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Gold Return YTD : इस साल की बात करें तो गोल्ड एमसीएक्स ने करीब 25 फीसदी रिटर्न दे दिया है. (Reuters)
Gold Rates Today : सोने (गोल्ड) में रिकॉर्ड रैली जारी है. गोल्ड गुरुवार को इंटरनेशनल मार्केट में 3,300 डॉलर प्रति औंस से ऊपर कारोबार कर रहा है, जो येलो मेटल के लिए नया रिकॉर्ड है. वहीं भारत की बात करें तो एमसीएक्स पर आज सोने (गोल्ड फ्यूचर्स) की कीमत 95,935 रुपये प्रति 10 ग्राम (Gold MCX) पहुंच गया है और 24 कैरेट सोने के लिए यह लगातार 1 लाख रुपये की ओर बढ़ रहा है. इस साल की बात करें तो गोल्ड एमसीएक्स ने करीब 25 फीसदी रिटर्न दे दिया है. अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना 3,333 डॉलर पर है और कम से कम अल्पावधि में इसके और ऊपर जाने की संभावना है, जब तक कि सोने के बढ़ने के कारणों में बदलाव न हो.
सोना निवेश के लिए बना बेहतर विकल्प
अमेरिकी व्यापार नीति की बढ़ती अनिश्चितता और अमेरिकी डॉलर के कमजोर होने से निवेशकों के पास सोने में निवेश करने के अलावा कोई और बेहतर विकल्प नहीं बचा है. अमेरिकी ट्रेजरी बाजार में भी कमजोरी के संकेत दिख रहे हैं, जिससे सोना बाजार में निवेश के लिए सबसे महत्वपूर्ण सेफ एसेट्स में से एक बन गया है.
हाल के दिनों में चीन सोने का बड़ा खरीदार बन गया है. चीन के सोने के भंडार में लगातार बढ़ोतरी हो रही है, जिससे सोने की कीमतें ऊंची बनी हुई हैं. जनवरी से मार्च 2025 तक, चीन का कुल भंडार 2.3% बढ़कर 3.5 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया. 2025 की पहली तिमाही में, चीन ने 12.8 टन सोना खरीदने की सूचना दी है.
सोने में क्यों बढ़ रही है तेजी
अमेरिका-चीन ट्रेड वार अपने पूरे पीक पर है. चीन के लिए हालात और भी बदतर बनाने के लिए, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने महत्वपूर्ण खनिजों पर नए टैरिफ लगाने की जांच शुरू कर दी है, जिससे ऑटोमोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक्स पर रियायतें देने के तुरंत बाद चीन के साथ ट्रेड वार का टेंशन और गहरा हो गया है. इस कदम से तांबा, दवाइयां, लकड़ी और अर्धचालकों के संबंध में चल रही जांच का दायरा बढ़ गया है, तथा उन महत्वपूर्ण वस्तुओं पर टैरिफ का दायरा बढ़ गया है जिनके उत्पादन की अमेरिका की क्षमता सीमित है.
ऑग्मोंट की अनुसंधान प्रमुख डॉ. रेनिशा चैनानी का कहना है कि अमेरिकी डॉलर में तेजी से गिरावट आ रही है, क्योंकि निवेशकों को डर है कि अमेरिका-चीन ट्रेड वार दुनिया के बाकी हिस्सों की तुलना में अमेरिकी अर्थव्यवस्था के लिए अधिक गंभीर होगा. ऐसा लग रहा है कि दुनियाभर में मंदी का खतरा मंडरा रहा है और ऐसी परिस्थितियों में सोने में निवेश ऐतिहासिक रूप से लाभदायक साबित हुआ है.
हालांकि मंदी का पूर्वानुमान, डॉलर और अमेरिकी ट्रेजरी में कमजोरी सोने की कीमत को बढ़ाने में सहायक बनी हुई है, लेकिन अगर 2025 में ब्याज दरों में आक्रामक रूप से कटौती नहीं की जाती है, तो महंगाई पर अमेरिकी फेड प्रमुख का पूर्वानुमान तत्काल गतिरोधक है.
सोने में और तेजी आने का अनुमान
शिकागो में बोलते हुए, अध्यक्ष पॉवेल ने चेतावनी दी कि टैरिफ में बढ़ोतरी से महंगाई बढ़ सकती है और ग्रोथ धीमा हो सकता है, जिससे फेड के मूल्य स्थिरता और रोजगार को संतुलित करने के प्रयासों को नुकसान पहुंच सकता है. जब महंगाई दर बढ़ जाती है और ग्रोथ धीमा हो जाता है, तो गोल्ड वह एसेट क्लास है, जिसकी चमक बढ़ जाती है. डॉ. चेनानी का कहना है कि फेड के अध्यक्ष पॉवेल द्वारा यह कहने के बाद भी सोने को सपोर्ट मिल रहा है कि एक कमजोर अर्थव्यवस्था और हाई इनफ्लेशन, केंद्रीय बैंक के 2 उद्देश्यों के साथ टकराव कर सकते हैं, जिसके परिणामस्वरूप मंदी दिख सकती है. सोने की कीमतों में उछाल का एकमात्र सकारात्मक पहलू वैश्विक स्तर पर महंगाई में गिरावट है. किसी समय, यूएस फेड को 2025 में दरों में कटौती शुरू करनी होगी, जिससे सोने की कीमत उच्च स्तर पर पहुंच जाएंगी.