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Windfall Tax Cut: सरकार ने क्रूड ऑयल और डीजल एक्सपोर्ट पर लागू विंडफॉल टैक्स में भारी कटौती की है.
Windfall tax reduced on crude oil, diesel exports : मोदी सरकार ने देश की पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स का उत्पादन और एक्सपोर्ट करने वाली कंपनियों को भारी राहत दी है. सरकार ने क्रूड ऑयल यानी कच्चे तेल के उत्पादन पर लगने वाले विंडफॉल प्रॉफिट टैक्स में भारी कटौती की है. इसके साथ ही डीजल के एक्सपोर्ट पर लगाए गए विंडफॉल टैक्स को भी घटाकर पहले के मुकाबले एक-तिहाई कर दिया गया है. इन फैसलों की जानकारी देने वाली अधिसूचना के मुताबिक नई दरें आज से यानी गुरुवार से ही लागू कर दी गई हैं.
अब कितना लगेगा विंडफॉल टैक्स
टैक्स में कटौती किए जाने के बाद अब क्रूड ऑयल पर लगने वाला विंडफॉल टैक्स घटकर 4350 रुपये/टन रह गया है. अब तक इस पर 5050 रुपये/टन की दर से विंडफॉल टैक्स देना पड़ता था. इसी तरह डीजल के एक्सपोर्ट पर अब सिर्फ 2.50 रुपये प्रति लीटर की दर से विंडफॉल टैक्स देना होगा, जो अब तक 7.5 रुपये प्रति लीटर हुआ करता था. यानी डीजल के एक्सपोर्ट पर वसूले जाने वाले विंडफॉल टैक्स को सरकार ने घटाकर पहले के मुकाबले एक-तिहाई कर दिया है. सरकार की तरफ से जारी नोटिफिकेशन में यह भी बताया गया है कि हवाई जहाज में इस्तेमाल होने वाले एविएशन टर्बाइन फ्यूल (ATF) पर लगाई गई एडिशनल एक्साइज ड्यूटी को भी 6 रुपये प्रति लीटर से घटाकर 1.5 रुपये प्रति लीटर कर दिया गया है. यानी ATF पर अब पहले की तुलना में एक-चौथाई एडिशनल एक्साइज ड्यूटी ही देनी होगी.
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सरकार ने क्यों लगाया था विंडफॉल टैक्स?
भारत सरकार ने विंडफॉल टैक्स लगाने का फैसला इसलिए कियाथा, क्योंकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड ऑयल की ऊंची कीमतों की वजह से देश की तेल उत्पादक कंपनियों एक्सपोर्ट पर ज्यादा जोर दे रही थीं और इस तरह भारी मुनाफा कमा रही थीं. भारत सरकार ने इस भारी मुनाफे यानी विंडफॉल प्रॉफिट पर सामान्य से ज्यादा टैक्स लगाकर उसका एक हिस्सा अपने पास रखने का फैसला किया. 1 जुलाई 2022 से लगाई गई इसी स्पेशल एडिशनल एक्साइज़ ड्यूटी को विंडफॉल टैक्स कहते हैं. विंडफॉल टैक्स लगाने का एक मकसद यह भी था कि कंपनियों के एक्सपोर्ट पर ज्यादा जोर देने की वजह से घरेलू बाजार में फ्यूल की कमी न हो.