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Sugar Export Limit : एक्सपोर्ट लिमिट तय होने से शुगर कंपनियों के शेयर धराशायी, फैसले के पीछे सरकार ने बताई ये वजह

Sugar Export Limit: मोदी सरकार ने शुगर एक्सपोर्ट की अधिकतम सीमा तय की तो देश में चीनी बनाने वाली प्रमुख कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट आ गई.

Sugar Export Limit: मोदी सरकार ने शुगर एक्सपोर्ट की अधिकतम सीमा तय की तो देश में चीनी बनाने वाली प्रमुख कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट आ गई.

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FE Online
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Sugar Export Limit Fixed by Government Of India Share Prices of Sugar Companies Crash

Around 9 MT of sugar have been contracted so far, out of which 7.5 MT have been exported. In the 2020-21 season, India exported 7 MT of sugar.

Sugar Export Capping: देश से चीनी निर्यात की अधिकतम सीमा तय करने के भारत सरकार के फैसले से शुगर कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट देखी जा रही है. सरकार के इस फैसले की जानकारी सामने आने के बाद से ही शुगर कंपनियों के शेयर भारी दबाव में हैं. मंगलवार को शुगर कंपनियों के शेयरों में गिरावट का सिलसिला बुधवार को भी जारी रहा. इस बीच सरकार के एक आला अफसर ने चीनी के निर्यात की अधिकतम सीमा तय करने के फैसले को बिलकुल सही समय पर उठाया गया कदम बताया है.

त्योहारी सीजन को ध्यान में रखकर फैसला : खाद्य सचिव

केंद्रीय खाद्य सचिव (Food Secretary) सुधांशु पांडेय ने कहा है कि सरकार ने चीनी निर्यात की अधिकतम सीमा तय करने का फैसला बिलकुल सही समय पर लिया है. उन्होंने कहा कि यह फैसला एहतियात के तौर पर किया गया है, ताकि अक्टूबर-नवंबर के त्योहारी सीजन में चीनी की कमी न हो और कीमतें भी काबू में रहें.

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उन्होंने माना कि चीनी की कीमतें बाकी कमोडिटीज़ की तुलना में ज्यादा स्थिर रही हैं, फिर भी आने वाले दिनों में कीमतों में बेहिसाब बढ़ोतरी की आशंका को दूर करने के लिए यह कदम उठाया गया है. पांडेय ने कहा कि दुनिया भर में चीनी की किल्लत को देखते हुए ऐसा करना जरूरी था. इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि इस साल भारत ने ब्राजील को पीछे छोड़ दिया है और दुनिया के सबसे बड़े चीनी उत्पादक देश के तौर पर उभरा है. भारत दुनिया में चीनी का दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक देश भी है.

सरकार का कदम रोकने वाला नहीं : सचिव

उन्होंने कहा कि भारत का शुगर एक्सपोर्ट 2016-17 में 50 हजार टन था, जो इस साल बढ़कर 1 करोड़ टन तक होने जा रहा है. इसमें से 90 लाख टन चीनी के एक्सपोर्ट कॉन्ट्रैक्ट हो चुके हैं, जबकि 75 लाख टन चीनी पहले ही निर्यात की जा चुकी है. उन्होंने कहा कि इन हालात में सरकार के कदम को किसी रुकावट के तौर पर नहीं लेना चाहिए.

एक्सपोर्ट की अधिकतम सीमा 1 करोड़ टन

भारत सरकार ने मौजूदा विपणन वर्ष (Marketing Year October-September 2021-22) के लिए शुगर एक्सपोर्ट की अधिकतम सीमा 1 करोड़ टन तय कर दी है. विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) की तरफ से 24 मई को जारी अधिसूचना के मुताबिक 1 जून से 31 अक्टूबर के दौरान शुगर का शिपमेंट स्पेशल परमशिन हासिल करने के बाद ही किया जा सकेगा.

शुगर कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट

सरकार के इस बयान के बावजूद बाजार में शुगर कंपनियों के शेयरों में गिरावट का सिलसिला लगातार दूसरे दिन भी जारी रहा. देश की प्रमुख शुगर कंपनियों के शेयरों में 5 से 10 फीसदी तक की भारी गिरावट देखने को मिली. कल भी इन कंपनियों के शेयरों में करीब इतनी ही गिरावट दर्ज की गई थी. पिछले दो ट्रेडिंग सेशन्स के दौरान प्रमुख शुगर कंपनियों के शेयरों में 10 से 15 फीसदी तक गिरावट आ चुकी है.

बलरामपुर चीनी मिल्स लिमिटेड (Balrampur Chini Mills Ltd, NSE: BALRAMCHIN) के शेयर में बुधवार को 7.88 फीसदी की भारी गिरावट आई और यह 358.50 रुपये पर बंद हुआ. इसी तरह द्वारिकेश शुगर (Dwarikesh Sugar Industries Ltd, NSE: DWARKESH) के शेयर करीब 10 फीसदी की गिरावट के साथ 99.10 रुपये पर बंद हुए. कुछ ऐसा ही हाल उत्तम शुगर मिल्स (Uttam Sugar Mills Limited, NSE: UTTAMSUGAR) का रहा जिसके शेयर बुधवार को 9 फीसदी से ज्यादा गिरावट के साथ 246.50 रुपये पर बंद हुए.

श्री रेणुका शुगर्स (Shree Renuka Sugars Ltd, NSE: RENUKA) के शेयर भी 6.47 फीसदी की गिरावट के साथ 41.95 रुपये पर बंद हुए. बजाज हिंदुस्तान शुगर (Bajaj Hindusthan Sugar Ltd, NSE: BAJAJHIND), मवाना शुगर्स (Mawana Sugars Ltd, NSE: MAWANASUG) और ऊगर शुगर वर्क्स (Ugar Sugar Works Ltd, NSE: UGARSUGAR) के शेयरों में भी बुधवार को तकरीबन 5-5 फीसदी की गिरावट देखने को मिली. इससे पहले मंगलवार को भी इन शेयरों में इसी तरह की भारी गिरावट दर्ज की गई थी.

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