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Vacant Post in Kendriya Vidyalayas: मध्य प्रदेश के केंद्रीय विद्यालयों में सबसे अधिक 1,277 पद खाली हैं. तमिलनाडु में 1,220 पद, कर्नाटक में 1,053 पद और पश्चिम बंगाल में 1,043 पद खाली हैं.
Vacancy in Kendriya Vidyalayas: देश के केंद्रीय विद्यालयों में टीचरों और कर्मचारियों की भारी कमी है. केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने पार्लियामेंट में कहा है कि देशभर में संचालित केंद्रीय विद्यालयों में 14000 से अधिक टीचिंग और नॉन टीचिंग पद खाली हैं. संसद में दिए गए आकड़ों के मुताबिक मध्य प्रदेश के केंद्रीय विद्यालयों में सबसे अधिक 1,277 पद खाली हैं. तमिलनाडु में 1,220 पद, कर्नाटक में 1,053 पद और पश्चिम बंगाल में 1,043 पद खाली हैं. सिक्किम में सबसे कम टीचर और कर्मचारी के 12 पद खाली हैं. शिक्षा मंत्री ने कहा कि केंद्रीय विद्यालय संगठन यानी केवीएस (KVS) ने खाली पदों पर भर्ती के लिए प्रकिया शुरू कर दी है.
केंद्रीय विद्यालयों में 14461 पद खाली
सोमवार को एक सांसद के सवाल के जवाब देते हुए लोकसभा में राज्य शिक्षा मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने बताया कि केन्द्रीय विद्यालय संगठन यानी केवीएस (KVS) ने जानकारी दी है कि देश भर में संचालित केन्द्रीय विद्यालय में 14,461 टीचिंग और नॉन टीचिंग पदों खाली हैं. उन्होंने कहा कि केन्द्रीय विद्यालय संगठन ने इन खाली पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. हाल ही में केवीएस ने टीचिंग और नॉन टीचिंग पदों पर नियुक्ति के लिए विज्ञापन जारी किए हैं. राज्य शिक्षा मंत्री ने सदन में कहा कि खाली पदों को भरने की प्रक्रिया लगातार चलने वाली है और इस प्रक्रिया में रिक्रूटमेंट के नियमों के अनुसार रिक्त पदों पर तैनाती की जाती है इस दौरान उन्होंने बताया कि केवीएस में कॉन्ट्रैक्ट बेसिस यानी ठेके पर भी अनिश्चित समय के लिए शिक्षकों को नियुक्त किया जाता है ताकि टीचिंग और लर्निंग की प्रक्रिया में किसी तरह की बाधा न आए.
इस सत्र में KVS के कर्मचारियों की नही होगी ट्रांसफर
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सोमवार को बताया कि केंद्रीय विद्यालयों की नियमित वार्षिक ट्रांसफर रिक्वेस्ट की प्रक्रिया को 2022-23 शैक्षणिक सत्र के लिए सस्पेंड कर दी गई है. लोकसभा में एक सवाल के जवाब में केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा कि केंद्रीय विद्यालय संगठन (KVS) राष्ट्रीय स्तर की एक सरकारी संगठन है. ये संगठन अपने कर्मचारियों के कल्याण को बड़ी कुशलतापूर्वक और समय पर सुनिश्चित कराती है. इसमें कर्माचारियों के ट्रांसफर के मामले भी शामिल हैं. इसके अलावा ये संगठन छात्रों के पढ़ाई और बेहतर टीचिंग की क्वालिटी भी सुनिश्चित कराती है.
धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि कड़ी चुनौतियों वाले जगहों पर तैनात केवीएस कर्मचारियों को अपने कार्यकाल से अधिक समय तक रहने के लिए मजबूर किया गया क्योंकि केवीएस के कर्मचारियों का ट्रांसफर प्रभावी नहीं हो सका. केवीएस ने स्कूल में पर्याप्त संख्या में नियमित शिक्षकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए एक खास तरह की पहल भी की है. इस दौरान उन्होंने बताया कि केवीएस की नियमित वार्षिक अनुरोध स्थानांतरण प्रक्रिया को वर्तमान शैक्षणिक सत्र (2022-23) के लिए संस्पेंड कर दिया गया है. शिक्षा मंत्री ने कहा कि ट्रांसफर और समय-समय पर रिटायरमेंट के कारण पद खाली होते हैं. इन्हें भरने की प्रक्रिया लगातार चलती रहती है.
(इनपुट : पीटीआई)