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Edible Oil Price: खाने के तेल की महंगाई से मिलेगी राहत! सोयाबीन 4 महीने में सबसे सस्ता

सोयाबीन की बात करें तो देश में बुआई बढ़ने, मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र जैसे उत्पादक राज्यों में बेहतर मॉनसून के चलते पैदावार अच्छी रहने की संभावना से कीमतों पर दबाव बना रहेगा.

सोयाबीन की बात करें तो देश में बुआई बढ़ने, मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र जैसे उत्पादक राज्यों में बेहतर मॉनसून के चलते पैदावार अच्छी रहने की संभावना से कीमतों पर दबाव बना रहेगा.

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Sushil Tripathi
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Edible Oil Price: खाने के तेल की महंगाई से मिलेगी राहत! सोयाबीन 4 महीने में सबसे सस्ता

पिछले दिनों एडिबल आयल की कीमतों में जो तेजी आई थी, अब थमती नजर आ रही है. (File)

Soybean Prices: पिछले दिनों एडिबल आयल की कीमतों में जो तेजी आई थी, अब थमती नजर आ रही है. आने वाले दिनों में खाने के तेल की कीमतों में कमी आने का अनुमान है. असल में सोयाबीन की कीमतें गिरकर 4 महीने के लो पर आ गई हैं. इनमें आगे और गिरावट बढ़ने का अनुमान है. शॉर्ट टर्म में भाव रेंज में रह सकता है, लेकिन आगे यह 5500 रुपसे तक कमजोर होता दिख रहा है. अभी सोयाबीन 6200 रुपये के आस पास ट्रेड कर रहा है. इंपोर्ट फ्री ड्यूटी, सप्लाई बढ़ने और डिमांड कमजोर रहने के चलते सोयाबीन में गिरावट आ रही है.

5500 रुपये तक आएगा भाव?

ओरिगो कमोडिटीज के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट राजीव यादव का कहना है कि शॉर्ट टर्म में सोयाबीन का भाव 6000 रुपये-6600 रुपये के दायरे में रह सकता है. लेनि मिड टर्म में यह पहले 6000 रुपये और इस लेवल के ब्रेक होने पर 5500 रुपये तक कमजोर हो सकता है. फिलहाल यह अभी 4 महीने के लो 6250 रुपये पर है. सोयाबीन के प्रमुख उत्पादक राज्यों में बुआई बढ़ने के चलते कीमतों पर दबाव बना है. वहीं क्रूड सोयाबीन ऑयल और सूरजमुखी ऑयल पर इंपोर्ट ड्यूटी खत्म करने से भी असर पड़ा है. इसके अलावा इंडोनेशिया और मलेशिया से सीपीओ और पामोलीन की ज्यादा सप्लाई का अनुमान, कमजोर डिमांड के चलते भी भाव गिरा है.

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कब बदलेगा ट्रेंड

उनका कहना है कि सोयाबीन के ट्रेंड में तभी बदलाव आएगा, जब भाव ट्रेंड रिवर्सल प्वाइंट 6750 के ऊपर कारोबार करने लग जाएगा. उनका कहना है कि वैश्विक बाजार में खाद्य तेल की कीमतों में गिरावट जारी है. विदेशी बाजार में बीते एक हफ्ते में सीपीओ में तकरीबन 28 फीसदी की गिरावट आ चुकी है और भाव फिलहाल 1 साल के निचले स्तर पर है. इसमें गिरावट रुकने के आसार भी नजर नहीं आ रहे हैं.

सोयाबीन की बुआई इस साल ज्यादा

देश में सोयाबीन की बुआई बढ़ने, मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र जैसे उत्पादक राज्यों में बेहतर मॉनसून के चलते पैदावार अच्छी रहने की संभावना से कीमतों पर दबाव बना रहेगा. कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक मौजूदा खरीफ सीजन में शुक्रवार यानी 1 जुलाई 2022 तक 30.52 लाख हेक्टेयर में सोयाबीन की बुआई हुई है, जो कि एक साल पहले के 30.29 लाख हेक्टेयर की तुलना में ज्यादा है. सबसे बड़े उत्पादक मध्य प्रदेश में पिछले साल की तुलना में अभी तक बुआई 70 फीसदी आगे चल रही है. महाराष्ट्र में भी सोयाबीन की बुआई ने रफ्तार पकड़ ली है.

सोयामील का निर्यात गिरा

मई 2022 में सोयामील का निर्यात सालाना आधार पर 64.4 फीसदी की गिरावट के साथ 18,634 टन दर्ज हुआ था. जबकि एक साल पहले की समान अवधि में यह आंकड़ा 52,434 टन था. वहीं अप्रैल 2022 के 40,000 टन की तुलना में निर्यात में मासिक आधार पर 53 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई थी. सरकार ने सालाना 20-20 लाख टन क्रूड सोयाबीन ऑयल और सूरजमुखी तेल के आयात पर ड्यूटी और एग्री सेस को मार्च 2024 तक खत्म कर दिया है.

Agri Sector Madhya Pradesh Maharashtra Edible Oil