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रुपये में आज डॉलर के मुकाबले फिर कमजोरी आई है और यह फ्रेश लो पर पहुंच गया. (File)
Rupee vs Dollar: रुपये में आज डॉलर के मुकाबले फिर कमजोरी आई है. रुपया आज के कारोबार में टूटकर 79.8530 प्रति डॉलर के भाव पर पहुंच गया. यह रुपया के लिए अबतक का सबसे निचला स्तर है. लगातार चौथा दिन है जब रुपये ने रिकॉर्ड लो बनाया. वहीं रूस और यूक्रेन जंग के बाद से रुपये ने 26वीं बार रिकॉर्ड लो बनाया. रुपये की शुरूआत कुछ मजबूती के साथ हुई थी, लेकिन बाद में इसमें गिरावट आ गई. यूएस में इनफ्लेशन डाटा 40 साल के हाई पर पहुंच गया है, जिससे अब यूएस फेड पहले से एग्रेसिव तरीके से रेट हाइक कर सकता है. इस सेंटीमेंट के चलते डॉलर इंडेक्स मजबूत हुआ है और रुपये में कमजोरी आई है. एक्सपर्ट शार्ट टम में रुपये में गिरावट जारी रहने का अनुमान लगा रहे हैं. बता दें कि रुपया इस साल करीब 7.5 फीसदी कमजोर हुआ है. यह 74 प्रति डॉलर से 79.85 प्रति डॉलर पर आ गया.
आज कैसी रही रुपये की चाल
आज के कारोबार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 9 पैसे चढ़कर 79.72 के लेवल पर खुला. घरेलू शेयर बाजार में तेजी से रुपये को शुरूआत में सपोर्ट मिला. बुधवार को रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 79.81 के रिकॉर्ड निचले स्तर पर बंद हुआ था. हालंांकि बाद में रुपये में गिरावट आ गई और यह कल के बंद भाव के भी नीचे चला गया और 79.83 के लेवल तक कमजोर हुआ. ब्रेंट क्रूड वायदा 0.57 फीसदी चढ़कर 100.14 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया. शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों ने बुधवार को 2,839.52 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे.
रुपये में और बढ़ेगी गिरावट
केडिया एडवाइजरी के डायरेक्टर अजय केडिया के अनुसार आज रुपया 79.52-79.88 प्रति डॉलर की रेंज में दिख सकता है. यूएस डॉलर 108 के लेवल के पार चला गया है. यूएस में महंगाई 4 दशक में सबसे ज्यादा है. इससे डॉलर इंडेक्स को सपोर्ट मिला है. महंगाई को कंट्रोल करने के लिए आगे यूएस फेड और एग्रेसिव तरीके से रेट हाइक कर सकता है. महंगाई के चलते इक्विटी पर भी दबाव रहेगा. इन वजहों से रुपये पर दबाव बना रहेगा.
IIFl के VP-रिसर्च, अनुज गुप्ता का कहना है कि रुपये ने नीचे की ओर 79.80 का लेवल ब्रेक किया है. इसमें और गिरावट बढ़ेगी. अगले कुछ दिनों में यह 80 प्रति डॉलर तक कमजोर हो सकता है. फिलहाल रुपया अगर 79.40 के नीचे बना रहता है तो इसमें रिकवरी की उम्मीद कम है. रुपये में गिरावट के पीछे सबसे बड़ी वजह महंगाई और मंदी का डर है. क्रूड भी 100 डॉलर के पार बना हुआ है.