/financial-express-hindi/media/post_banners/uVAwZ2n9IpvIXcTnMDOR.jpg)
UGC वर्किंग प्रोफेशनल्स के लिए पार्ट टाइम पीएचडी प्रोग्राम लाने की योजना बना रहा है.
Part-Time PhD: अगर आप पीएचडी करना चाहते हैं लेकिन नौकरी के चलते आपके लिए यह संभव नहीं हो पा रहा है तो आपके लिए खुशखबरी है. यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (UGC) वर्किंग प्रोफेशनल्स के लिए पार्ट टाइम पीएचडी प्रोग्राम लाने की योजना बना रहा है. यूजीसी के वॉइस चेयरमैन एम जगदीश कुमार ने बताया कि दुनिया भर के प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी में पार्ट टाइम पीएचडी प्रोग्राम पेश किए जाते हैं. कुमार ने कहा, "पार्ट टाइम पीएचडी प्रोग्राम में यूनिवर्सिटी फैकल्टी पीएचडी छात्रों को रेगुलेट करते हैं. स्टूडेंट्स अपने मेंटर के परामर्श से अपने विषय पर स्वतंत्र रूप से रिसर्च करते हैं. ऐसे पार्ट टाइम पीएचडी प्रोग्राम दुनिया भर के बेस्ट कॉलेजों में उपलब्ध हैं. फिर, हमारे भारतीय कॉलेजों में क्यों नहीं?"
नौकरी छोड़ने या लंबी छुट्टी लेने की नहीं पड़ेगी जरूरत
प्रोफेसर कुमार मद्रास के पूर्व छात्र हैं और आईआईटी दिल्ली में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग में फैकल्टी थे. उन्होंने कहा कि आईआईटी सिस्टम में पार्ट टाइम पीएचडी बहुत आम है. उन्होंने आगे बताया, "ऐसे छात्रों को अपने पहले या दूसरे सेमेस्टर के दौरान कैंपस में कोर्स वर्क जरूरतों को पूरा करना होगा. या यदि वे उसी शहर में रह रहे हैं जहां यूनिवर्सिटी स्थित है, तो वे लेक्चर में भाग ले सकते हैं और अपने काम पर वापस जा सकते हैं. ऐसे पार्ट टाइम पीएचडी प्रोग्राम उन प्रोफेशनल्स के लिए अच्छा है जो पीएचडी करने के लिए लंबी छुट्टी नहीं ले सकते.”
Ola-Uber जैसे एग्रीगेटर्स के लिए अनिवार्य होगा इलेक्ट्रिक व्हीकल, दिल्ली सरकार करने जा रही है फैसला
क्या होंगे एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया
उन्होंने आगे बताया कि एलिजिबिलिटी की शर्तें फुल टाइम और पार्ट टाइम दोनों कैंडिडेट्स के लिए समान होने की संभावना है. हालांकि, डॉक्टरेट प्रोग्राम के लिए नामांकित होने के लिए पार्ट टाइम पीएचडी कैंडिडेट्स को अपने ऑर्गेनाइजेशन से NOC हासिल करना होगा.
(इनपुट-इंडियन एक्सप्रेस)