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Gold ETF : फरवरी में गोल्ड ईटीएफ में आया 165 करोड़ का निवेश, येलो मेटल की कीमतों में गिरावट की वजह से बढ़ा आकर्षण

Gold ETF : फरवरी 2023 में ज्यादातर बाजारों में निकासी का रुख देखने को मिला लेकिन भारत में गोल्ड ETF में निवेश हुआ है. इसकी मुख्य वजह सोने के दामों में मामूली सुधार रहा है. जब भी दामों में गिरावट आती है तो गोल्ड ETF की मांग बढ़ जाती है.

Gold ETF : फरवरी 2023 में ज्यादातर बाजारों में निकासी का रुख देखने को मिला लेकिन भारत में गोल्ड ETF में निवेश हुआ है. इसकी मुख्य वजह सोने के दामों में मामूली सुधार रहा है. जब भी दामों में गिरावट आती है तो गोल्ड ETF की मांग बढ़ जाती है.

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FE Hindi Desk
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साल 2022 में गोल्ड ETF में कुल 459 करोड़ रुपये का निवेश आया जो 2021 के 4,814 करोड़ रुपये से 90 फीसदी कम है.

Gold ETFs Record Rs 165 Crore Inflow : गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (Gold ETF) से बीते 3 महीनों में हुई निकासी के बाद फरवरी में निवेशकों ने इसमें शुद्ध रूप से 165 करोड़ रुपये डाले हैं. इसकी मुख्य वजह प्रीसियस मेटल (पीली धातु यानी येलो मेटल) की कीमतों में आई मामूली गिरावट है. भारतीय म्यूचुअल फंड संघ यानी एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) के आंकड़ों के मुताबिक निवेशकों ने गोल्ड ईटीएफ से जनवरी में 199 करोड़ रुपये की निकासी की थी. दिसंबर 2022 में 273 करोड़ रुपये और नवंबर में 195 करोड़ रुपये की निकासी की गई थी. उससे पहले अक्टूबर 2022 में गोल्ड ईटीएफ में 147 करोड़ रुपये का निवेश हुआ था.

येलो मेटल के दामों में नरमी से गोल्ड ETF की बढ़ती है मांग: कविता कृष्णन

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मॉर्निंगस्टार इंडिया की सीनियर एनालिस्ट कविता कृष्णन (Kavitha Krishnan, Senior Analyst – Manager Research, Morningstar India) ने बताया कि फरवरी 2023 में ज्यादातर बाजारों में निकासी का रुख देखने को मिला लेकिन भारत में गोल्ड ETF में निवेश हुआ है. इसकी मुख्य वजह सोने के दामों में मामूली सुधार रहा है. जब भी दामों में गिरावट आती है तो गोल्ड ETF की मांग बढ़ जाती है.

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2021 की तुलना में 2022 में 90% कम गोल्ड ETF में आया था निवेश

कविता कृष्णन ने कहा कि भारत में सोने की भौतिक मांग मोटे तौर पर त्योहारों और शादी-विवाह के मौसम पर निर्भर करती है. इसके अलावा समीक्षाधीन अवधि में इस श्रेणी में पोर्टफोलियो भी बढ़कर 46.94 लाख हो गए हैं. निवेश के बावजूद गोल्ड ETF के मैनेजमेंट के तहत नेट एसेट्स (AUM) जनवरी महीने के अंत में 21,836 करोड़ रुपये से घटकर फरवरी अंत में 21,400 करोड़ रुपये रह गईं. साल 2022 में गोल्ड ETF में कुल 459 करोड़ रुपये का निवेश आया जो 2021 के 4,814 करोड़ रुपये से 90 फीसदी कम है.

क्या है गोल्ड ETF

पिछले कुछ साल से गोल्ड ETF निवेश का एक सुरक्षित विकल्प बनकर उभरा है. गोल्ड ETF में निवेश एक ओपन एंडेड म्यूचुअल फंड जैसा होता है, ये सोने के गिरते-चढ़ते भावों पर आधारित होता है. कोरोना वायरस महामारी के दौरान जब सोना सेफ हैवन के रूप में और पॉपुलर हुआ उस समय निवेशकों में गोल्ड ETF को लेकर जबरदस्त आकर्षण देखने को मिला.

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