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गेहूं के मामले में अधिक उत्पादन से संकेत मिलता है कि गेहूं की घरेलू उपलब्धता बढ़ेगी और गेहूं और आटे (गेहूं का आटा) की खुदरा कीमतों में भी गिरावट देखने को मिलेगी.
Food Production will increased in Crop Year 2022-23: चालू फसल वर्ष-2022-23 (Crop Year 2022-23) में देश के फूड प्रोडक्शन (Food Production) में बढ़ोतरी होने की उम्मीद है. चालू फसल वर्ष में फूड प्रोडक्शन 32 करोड़ 35.5 लाख टन के रिकॉर्ड हाई पर पहुंचने की उम्मीद है. फूड प्रोडक्शन बढ़ने का सबसे बड़ा कारण धान और गेहूं का रिकॉर्ड उत्पादन रहेगा. कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने मंगलवार को इसकी उम्मीद जाहिर की. कृषि मंत्री ने मंगलवार को कहा कि सरकार की नीतियों के अलावा किसानों और कृषि वैज्ञानिकों की कड़ी मेहनत की वजह से रिकॉर्ड प्रोडक्शन हासिल होने की उम्मीद है.
बढ़ेगा गेंहू का पैदावार
कृषि मंत्रालय द्वारा जारी फूड प्रोडक्शन के अनुमान के अनुसार, फसल वर्ष 2022-23 में गेहूं का प्रोडक्शन 11 करोड़ 21.8 लाख टन होने का अनुमान है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 44 लाख टन अधिक है. इससे पहले फसल वर्ष 2020-21 में गेंहू का रिकॉर्ड प्रोडक्शन हुआ था. तब गेंहू का पैदावार 10 करोड़ 95.9 लाख टन का रहा था. कुछ राज्यों में गर्मी की लू के कारण पिछले वर्ष गेहूं का प्रोडक्शन मामूली रूप से घटकर 10 करोड़ 77.4 लाख टन रह गया था.
चावल का भी बढ़ेगा उत्पादन
एक सरकारी बयान में कहा गया है कि फसल वर्ष 2022-23 में चावल का प्रोडक्शन 13.08 करोड़ टन रहने का अनुमान है, जो पिछले साल की तुलना में 13.6 लाख टन अधिक है. चालू फसल वर्ष में मोटे अनाज का प्रोडक्शन पांच करोड़ 27.2 लाख टन रहना आंका गया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 16.2 लाख टन अधिक है. वहीं, वर्ष 2022-23 में दलहन उत्पादन दो करोड़ 78.1 लाख टन होने का अनुमान है, जो पिछले वर्ष 2.73 करोड़ टन था.
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आटे का दाम होगा कम
गेहूं के मामले में अधिक उत्पादन का अनुमान बेहतर संकेत देता है क्योंकि इससे गेहूं की घरेलू उपलब्धता बढ़ेगी और गेहूं और आटे (गेहूं का आटा) की खुदरा कीमतों को कम करने में मदद मिलेगी. कीमतों पर काबू पाने के लिए सरकार को पिछले साल मई में गेहूं के निर्यात (export) पर रोक लगानी पड़ी थी. इसने हाल ही में रिटेल कीमतों (Retail Price) को कम करने के लिए खुले बाजार में 30 लाख टन गेहूं बेचने का फैसला किया गया है. फसल वर्ष 2022-23 के रबी सत्र में गेहूं फसल का कुल रकबा पिछले साल की तुलना में केवल 1.39 लाख हेक्टेयर बढ़कर 343.23 लाख हेक्टेयर (हेक्टेयर) हो गया है, लेकिन बेहतर मौसम के कारण फसल की पैदावार अच्छी होने की उम्मीद है.