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TCS Hiring : फ्रेश ग्रेजुएट्स के लिए अच्छी खबर, इस साल कैंपस से 40 हजार भर्तियां करेगी TCS

TCS ने वित्त वर्ष 2020-21 में भी 40 हजार फ्रेश ग्रेजुएट्स की भर्ती की थी. वित्त वर्ष 2021-22 में भी कंपनी की कम से कम उतने ही फ्रेशर्स को भर्ती करने की योजना है.

TCS ने वित्त वर्ष 2020-21 में भी 40 हजार फ्रेश ग्रेजुएट्स की भर्ती की थी. वित्त वर्ष 2021-22 में भी कंपनी की कम से कम उतने ही फ्रेशर्स को भर्ती करने की योजना है.

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TCS Hiring : फ्रेश ग्रेजुएट्स के लिए अच्छी खबर, इस साल कैंपस से 40 हजार भर्तियां करेगी TCS

टीसीएस ने 2020-21 में भी 40 हजार फ्रेश ग्रेजुएट्स की भर्ती की थी.

TCS Hiring : देश की सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर एक्सपोर्टर कंपनी TCS इस साल कॉलेज से निकले 40 हजार ग्रेजुएट्स को नौकरी देगी. प्राइवेट सेक्टर की सबसे बड़ी एम्पलॉयर इस कंपनी ने पिछले साल भी 40 हजार फ्रेश ग्रेजुएट्स की हायरिंग की थी. कंपनी के ग्लोबल एचआर चीफ मिलिंद लक्कड़ ने कहा कि पांच लाख कर्मचारियों वाली उनकी कंपनी ने वित्त वर्ष 2020-21 में 40 हजार फ्रेश ग्रेजुएट्स की भर्ती की थी. वित्त वर्ष 2021-22 में भी टीसीएस कैंपस से 40 हजार फ्रेश ग्रेजुएट्स की भर्ती करेगी.

'कोरोना पाबंदियों का हायरिंग पर कोई असर नहीं'

उन्होंने कहा कि कोविड-19 प्रतिबंधों का हायरिंग पर कोई असर नहीं पड़ेगा. पिछले साल 3.60 लाख ग्रेजुएट्स वर्चुअली इंटरव्यू में उपस्थित हुए थे. पिछले साल कंपनी ने कैंपस से 40 हजार भर्तियां की थीं. इस साल भी इतने ही फ्रेश ग्रेजुएट्स भर्ती किए जाएंगे. इस साल लेटरल हायरिंग भी अच्छी रहेगी. कंपनी ने पिछले साल अमेरिकी कैंपस से 2000 ट्रेनियों की भर्ती की थी. इस साल भी ये भर्तियां होंगी. हालांकि इस साल कितनी भर्तियां होंगी यह नहीं बताया गया है.

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नई भर्तियों में तीन महीने का वक्त लग सकता है

लक्कड़ ने कहा कि कॉलेज कैंपस से भर्ती के लिए काफी प्लानिंग होती है. जब बिजनेस डील साइन होते हैं तो तुरंत भर्तियां नहीं होती हैं. इसमें थोड़ा समय लगता है. भर्ती प्रक्रिया शुरू होने से लेकर किसी प्रोजेक्ट में कैंडिडेट को ज्वाइन कराने में तीन महीने से अधिक का वक्त लग जाता है. कंपनी के सीओओ एन गणपति सुब्रमण्यम का कहना है कि भारत में टैलेंट सप्लाई में कोई दिक्कत नहीं है. कंपनी इसकी बढ़ती लागतों को लेकर भी चिंतित नहीं.

लक्कड़ ने कहा कि अभी एट्रिशन रेट (नौकरी छोड़ कर जाने की दर ) आठ फीसदी है, जो काफी कम है. कोविड के बाद हालात सामान्य होने पर यह 12 फीसदी तक जा सकता है जो कि सामान्य है. अगर एट्रिशन रेट हाई भी रहता है तो भी कंपनी का ऑपरेटिंग मॉडल ऐसा है कि इससे इसके काम और मार्जिन पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा.

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