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Gold ETF: गोल्‍ड ईटीएफ के जरिए सोने में निवेश का 'गोल्‍डेन टाइम', 5000 रुपये से कर सकते हैं शुरूआत

Gold ETF: सोना अभी दूसरे विकल्‍पों की तुलना में निवेश के लिए सुरक्षित विकल्‍प बना हुआ है. ऐसे में निवेशक निवेश का कुछ हिस्‍सा इसमें लगा सकते हैं.

Gold ETF: सोना अभी दूसरे विकल्‍पों की तुलना में निवेश के लिए सुरक्षित विकल्‍प बना हुआ है. ऐसे में निवेशक निवेश का कुछ हिस्‍सा इसमें लगा सकते हैं.

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Sushil Tripathi
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Gold ETF: गोल्‍ड ईटीएफ के जरिए सोने में निवेश का 'गोल्‍डेन टाइम', 5000 रुपये से कर सकते हैं शुरूआत

मिरे एसेट म्यूचुअल फंड ने गोल्ड ईटीएफ (Mirae Asset Gold ETF) लॉन्च किया है.

Mirae Asset Gold ETF: लीडिंग फंड हाउस में शामिल मिरे एसेट म्यूचुअल फंड ने गोल्ड ईटीएफ (Mirae Asset Gold ETF) लॉन्च किया है. यह न्यू फंड ऑफर (NFO) 9 फरवरी, 2023 को खुल गया है और 15 फरवरी, 2023 को बंद होगा. इसके अलॉटमेंट की तारीख 20 फरवरी, 2023 है और पहली एनएवी (नेट एसेट वैल्यू) की तारीख 21 फरवरी, 2023 है. ईटीएफ की लिस्टिंग अलॉटमेंट की तारीख से 5 वर्किंग डे के भीतर स्टॉक एक्सचेंज पर होगी. निवेशक 21 फरवरी, 2023 से ईटीएफ की यूनिट को स्टॉक एक्सचेंजों पर खरीद और बेच सकेंगे.

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कम से कम 5000 रुपये निवेश जरूरी

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एनएफओ के दौरान, एक निवेशक को कम से कम 5,000 रुपये निवेश करना होगा, जिसके बाद 1 रुपये के मल्‍टीपल में कितना भी निवेश किया जा सकता है. फंड का प्रबंधन मिरे एसेट म्यूचुअल फंड के फंड मैनेजर रितेश पटेल द्वारा किया जाएगा. मिरे एसेट गोल्ड ईटीएफ फिजिकल गोल्‍ड की घरेलू कीमत के प्रदर्शन को ट्रैक करेगा. ईटीएफ की हर यूनिट लगभग 0.01 ग्राम सोने के बराबर होगी.

निवेश के लिए सुरक्षित विकल्प

2023 में, महंगाई और इसे कंट्रारेल करने के लिए रेपो रेट के जरिए केंद्रीय बैंक के हस्तक्षेप को प्रमुख गोल्ड ड्राइवर के रूप में माना जा सकता है. यह ईटीएफ ऐसे समय में लॉन्च हुआ है, जब कुछ बाहरी फैक्‍टर्स के चलते घरेलू और वैश्विक अर्थव्यवस्था के विकास के लिए चुनौतियां बनी हुई हैं. जिसके चलते सोना दूसरे विकल्‍पों की तुलना में निवेश के लिए सुरक्षित विकल्‍प बना है. ऐसे में एसेट अलोकेशन चाहने वाले निवेशक अपने कुल निवेश का कुछ हिस्‍सा इसमें लगा सकते हैं.

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गोल्ड ईटीएफ में निवेश क्यों करें

  • ईटीएफ सोने में निवेश के लिए अपेक्षाकृत कम लागत वाला और आसान विकल्प है, क्योंकि यह स्टॉक एक्सचेंजों पर शेयरों की तरह ही खरीदने और बेचने की सुविधा देता है.
  • गोल्‍ड ईटीएफ में फिजिकल गोल्‍ड रखने की तुलना में चोरी का कोई जोखिम नहीं है, क्योंकि गोल्ड ईटीएफ निवेशकों के डीमैट खातों में रखे जाते हैं.
  • सोने की शुद्धता के घटने का कोई खतरा नहीं है.
  • खरीद और बिक्री के दौरान ट्रांसपैरेंट मूल्य निर्धारण और लिक्विडिटी.
  • गोल्‍ड ईटीएफ में 1 यूनिट भी निवेश कर सकते हैं, जहां 1 यूनिट का मतलब है करीब 0.01 ग्राम सोना.
  • सोना साल दर साल एक विश्वसनीय एसेट क्लास साबित हुआ है, जिसने लंबी अवधि में लोगों को सुरक्षा देने के साथ निवेशकों की दौलत में इजाफा किया है.
  • सोने और अन्य एसेट क्लास मसलन इक्विटी या मार्केट से जुड़े विकल्पों के बीच लिंक न होने से यह निवेश से जुड़े जोखिम को कम करता है और पोर्टफोलियो को डाइवर्सिफाई करने में मदद करता है.
  • सोना महंगाई के खिलाफ हेजिंग का काम करता है और बाजार में उथल-पुथल के दौरान अपेक्षाकृत सुरक्षित निवेश के रूप में जाना जाता है.
  • ईटीएफ अपेक्षाकृत कम लागत वाला और सोने में निवेश का एक लिक्विड विकल्प है, यह स्टॉक एक्सचेंज पर शेयर की तरह खरीद और बिक्री की सुविधा देता है.
  • गोल्ड ईटीएफ में चोरी और क्‍वालिटी का जोखिम नहीं होता है क्योंकि यह निवेशकों के डीमैट खाते में रखा जाता है.

मंदी के दौर में बेहतर प्रदर्शन

मिरे एसेट म्यूचुअल फंड के हेड- ईटीएफ प्रोडक्‍ट, सिद्धार्थ श्रीवास्तव का कहना है कि हिस्‍ट्री देखें तो सोने ने मंदी के दौर में पोर्टफोलियो में रिस्क-एडजस्टेड रिटर्न बढ़ाया है. जब महंगाई बढ़ने लगती है, सोना अपनी परचेजिंग पावर को बरकरार रखता है. मौजूदा अनिश्चित और अस्थिर बाजार के माहौल में, गोल्ड ईटीएफ में निवेश करना लंबी अवधि के लिहाज से पोर्टफोलियो के लिए एक बेहतर विकल्प साबित होता है.

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