादा जोखिम में हैं.

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FE Hindi Desk
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Tata Consultancy Services : अप्रैल-जून 2025 की तिमाही के दौरान TCS के पास कर्मचारियों की कुल संख्या 6,13,000 थी, लेकिन अगले वित्त वर्ष में कंपनी 2% यानी करीब 12,200 कर्मचारियों की छंटनी करेगी. (File Photo : Reuters)

TCS Job Cuts: भारत की दिग्गज IT कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) एक बड़े फैसले की ओर बढ़ रही है. कंपनी अगले वित्त वर्ष 2026 में अपनी वर्कफोर्स का करीब 2% हिस्सा घटाने की योजना बना रही है, जिसका मतलब है कि लगभग 12,200 कर्मचारियों की नौकरियां खतरे में हैं. यह कदम ऐसे समय पर उठाया जा रहा है जब पूरा IT सेक्टर मांग में कमी, वैश्विक अनिश्चितताओं और तकनीकी बदलावों के दौर से गुजर रहा है.

किसे होगा सबसे ज्यादा असर?

रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, TCS की यह छंटनी मुख्य रूप से मिड और सीनियर लेवल के कर्मचारियों को प्रभावित करेगी. यानी जिन लोगों ने वर्षों तक कंपनी को अपना अनुभव दिया है, वही अब सबसे ज्यादा जोखिम में हैं.

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AI और नई टेक्नोलॉजी बनी वजह

TCS का कहना है कि वह अपने कर्मचारियों को नई तकनीकों और AI स्किल्स में दोबारा ट्रेनिंग दे रही है, ताकि उन्हें कंपनी के नए बिजनेस क्षेत्रों में तैनात किया जा सके. लेकिन इसके बावजूद कुछ पद अब जरूरी नहीं रह गए हैं, जिनका हटाया जाना कंपनी की रणनीतिक योजना का हिस्सा है.

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सेवाओं पर असर नहीं होगा - कंपनी का दावा

TCS ने यह भी साफ किया है कि यह पूरी प्रक्रिया बड़ी सावधानी और रणनीति के साथ की जा रही है, जिससे कंपनी के क्लाइंट्स को मिलने वाली सेवाओं पर कोई नकारात्मक असर नहीं पड़ेगा.

IT सेक्टर का संकट गहराया

भारत का 283 अरब डॉलर का IT सेक्टर फिलहाल कई चुनौतियों से जूझ रहा है. अमेरिका और यूरोप जैसे बड़े बाजारों से कमज़ोर मांग, बिजनेस फैसलों में देरी, महंगाई और नीतिगत अनिश्चितता के कारण प्रोजेक्ट्स में सुस्ती आ गई है.

TCS के CEO के. कृतिवासन ने भी हाल में माना था कि क्लाइंट्स नए प्रोजेक्ट शुरू करने में हिचकिचा रहे हैं और उनके फैसलों में लगातार देरी हो रही है.

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