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इंडियन बॉस्केट का क्रूड ऑयल शुक्रवार को दस साल के रिकॉर्ड भाव 121.28 डॉलर (9481.40 रुपये) प्रति बैरल पर पहुंच गया.
पेट्रोल-डीजल के खुदरा भाव में एक बार फिर उछाल दिख सकता है. इसकी सबसे बड़ी वजह ये है कि इंडियन बॉस्केट का क्रूड ऑयल शुक्रवार को दस साल के रिकॉर्ड भाव 121.28 डॉलर (9481.40 रुपये) प्रति बैरल पर पहुंच गया. इसके चलते इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम जैसी सरकारी तेल विपणन कंपनियां पेट्रोल-डीजल के खुदरा भाव बढ़ा सकती हैं. इंडियन बास्केट का मतलब ऐसे क्रूड ऑयल से है जिसे भारतीय रिफाइनरी में प्रोसेस किया जाता है. भारत अपनी जरूरत का 85 फीसदी हिस्सा तेल विदेशों से आयात करता है.
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6 अप्रैल के बाद से नहीं बढ़े हैं भाव
पेट्रोल और डीजल के भाव लंबे समय से सरकार के नियंत्रण में नहीं हैं लेकिन व्यवहार में इनकी कीमतों पर सरकार का प्रभाव अब भी देखा जा सकता है. तेल कंपनियों ने आखिरी बार 6 अप्रैल को खुदरा तेल महंगा किया था और उसके बाद से लागत के अधिक दबाव के बावजूद यह महंगा नहीं हुआ है. राजधानी दिल्ली में अभी पेट्रोल प्रति लीटर 96.72 रुपये और डीजल 89.62 रुपये के भाव पर बिक रहा है. पिछले महीने अप्रैल में इंडियन बॉस्केट का क्रूड ऑयल 102.97 डॉलर (8049.97 रुपये) प्रति बैरल पर था जो शुक्रवार (10 जून) को बढ़कर 118.34 डॉलर प्रति बैरल के औसत पर पहुंच गया.
हालांकि अगस्त फ्यूचर्स का ब्रेंट क्रूड शुक्रवार को हल्का सा गिरकर 122.72 डॉलर (9593.98 रुपये) प्रति बैरल तक फिसल गया. इस हफ्ते की शुरुआत में गोल्डमैन सॉक्स ने अनुमान लगाया है कि ब्रेंट क्रूड के भाव जुलाई-सितंबर में 140 डॉलर (10944.89 रुपये) प्रति बैरल तक पहुंच सकता है और उसके बाद की दिसंबर 2022 तिमाही में यह 130 डॉलर (10163.11 रुपये) रह सकता है.
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महंगा तेल बढ़ाएगा महंगाई
पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी का इंफ्लेशन पर भी असर दिखेगा. सरकार और केंद्रीय बैंक आरबीआई इसे नियंत्रण में रखने की कोशिश कर रहे हैं. अभी इंफ्लेशन आठ साल के रिकॉर्ड लेवल 7.8 फीसदी पर है. कच्चे तेल के भाव में तेजी के बावजूद इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम तेल के भाव स्थिर रखे हुई हैं लेकिन निजी सेक्टर की तेल बिक्री करने वाली कंपनियों घाटे से बचने के लिए अपने कारोबार में कटौती की हैं.
(Article: Surya Sarathi Ray)