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Cotton Prices: अगस्त में 8% महंगा हुआ कॉटन, गिरावट के बाद क्यों आने लगी तेजी, आगे क्या है आउटलुक

Cotton Price Outlook: अगस्‍त में अबतक कॉटन करीब 8 फीसदी महंगा हो चुका है. देश में कॉटन उत्पादक इलाकों में भारी बारिश और कीड़ों की वजह से फसल खराब होने की खबरें हैं

Cotton Price Outlook: अगस्‍त में अबतक कॉटन करीब 8 फीसदी महंगा हो चुका है. देश में कॉटन उत्पादक इलाकों में भारी बारिश और कीड़ों की वजह से फसल खराब होने की खबरें हैं

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Sushil Tripathi
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Cotton Prices: अगस्त में 8% महंगा हुआ कॉटन, गिरावट के बाद क्यों आने लगी तेजी, आगे क्या है आउटलुक

कॉटन की कीमतों में एक बार फिर तेजी देखने को मिल रही है. (File)

Cotton Prices Outlook: कॉटन की कीमतों में एक बार फिर तेजी देखने को मिल रही है. अगस्‍त में अबतक कॉटन करीब 8 फीसदी महंगा हो चुका है. देश में कॉटन उत्पादक इलाकों में भारी बारिश और कीड़ों की वजह से फसल खराब होने की खबरें हैं, जिससे उत्‍पादन का अनुमान बिगड़ा है और कीमतों को सपोर्ट मिल रहा है. एक्‍सपर्ट का कहना है कि लगातार बारिश ने कपास की फसल पर नकारात्मक असर पड़ा है और ऐसा लग रहा है कि कॉटन की कीमतों ने इस साल देश में अनुमानित ज्यादा फसल के आंकड़े को नजरअंदाज कर दिया है. ऐसे में अब कॉटन में ज्‍यादा गिरावट का अनुमान नहीं है.

कीमतें रेंजबाउंड रहने का अनुमान

ओरिगो ई मंडी के असिस्टेंट जनरल मैनेजर (कमोडिटी रिसर्च) तरुण तत्संगी का कहना है कि लगातार बारिश ने कॉटन की फसल को नुकसान पहुंचाया है. अब पहले के अनुमान के मुताबिक उत्‍पादन मुश्किल लग रहा है. उनके मुताबिक शॉर्ट टर्म में घरेलू हाजिर बाजार में कॉटन का भाव 45,455 रुपये से 47,500 रुपये प्रति के दायरे में कारोबार करेगा. हालांकि कटाई की शुरुआत के साथ ही भाव धीरे-धीरे कम होने लगेगा और एक बार फिर यह 40,000 रुपये के नीचे लुढ़क सकता है. उसके नीचे जाने पर भाव 35,000 रुपये प्रति गांठ के आस-पास पहुंच सकता है. उनका कहना है कि निचले स्तर तक जाने के लिए भाव को 45,455 रुपये के नीचे गिरना होगा.

21% बढ़ा ICE कॉटन दिसंबर वायदा

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पिछले कुछ दिनों में आईसीई कॉटन दिसंबर वायदा का भाव 21 फीसदी बढ़ चुका है और भाव ने पिछले हफ्ते की वीकली क्‍लोजिंग 116.01 सेंट प्रति पाउंड से पहले 8 हफ्ते की ऊंचाई 119.59 सेंट प्रति पाउंड को छू लिया था. तरुण तत्संगी का कहना है कि अमेरिका में कपास की फसल और एंडिंग स्टॉक में तेज गिरावट की आशंका के चलते कीमतों में मजबूती देखने को मिली है. उनका कहना है कि सामान्‍य तौर पर कच्चे तेल में गिरावट और अमेरिकी डॉलर में मजबूती की वजह से कॉटन की कीमतों में गिरावट देखने को मिलती है. हालांकि अभी कच्चा तेल और अमेरिकी डॉलर का कॉटन के साथ यह संबंध टूटा हुआ दिखाई पड़ रहा है. उनका कहना है कि अमेरिकी डॉलर में जहां पहले कमजोरी देखने को मिली थी, वहीं बाद में मंदी के भय के चलते मजबूती देखने को मिल रही है. 

कपास का रकबा बढ़ा

एक्‍सपर्ट के अनुसार अमेरिका में कपास की फसल कमजोर रहने के साथ ही भारतीय फसल के आंकड़ों के बारे में अनिश्चितता की वजह से शॉर्ट टर्म में कॉटन की कीमतों में भारी उठापटक का माहौल रहेगा. घरेलू बाजार में इस महीने के आखिर तक या अगले महीने की शुरुआती 15 दिन के अंदर बहुत कुछ साफ हो जाएगा लेकिन अमेरिका में कपास की फसल ऐतिहासिक स्तर पर कमजोर रहने से वैश्विक बाजार पर इसका निश्चित रूप से निगेटिव असर पड़ेगा. ताजा आंकड़ों के मुताबिक पिछले हफ्ते तक देशभर में कपास की बुआई 123.10 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है, जो कि पिछले साल की समान अवधि की 116.2 लाख हेक्टेयर की तुलना में 6 फीसदी ज्यादा है.

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