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Gold silver rates today: भारतीय सर्राफा बाजार में गुरुवार को सोने और चांदी के भाव में काफी गिरावट दर्ज की गई. (File Photo : Pixabay)
Gold declines Rs 650; silver tumbles Rs 1,000: देश के सर्राफा बाजार में सोने और चांदी के भावों में गुरुवार को भारी गिरावट देखने को मिली. सोने का भाव प्रति दस ग्राम 650 रुपये लुढ़क गया तो चांदी में 1000 रुपये प्रति किलो की कमी आ गई. जानकारों का मानना है कि अमेरिकी डॉलर की मजबूती और ट्रेजरी यील्ड में सुधार की वजह से सोने की कीमतों पर दबाव बढ़ गया है. अंतरराष्ट्रीय बाजार की बात करें तो कमोडिटी एक्सचेंज (Comex) पर गोल्ड की कीमतें पिछले 6 महीने के सबसे निचले स्तर पर चली गई हैं. एक्सपर्ट्स की राय में अमेरिकी डॉलर की कीमतों और ट्रेज़री यील्ड में सुधार होने की वजह से सोने में गिरावट देखने को मिल रही है.
58,950 रुपये प्रति 10 ग्राम पर आ गया सोना
राजधानी दिल्ली के सर्राफा बाजार में गुरुवार को सोने के भाव 650 रुपये लुढ़क कर 58,950 रुपये प्रति 10 ग्राम पर आ गए. इसकी तुलना में बुधवार को दिल्ली में सोने का भाव 59,600 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था. एचडीएफसी सिक्योरिटीज़ (HDFC Securities) के मुताबिक घरेलू बाजार में सोने की इस गिरावट के लिए काफी हद तक अंतरराष्ट्रीय बाजार में आई कमजोरी ही जिम्मेदार है. चांदी के रेट भी गुरुवार को 1000 रुपये की भारी कटौती के साथ 73,100 रुपये प्रति किलो पर आ गए.
Comex गोल्ड 6 महीने के सबसे निचले स्तर पर
एचडीएफसी सिक्योरिटीज में कमोडिटी मार्केट के सीनियर एनालिस्ट सौमिल गांधी के मुताबिक कमोडिटी एक्सचेंज (Comex) पर गोल्ड की कीमतें पिछले 6 महीने के सबसे निचले स्तर पर चली गई हैं. सौमिल का मानना है कि ऐसा इसलिए हो रहा है, क्योंकि अमेरिकी डॉलर की कीमतों में सुधार हुआ है और ट्रेज़री यील्ड में भी मजबूती आई है. इसकी वजह से सोने की तरफ निवेशकों का रुझान कुछ कमजोर पड़ा है. अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी सोने और चांदी, दोनों के भाव नीचे चल रहे हैं. यहां गोल्ड 1,877 अमेरिकी डॉलर प्रति औंस पर ट्रेड कर रहा है, जबकि सिल्वर का भाव 22.55 अमेरिकी डॉलर प्रति औंस के आसपास बना हुआ है.
अमेरिका की जीडीपी ग्रोथ पर है नजर
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज (Motilal Oswal Financial Services) के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट नवनीत दमानी का कहना है कि बाजार का ध्यान फिलहाल अमेरिका में जीडीपी ग्रोथ रेट के दूसरी तिमाही के आंकड़ों पर टिका हुआ है. इसके साथ ही बेरोजगारी का संकेत देने वाले साप्ताहिक जॉबलेस क्लेम के आंकड़े भी आने वाले हैं. लिहाजा, निवेशक अभी संभलकर चल रहे हैं.