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Gold and Silver Price Today: पिछले कारोबार में कीमती धातु 60,250 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुई थी.
Gold and Silver Price Today: वैश्विक बाजारों में कमजोर रुझान के बीच राष्ट्रीय राजधानी में शुक्रवार को सोने की कीमतें 100 रुपये गिरकर 60,150 रुपये प्रति 10 ग्राम रह गईं. एचडीएफसी सिक्योरिटीज ने इस बात की जानकारी दी. पिछले कारोबार में कीमती धातु 60,250 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुई थी. चांदी भी 400 रुपये टूटकर 77,100 रुपये प्रति किलोग्राम पर आ गयी. एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक (कमोडिटीज) सौमिल गांधी ने कहा कि मिक्स्ड अमेरिकी आर्थिक आंकड़ों और डॉलर इंडेक्स में तेजी के बीच सोने की कीमतें कई सप्ताह के उच्चतम स्तर से पीछे चली गईं. अंतरराष्ट्रीय बाजारों में सोने और चांदी की कीमतें गिरकर क्रमश: 1,942 अमेरिकी डॉलर प्रति औंस और 24.50 अमेरिकी डॉलर प्रति औंस पर रहीं.
कम मांग से सोने के वायदा भाव में गिरावट
सटोरियों द्वारा अपने सौदे कम करने से शुक्रवार को वायदा कारोबार में सोने की कीमत 16 रुपये गिरकर 59,358 रुपये प्रति 10 ग्राम रह गई.
मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज पर, अक्टूबर डिलीवरी वाले सोने के अनुबंध की कीमत 16 रुपये या 0.03 फीसदी की गिरावट के साथ 59,358 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गई, जिसमें 12,351 लॉट का कारोबार हुआ. विश्लेषकों ने सोने की कीमतों में गिरावट का श्रेय प्रतिभागियों द्वारा अपने पदों में कटौती को दिया. वैश्विक स्तर पर, न्यूयॉर्क में सोना मामूली बढ़त के साथ 1,966 अमेरिकी डॉलर प्रति औंस पर कारोबार कर रहा था.
अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 82.70 पर स्थिर बंद हुआ
कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों के कारण निवेशकों की धारणा प्रभावित होने से शुक्रवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया सपाट रुख के साथ 82.70 पर बंद हुआ. हालांकि घरेलू मुद्रा को मजबूत व्यापक आर्थिक आंकड़ों के कारण इक्विटी बाजारों में सकारात्मक धारणा से समर्थन मिला. शुक्रवार को जारी एक सर्वे के अनुसार, भारत में मैनुफैक्चरिंग एक्टिविटीज में अगस्त में तेजी आई क्योंकि नए ऑर्डर और प्रोडक्शन लगभग तीन वर्षों में सबसे तेज दर से बढ़े. एसएंडपी ग्लोबल इंडिया मैन्युफैक्चरिंग परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) जुलाई में 57.7 से बढ़कर अगस्त में 58.6 हो गया. गुरुवार को जारी नवीनतम सरकारी आंकड़ों से पता चला है कि भारत ने 2023-24 की अप्रैल-जून अवधि के दौरान 7.8 पफीसदी की जीडीपी वृद्धि दर्ज की, जो पिछली चार तिमाहियों में सबसे अधिक है, जिसने दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था के रूप में अपनी स्थिति बरकरार रखी है.