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Cotton Price Outlook: बड़ी गिरावट के बाद संभला कॉटन! ये फैक्टर थाम सकते हैं कमजोरी, कीमतों को लेकर ये है अनुमान

घरेलू बाजार में कॉटन इस साल के हाई 50330 रुपये प्रति गांठ से करीब 16 फीसदी कमजोर होकर 42300 रुपये प्रति गांठ पर आ गया है. हालांकि बीते कुछ दिनों से इसमें रिकवरी है.

घरेलू बाजार में कॉटन इस साल के हाई 50330 रुपये प्रति गांठ से करीब 16 फीसदी कमजोर होकर 42300 रुपये प्रति गांठ पर आ गया है. हालांकि बीते कुछ दिनों से इसमें रिकवरी है.

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Sushil Tripathi
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Cotton Price Outlook: बड़ी गिरावट के बाद संभला कॉटन! ये फैक्टर थाम सकते हैं कमजोरी, कीमतों को लेकर ये है अनुमान

घरेलू और विदेशी बाजारों में पिछले दिनों कॉटन की कीमतों में अच्छी खासी गिरावट रही है. (File)

Cotton Prices: घरेलू और विदेशी बाजारों में इस साल कॉटन की कीमतों में अच्छी खासी गिरावट देखने को मिली है. घरेलू बाजार की बात करें तो कॉटन इस साल के हाई 50330 रुपये प्रति गांठ से करीब 16 फीसदी कमजोर होकर 42300 रुपये प्रति गांठ पर आ गया है. हालांकि बीते कुछ दिनों से इसमें रिकवरी है. एक्सपर्ट का कहना है कि कॉटन को लेकर अभी ट्रेंड मिले जुले नजर आ रहे हैं. ग्लोबली मंदी के डर, ड्यूटी फ्री इंपोर्ट, चीन में कोरोना वायरस के चलते डिमांड में कमजोरी और डॉलर में मजबूती के चलते कॉटन की कीमतों में गिरावट आई है. वहीं दूसरी ओर इस साल अबतक बुआई का एरिया उतना ज्यादा नहीं बढ़ा है, जितना अनुमान था. वहीं रुपये में गिरावट के चलते इंपोर्ट भी कम हुआ है. फिलहाल शॉर्ट टर्म में कॉटन 38000 रुपये से 45000 रुपये की रेंज में रह सकता है.

कॉटन को लेकर मिक्स्ड ट्रेंड

केडिया एडवाइजरी के डायरेक्टर अजय केडिया का कहना है कि कॉटन को लेकर फिलहाल ट्रेंड मिक्स्ड नजर आ रहे हैं. अच्छी खासी गिरावट के बाद कॉटन में पिछले 2-3 दिनों से रिकवरी आई है. उनका कहना है पिछले दिनों कॉटन के ऊंचे भाव को देखते हुए इस सीजन में बंपर बुआई का अनुमान था. लेकिन अबतक के आंकड़ों में बुआई का एरिया पिछले साल की तुलना में 3 से 4 फीसदी ही बढ़ा है. सरकार ने कीमतों को नीचे लाने के लिए ड्यूटी फ्री इंपोर्ट कर दिया. लेकिन रुपये में बड़ी गिरावट के चलते इंपोर्ट भी बहुत ज्यादा नहीं हो पा रहा है. ये कॉटन की कीमतों को सपोर्ट देने वाले फैक्टर हैं.

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दूसरी ओर दुनिसाभर में मंदी की आशंका के चलते डिमांड में कमजोरी नजर आ रही है. चीन में कोविड 19 के मामले बढ़ने से डिमांड गिरा है. चीन दुनिया में कॉटन का सबसे बड़ा इंपोर्टर है और ग्लोबल इंपोर्ट में चीन की 21 फीसदी हिस्सेदारी है. डॉलर इंडेक्स में लगातार मजबूती आ रही है. पैदावार पिछले साल से ज्यादा रहने का अनुमान है. ये सारे फैक्टर कॉटन की कीमतों पर दबाव बढ़ाने वाले हैं.

रेंज में रहेगा कॉटन

अजय केडिया का कहना है कि शॉर्ट टम की बात करें तो कॉटन का भाव 38000 रुपये 45000 रुपये की रेंज में रह सकता है. इसमें बहुत ज्यादा गिरावट की आशंका कम ही है. कॉटन बीते हफ्ते में करीब 3 फीसदी रिकवर हुआ है. हालांकि एक महीने में इसमें 10 फीसदी से ज्यादा गिरावट आई है. इस साल अबतक कॉटन 24 फीसदी और बीते 1 साल की बात करें तो यह 65 फीसदी से ज्यादा मजबूत हुआ है. बीते 3 साल में कॉटन का भाव करीब 2 गुना हो चुका है.

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