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Rupee at Record Low: रुपया नए रिकॉर्ड लो पर, जुलाई में ही 80 प्रति डॉलर का लेवल तोड़ सकती है घरेलू करंसी, क्या हैं वजह?

एक्सपर्ट का कहना है कि शॉर्ट टर्म में रुपये पर दबाव दिख रहा है. शेयर बाजार में दबाव, महंगा क्रूड, मंदी का डर और डॉलर की मजबूती से रुपया कमजोर हो रहा है.

एक्सपर्ट का कहना है कि शॉर्ट टर्म में रुपये पर दबाव दिख रहा है. शेयर बाजार में दबाव, महंगा क्रूड, मंदी का डर और डॉलर की मजबूती से रुपया कमजोर हो रहा है.

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Sushil Tripathi
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Rupee at Record Low: रुपया नए रिकॉर्ड लो पर, जुलाई में ही 80 प्रति डॉलर का लेवल तोड़ सकती है घरेलू करंसी, क्या हैं वजह?

Rupee vs Dollar: रुपये में आज डॉलर के मुकाबले फिर कमजोरी आई है. रुपया आज के कारोबार में टूटकर 79.4275 प्रति डॉलर के भाव पर पहुंच गया. यह रुपया के लिए अबतक का सबसे निचला स्तर है. घरेलू शेयर बाजार में दबाव, क्रूड की महंगाई, मंदी की आशंका और अमेरिकी डॉलर की मजबूती के चलते रुपया बुधवार को कमजोर हुआ है. एक्सपर्ट का मानना है कि मौजूदा हालात देखें तो रुपये में अभी और गिरावट बढ़ेगी. जुलाई में ही यह 80 प्रति डॉलर के लेवल को नीचे की ओर तोड़ सकता है. लंबी अवधि में यह 81 प्रति डॉलर तक कमजोर होता दिख रहा है.

आज कैसी रही रुपये की चाल

घरेलू शेयर बाजार में सुस्ती और मंदी की आशंका में सोमवार को रुपया शुरुआती कारोबार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 4 पैसे अूटकर 79.30 के लेवल पर खुला. कुछ देर बाद यह 79.42 प्रति डॉलर तक कमजोर हुआ. हालांकि आज क्रूड में गिरावट से यह गिरावट कुछ कंट्रोल हुई. रुपया पिछले कारोबारी सेशन में डॉलर के मुकाबले 79.26 के अपने सबसे निचले स्तर पर बंद हुआ था. इस बीच डॉलर इंडेक्स 0.31 फीसदी मजबूत होकर 107.34 के लेवल पर पहुंच गया. ब्रेंट क्रूड फ्यूचर्स 0.63 फीसदी की गिरावट के साथ 106.35 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर आ गसा. वहीं शेयर बाजार में आज बिकवाली है.

रुपये में और बढ़ेगी गिरावट

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IIFl के VP-रिसर्च, अनुज गुप्ता का कहना है कि शॉर्ट टर्म में रुपये पर डॉलर के मुकाबले दबाव दिख रहा है. जुलाई में ही रुपया 80 प्रति डॉलर का लेवल ब्रेक कर और नीचे जा सकता है. इसके पीछे सबसे बड़ी वजह महंगाई और मंदी का डर है. वहीं डॉलर इंडेक्स 22 साल के हाई लेवल पर 107 को पार कर गया है. यूएस फेड ने आगे भी ब्याज दरों में बढ़ोतरी के संकेत दिए हैं, जिससे डॉलर इंडेक्स में मजबूती आ रही है. वहीं क्रूड 100 डॉलर के पार बना हुआ है.

लंबी अवधि में 82 का लेवल भी होगा ब्रेक!

आनंद राठी शेयर एंड स्टॉक ब्रोकर्स के रिसर्च एनालिस्ट जिगर त्रिवेदी (कमोडिटीज एंड करंसीज) के अनुसार लंबी अवधि की बात करें तो इस साल के अंत तक रुपया 80.5/81 प्रति डॉलर तक जा सकता है. त्रिवेदी के मुताबिक अमेरिकी फेड जुलाई में ब्याज दरों में 75 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी कर सकता है, जिससे भारत से पूंजी की निकासी और बढ़ने की आशंका है. वहीं ब्रोकरेज हाउस नोमुरा के मुताबिक मौजूदा वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया गिरकर 82 तक जा सकता है.

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