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Akshay Tritiya: इस साल 22 अप्रैल को अक्षय तृतीया है, जिसके पहले सोने में निवेश को लेकर चर्चा है.
Buy Gold on Akshay Tritiya 2023: इस साल 22 अप्रैल को अक्षय तृतीया है, जिसके पहले एक बार फिर सोने में निवेश को लेकर चर्चा शुरू हो गई है. असल में अक्षय तृतीया पर सोना खरीदना शुभ माना जाता है. हालांकि अब निवेशक स्मार्ट हो गए हैं. पहले जहां एक सेंटीमेंट में या परंपरा समझकर इस मौके पर सोना खरीदा जाता था, अब निवेशक इस बात का गुणा भाग जरूर करते हैं कि अगर सोने में पैसा लगा रहे हें, तो उसका रिटर्न आगे कैसा रहेगा. इस बार निवेशक इसलिए भी सतर्क हैं क्योंकि सोना एमएसीएक्स पर पहले से ही रिकॉर्ड हाई के करीब है और यह 60500 रुपये प्रति 10 ग्राम के आस पास ट्रेड कर रहा है. हालांकि एक्सपर्ट का कहना है कि सोने में इस अक्षय तृतीया निवेश करना चाहिए. पिछले 20 साल में अक्षय तृतीया से अक्षय तृतीया तक मिलने वाले रिटर्न का औसत देखें तो अगले एक साल में 12 फीसदी रिटर्न मिल सकता है. दूसरी ओर वैसे भी सोने में तेजी आने के कुछ कारण पहले से मौजूद हैं.
अक्षय तृतीया 2003 से अबतक 970% रिटर्न
आईआईएफएल के वीपी-रिसर्च, अनुज गुप्ता का कहना है कि बीते 20 साल के रिटर्न चार्ट पर नजर डालें तो सोने ने अक्षय तृतीया 2003 से इस साल अक्षय तृतीया के आस पास 20 साल में 970 फीसदी रिटर्न दिया है.
सोना 4 मई 2003 को अक्षय तृतीया पर 5756 रुपये प्रति 10 ग्राम था. वहीं अभी यह 60500 रुपये के करीब है. शॉर्ट टर्म ट्रेंड देखें तो 22 अप्रैल 2023 को अक्षय तृतीया के मौके पर यह 60300 से 60500 रुपये प्रति 10 ग्राम की रेंज में रह सकता है. गर यह अंतर देखें तो 20 साल में सोने ने 60500-5656 = 54844 रुपये प्रति 10 ग्राम या 970 फीसदी के आस पास रिटर्न दिया है.
4 मई 2003 को सोना 5756 रुपये पर था, जो 13 मई 2013 को अक्षय तृतीया पर 26854 रुपये प्रति 10 ग्राम पर था. वहीं इस साल अभी यह 60500 रुपये के करीब है. रिटर्न देखें तो इस दौरान सिर्फ 5 साल ऐसे रहे हैं, जब निगेटिव रिटर्न मिला है, बाकी 15 साल रिटर्न पॉजिटिव रहा. 2006 में सालाना आधार पर 58 फीसदी रिटर्न मिला. वहीं 2008, 2009 और 20109 में सालाना आधार पर 22 फीसदी, 26.50 फीसदी और 26 फीसदी रिटर्न मिला, जबकि 2012 में 32 फीसदी. 2023 में सालाना आधार पर 19 फीसदी रिटर्न का अनुमान है.
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चांदी में 20 साल में रिटर्न: 900%
20 साल के रिटर्न चार्ट पर नजर डालें तो चांदी ने अक्षय तृतीया 2003 से इस साल अक्षय तृतीया के आस पास 20 साल में 900 फीसदी रिटर्न दिया है.
चांदी 4 मई 2003 को अक्षय तृतीया पर 7550 रुपये प्रति किलो पर थी. वहीं अभी यह 75665 रुपये के करीब है. यह अंतर देखें तो 20 साल में चांदी ने 75665-7550= 68115 रुपये प्रति किलो या 900 फीसदी के आस पास रिटर्न दिया है.
सोने में अभी क्यों करना चाहिए निवेश
विंडमिल कैपिटल और स्मॉलकेस मैनेजर के वरिष्ठ निदेशक - निवेश उत्पाद, नवीन केआर के अनुसार वित्त वर्ष 24 में भी सोने से अच्छा रिटर्न मिलने की उम्मीद है. महंगाई अभी भी हाई लेवल पर है. इक्विटी बाजारों में अस्थिरता सोने को आकर्षक विकल्प बनाए रखेगी. उनका कहना है कि ग्लोबल बाजारों में अनिश्चितता के चलते वित्त वर्ष 2023 के दौरान सोना फोकस में रहा है. महंगाई और मंदी की चिंताओं के कारण इक्विटी बाजारों में उतार-चढ़ाव बने रहने की उम्मीद है, इसलिए सोने पर फोकस बना रहेगा. क्योंकि निवेशक महंगाई और अनिश्चितता में सुरक्षा चाह रहे हैं. आम तौर पर, जब इक्विटी बाजार में गिरावट होती है तब सोना महंगाई के खिलाफ बचाव के रूप में कार्य करता है और निवेश में सुरक्षा देता है.
उनके अनुसार मंदी की आशंकाओं और अमेरिका में आर्थिक गतिविधियों में मंदी के कारण सोने की मांग मजबूत होने की उम्मीद है. ऐसे में इस अक्षय तृतीया सोने में निवेश किया जा सकता है. विंडमिल कैपिटल के अनुसार FY24 में सोने से 12 फीसदी रिटर्न मिलने की उम्मीद है. यह पिछले 20 साल के औसत की तर्ज पर रिटर्न अनुमान है. रिपोर्ट के अनुसार निवेशक गोल्ड ETF और सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड यानी SGB में निवेश करने का विकल्प चुन सकते हैं.
गोल्ड को सपोर्ट देने के और कारण
यूएस फेड इस साल की दूसरी छमाही से पहले अपनी एग्रेसिव मॉनेटरी पॉलिसी के रुख को खत्म कर सकता है. साल 2000 में जब यूएस फेड ने ब्याज दरों पर पॉज लगाया था तो सोने में 55 फीसदी की ग्रोथ आई, वहीं जब 2006 में पॉज लगा तो सोना 230 फीसदी चढ़ा. वहीं जब जब फेड ने 2008 में पॉज लगाया तो सोने में 70 फीसदी तेजी आई. वहीं इस बार भी यूएस फेड पॉज लगाने जा रहा है, ऐसे में आगे भी सोने में तेजी आने की उम्मीद है.
आगे ब्याज दरों में कटौती की भी संभावना है, जिसका मतलब है कि वास्तविक ब्याज दरें कम रहेंगी, जिससे सोने के लिए एक आकर्षक वातावरण तैयार होगा.
सोने में तेजी के पीछे केंद्रीय बैंकों द्वारा बढ़ रही खरीदारी भी है. केंद्रीय बैंक अनिश्चितता के दौर में सोने का रिजर्व बढ़ा रहे हैं, क्योंकि सोना, मुद्रा की तरह एक सुरक्षित और लिक्विड एसेट है और डाइवर्सिफिकेशन का बेनेफिट देता है.