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भारत का कच्चे स्टील का प्रोडक्शन जुलाई-सितंबर की तिमाही में 2.56 फीसदी बढ़कर तीन करोड़ टन से कुछ अधिक रहा है.
भारत का कच्चे स्टील का प्रोडक्शन जुलाई-सितंबर की तिमाही में 2.56 फीसदी बढ़कर तीन करोड़ टन से कुछ अधिक रहा है. रिसर्च कंपनी स्टीलमिंट के अनुसार, देश की शीर्ष छह स्टील कंपनियों- सेल (SAIL), टाटा स्टील (Tata Steel), जेएसडब्ल्यू स्टील (JSW Steel), जेएसपीएल (JSPL), एएमएनएस इंडिया (AMNS India) और आरआईएनएल (RINL) ने कुल 1.82 करोड़ टन कच्चे स्टील का प्रोडक्शन किया है. शेष 1.17 करोड़ टन का प्रोडक्शन द्वितीयक क्षेत्र ने किया है. पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में देश का स्टील का प्रोडक्शन 2.93 करोड़ टन रहा था.
स्टील का एक्सपोर्ट घटा
स्टीलमिंट द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, तिमाही के दौरान बड़े स्टील विनिर्माताओं का प्रोडक्शन 1.83 करोड़ टन से अधिक रहा, जबकि द्वितीयक श्रेणी के उत्पादकों ने 1.09 करोड़ टन का प्रोडक्शन किया. चालू वित्त वर्ष की 30 सितंबर को समाप्त तिमाही में स्टील का एक्सपोर्ट यानी निर्यात सालाना आधार पर 66.43 फीसदी घटकर 14.1 लाख टन रह गया. एक साल पहले समान तिमाही में यह 42 लाख टन रहा था.
स्टील की खपत बढ़ी
समीक्षाधीन तिमाही में स्टील की घरेलू खपत 11.33 फीसदी बढ़कर 2.75 करोड़ टन रही, जो एक साल पहले समान तिमाही में 2.47 करोड़ टन थी. चालू वित्त वर्ष की मौजूदा अक्टूबर-दिसंबर तिमाही के परिदृश्य के बारे में स्टीलमिंट ने कहा है कि तिमाही के दौरान मिलों ने पिछली तिमाही में संक्षिप्त अवधि की रखरखाव के लिए बंदी के बाद उत्पादन फिर शुरू कर दिया है. ऐसे में चालू तिमाही में इस्पात का उत्पादन बढ़ेगा.
सरकार ने इस साल 21 मई को लौह अयस्क के निर्यात (Iron Ore Export) पर शुल्क 50 फीसदी तक बढ़ा दिया था. साथ ही कुछ स्टील मध्यवर्ती इकाइयों के लिए रहा, इस पर भी सरकार ने 15 प्रतिशत तक एक्सपोर्ट ड्यूटी बढ़ाया था. इसके अलावा सरकार ने कुछ कच्चे माल जैसे कोकिंग कोयले और फेरोनिकेल के इंपोर्ट पर सीमा शुल्क घटाया था.
(इनपुट: भाषा)