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रुपये में फिर गिरावट आई है और यह आल टाइम लो पर पहुंच गया है. (File)
Rupee at Record Low Today: रुपये में फिर गिरावट आई है और यह आल टाइम लो पर पहुंच गया है. आज यानी 17 मई को स्पॉट में इसका भाव 77.76 प्रति डॉलर और फ्यूचर्स में 77.88 प्रति डॉलर तक नीचे आ गया है. बीते हफ्ते शुक्रवार को स्पॉट में यह 77.45 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था, जबकि सोमवार को इसमें ट्रेडिंग नहीं हुई थी. एक्सपर्ट का कहना है कि अभी बाजार में ऐसे कई फैक्टर हैं, जिससे रुपये को शॉर्ट टर्म में राहत मिलती नहीं दिख रही है. शॉर्ट टर्म में अगर डॉलर इंडेक्स में गिरावट नहीं आती है तो यह नीचे की ओर 78.50 से 79 प्रति डॉलर का भाव दिखा सकता है.
रुपये में क्यों दिख रही और गिरावट
केडिया एडवाइजरी के डायरेक्टर अजय केडिया का कहना है कि शॉर्ट टर्म में रुपये पर डॉलर के मुकाबले दबाव दिख रहा है. इसके पीछे सबसे बड़ी वजह महंगाई है. डॉलर इंडेक्स 22 साल के हाई लेवल पर है. यूएस में महंगाई को कंट्रोल करने के लिए यूएस फेड द्वारा आगे ब्याज दरों में बढ़ोतरी की पूरी संभावना है, जिससे डॉल्र इंडेक्स में मजबूती आ रही है. ब्रेंट क्रूड 115 डॉलर प्रति बैरल के आस पास चला गया है. यूनियन बजट की बात करें तो क्रूड का आउटलुक 70 से 75 डॉलर प्रति बैरल का रखा गया था, लेकिन यह अनुमान से बहुत ज्यादा महंगा हो गया है. इससे एनर्जी इनफ्लेशन आसमान पर है. उनका कहना है कि महंगाई के चलते आरबीआई ने अभी स्टेप लिया है और आगे भी ले सकता है. ऐसे में अगर डॉलर इंडेक्स में गिरावट नहीं आती है तो रुपया जल्द 78.50 का भाव दिखा सकता है.
IIFL के VP-रिसर्च अनुज गुप्ता का कहना है कि शॉर्ट टर्म में रुपये में 79 प्रति डॉलर तक गिरावट आ सकती है. रुपये ने फ्यूचर्स में 77.8880 का लो टच किया है. इक्विटी मार्केट में कमजोरी, क्रूड की बढ़ रही कीमतों और फूडग्रेन महंगा होने से रुपये पर दबाव बढ़ा है. यह शॉर्ट टर्म में 78 का लेवल तोड़कर 79 प्रति डॉलर तक कमजोर हो सकता है.
एमके ग्लोबल फाइनेंशियल सर्विसेज के अनुसार आरबीआई अगस्त तक रेपो रेट को बढ़कर 5.15 फीसदी कर सकता है. ऐसे में रुपया अगर 77 प्रति डॉलर के नीचे आता है तभी इसमें कुछ सुधार देखने को मिलेगा. ऐसा न होने पर रुपया 78.25 प्रति डॉलर के लेवल तक पहुंच सकता है.
तेजी से बढ़ सकती हैं ब्याज दरें
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन ने कहा है कि महंगाई अभी भी हाई लेवल पर है और उन्हें भरोसा है कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व महंगाई पर अपना काम करेगा. फेडरल रिजर्व के मेंबर ने महंगाई के आंकड़ों के बाद कहा कि वह ब्याज दरें बढ़ाने का सपोर्ट करेंगे. ऐसे में यूएस फेड आने वाले मॉनेटरी पॉलिसी में फिर 50 प्वॉइंट का इजाफा ब्याज दरों में कर सकता है.