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MSP Committee Meeting: 22 अगस्त को होगी कमेटी की पहली बैठक, संयुक्त किसान मोर्चा को शामिल होने के लिए मनाने की कोशिशें जारी

MSP Committee Meeting: सूत्रों के मुताबिक सरकार चाहती है कि इस अहम बैठक में संयुक्त किसान मोर्चे के प्रतिनिधि भी शामिल हों, हालांकि वे अब तक इस कमेटी को मानने के लिए तैयार नहीं हुए हैं.

MSP Committee Meeting: सूत्रों के मुताबिक सरकार चाहती है कि इस अहम बैठक में संयुक्त किसान मोर्चे के प्रतिनिधि भी शामिल हों, हालांकि वे अब तक इस कमेटी को मानने के लिए तैयार नहीं हुए हैं.

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FE Hindi Desk
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MSP Committee First meeting on 22 August

एमएसपी कमेटी की पहली बैठक में तमाम मुद्दों पर विस्तार से बातचीत के लिए उप-समितियां या सब-पैनल बनाने पर भी चर्चा हो सकती है.

First meeting of Committee on MSP to be held on 22 August 2022 : केंद्र सरकार द्वारा फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के मसले पर विचार के लिए गठित कमेटी की पहली बैठक इसी 22 अगस्त को होने की उम्मीद है. इस बैठक में एमएसपी के मुद्दे पर आगे की रणनीति पर विचार किया जाएगा. साथ ही इसमें कमेटी को विचार के लिए सौंपे गए तमाम मुद्दों पर बारीकी से विचार करने के लिए सब-पैनल या उप-समितियां बनाने पर भी विचार किया जा सकता है. यह खबर समाचार एजेंसी पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से दी है.

संयुक्त किसान मोर्चा अब तक कमेटी में आने को तैयार नहीं

सूत्रों के मुताबिक सरकार दिल्ली में लंबे समय तक चले किसान आंदोलन की अगुवाई करने वाले संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) को भी इस बैठक में शामिल होने के लिए तैयार करने की कोशिश कर रही है. सूत्रों के मुताबिक सरकार चाहती है कि संयुक्त किसान मोर्चा इस बैठक के लिए अपने तीन प्रतिनिधियों को भेजने पर सहमत हो जाए. लेकिन मोर्चा के सदस्य इसके लिए तैयार होंगे या नहीं, यह तो आने वाले दिनों में पता चल पाएगा. तीनों कृषि कानूनों के विरोध में लंबे समय तक आंदोलन चलाकर मोदी सरकार को कानून वापसी के लिए मजबूर करने वाला संयुक्त किसान मोर्चा का अब तक का रुख तो यही रहा है कि वे न तो इस एमएसपी कमेटी को मानते हैं और न ही इस कमेटी में अपने प्रतिनिधि भेजने को तैयार हैं.

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सूत्रों के मुताबिक एमएसपी कमेटी की पहली बैठक 22 अगस्त को सुबह 10.30 बजे दिल्ली के नेशनल एग्रीकल्चर साइंस कॉम्प्लेक्स (NASC) में बुलाए जाने के आसार हैं. इस बैठक में सबसे पहले तो सदस्यों का परिचय कराया जाएगा और उसके बाद भविष्य की रणनीति पर विचार होगा.

प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले साल किया था वादा

पिछले साल नवंबर में तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने का एलान करते समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों से वादा किया था कि फसलों के लिए एमएसपी की गारंटी देने की उनकी मांग पर विचार करने के लिए कमेटी का गठन किया जाएगा. 18 जुलाई को पूर्व कृषि सचिव संजय अग्रवाल की अध्यक्षता में जिस कमेटी का गठन किया गया है, उसे एमएसपी को ज्यादा प्रभावी और पारदर्शी बनाने के साथ-साथ 'जीरो बजट खेती' और देश की जरूरतों के मुताबिक फसलों के पैटर्न में बदलाव के मुद्दों पर विचार करने की जिम्मेदारी भी सौंपी गई है.

26 सदस्यों की कमेटी में ये हैं मौजूदा सदस्य

इस कमेटी में चेयरमैन संजय अग्रवाल को मिलाकर कुल 26 सदस्य बनाए जा चुके हैं, जबकि संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्यों के लिए 3 स्थान खाली हैं. समिति के मौजूदा सदस्यों में नीति आयोग के सदस्य रमेश चंद, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इकनॉमिक डेवलपमेंट के कृषि वैज्ञानिक सीएससी शेखर, आईआईएम अहमदाबाद के सुखपाल सिंह और कृषि लागत एवं कीमत आयोग (CACP) के सदस्य नवीन पी सिंह शामिल हैं. इनके अलावा समिति में किसानों के प्रतिनिधियों के तौर पर राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त किसान भारत भूषण त्यागी और अन्य किसान संगठनों के 5 सदस्य शामिल हैं. इनके अलावा IFFCO के चेयरमैन दिलीप संघाणी और CNRI के जनरल सेक्रेटरी बिनोद आनंद भी कमेटी में रखे गए हैं. कृषि विश्वविद्यालयों के कुछ वरिष्ठ सदस्यों, केंद्र सरकार के 5 सचिवों और कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, सिक्किम व ओडिशा के मुख्य सचिवों को भी सरकार ने इस एमएसपी कमेटी में शामिल किया है.