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Gold Investment: सोना रिस्क फ्री निवेश का बेहतर विकल्प, महंगाई और बाजार की अस्थिरता में देता है सुरक्षा

सोने को निवेश के लिए एक सुरक्षित जरिया माना जाता है जो बाजार के उतार चढ़ाव और महंगाई के दौर में हेजिंग यानी बचाव का काम करता है.

सोने को निवेश के लिए एक सुरक्षित जरिया माना जाता है जो बाजार के उतार चढ़ाव और महंगाई के दौर में हेजिंग यानी बचाव का काम करता है.

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FE Hindi Desk
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Gold Investment: सोना रिस्क फ्री निवेश का बेहतर विकल्प, महंगाई और बाजार की अस्थिरता में देता है सुरक्षा

Gold Investment: सोने ने लंबी अवधि में लगातार बेहतर रिटर्न दिया है. (reuters)

Gold as a solid hedge against volatility and inflation: सोने को निवेश के लिए एक सुरक्षित जरिया माना जाता है जो बाजार के उतार चढ़ाव और महंगाई के दौर में हेजिंग यानी बचाव का काम करता है. सोने ने लंबी अवधि में लगातार बेहतर रिटर्न दिया है. बाजार के मौजूदा हालात में यह निवेश का फिर बेहतर और रिस्क फ्री विकल्प बन गया है. अप्रैल 2022 तक, सीपीआई 7.5 फीसदी से अधिक था. विश्लेषकों का मानना है कि हम इक्विटी बाजारों में एक मंदी के दौर में प्रवेश कर सकते हैं. इसके पीछे वजह यह है कि आरबीआई द्वारा भविष्य में दरों में बढ़ोतरी के संभावना के चलते बॉन्ड यील्ड में गिरावट आई है. इसलिए कैपिटल मार्केट में अस्थिरता का सामना करने के लिए सोना एक सुरक्षित विकल्प बन गया है.

महंगाई और बाजार की अस्थिरता के दौरान सुरक्षा

निवेशकों में लॉन्ग टर्म निवेश का लक्ष्य पूरा करने के लिए सोना एक पॉलुर एसेट क्लास है. यह महंगाई और बाजार की अस्थिरता के दौरान सुरक्षा देता है. इंडिया गोल्ड पॉलिसी सेंटर (IGPC) द्वारा किए गए एक राष्ट्रीय सर्वे के अनुसार, भारत में मध्यम आय वर्ग या परिवार सोने में अधिक निवेश करते हैं. देश में हर साल सोने की कुल खपत का 56 फीसदी हिस्सा इनके द्वारा किया जा रहा है, जो 800-850 टन के बराबर है.

लगातार बढ़ रही हैं कीमतें

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सोने की कीमतों में लगातार तेजी आ रही है. 2022 में सोने की औसत कीमत 52,690 रुपये (24 कैरेट प्रति 10 ग्राम) है, जबकि 2021 में यह 48,720 रुपये थी. इसलिए, ग्राहकों को छोटी बचत करने का मौका देकर, सोना नियमित तौर पर खरीदे जाने वाला एक एसेट बन गया है. सोने में निवेश के जरिए निवेशकों की लिक्विडिटी पोजिशन भी बेहतर हो रही है. हालिया दशक की बात करें आर्थिक उथल-पुथल और स्थिरता दोनों समय में, सोने ने निवेशकों की संपत्ति को सुरक्षित रखा है. इससे यह एक मूल्यवान निवेश का जरिया बन गया है.

1 ग्राम में भी कर सकते हैं निवेश

कुछ कंपनियां ग्राहकों को रेगुलर एसेट क्लास की तरह सोने में माइक्रो सेविंग की सुविधा देती हैं. ये कंपनियां गोल्ड माइक्रो-सेविंग प्लान के जरिए ग्राहकों को एसआईपी में निवेश करने की सुविधा देती हैं. ग्राहक अपने पास उपलब्ध कैश के अनुसार 1 ग्राम भी सोना खरीद सकते हैं.

हाल के दिनों में सोने में तेजी बनी रही है. चीन में इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन में गिरावट और लंबी अवधि के लॉकडाउन के चलते भारत में सोने की कीमतों में तेजी आई है. इसके अलावा, तेल उत्पादक देशों यानी ओपेक सदस्यों द्वारा मांग घटने के अनुमान के बाद भी कच्चे तेल की कीमतों में तेजी आई है, जिससे सोने के भाव बढ़े हैं. हालांकि पिछले कुछ दिनों में इसका भाव नीचे आया है, जिससे निवेश का मौका बना है.

भारत में सोने का महत्व ज्यादा

भारत दुनिया में चीन के बाद दूसरा सबसे बड़ा सोने का कंज्यूमर देश है. भारत में 75 फीसदी से अधिक परिवारों के पास किसी न किसी रूप में सोना मौजूद है. यह पिछले 50 साल में देश में 14.5% CAGR के हिसाब से बढ़ा है. भारतीय रत्न और आभूषण इंडस्ट्री लगभग 6.5 लाख करोड़ रुपये की है और एमएसएमई का 90-95 फीसदी हिस्सा इसी इंडस्ट्री का है. यह इंडस्ट्री प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से करीब 61 लाख लोगों को रोजगार देती है. साल के अंत तक, इस क्षेत्र में लगभग 94 लाख रोजगार का अनुमान है. 60 फीसदी सोने के आभूषण ग्रामीण भारत में बेचे जाते हैं. सोना इन इलाकों में रहने वाले लोगों की वित्तीय सुरक्षा से जुड़ी कुछ समस्याएं भी हल करने का विकल्प है.

(लेखक: जयदीप बनर्जी, को फाउंडर, Dvara SmartGold)

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