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Soybean: बेमौसम बारिश की वजह से सोयाबीन की फसल को भारी नुकसान हुआ है.
Soybean Prices Outlook: पिछले कुछ दिनों में हुई बेमौसम बारिश की वजह से सोयाबीन की फसल को भारी नुकसान हुआ है. हालांकि इस नुकसान के बावजूद सोयाबीन की कीमतों में कमजोरी देखने को मिल रही है. एक्सपर्ट का कहना है कि इस साल प्रोडक्शन ज्यादा होने और पर्याप्त पिछला बकाया स्टॉक होने के चलते कीमतों में गिरावट आई है और यह आगे भी जारी रहने का अनुमान है. आने वाले दिनों में हाजिर बाजार में सोयाबीन का भाव लुढ़ककर 4,500 रुपये प्रति क्विंटल के निचले स्तर तक भी पहुंच सकता है.
कितनी फसल हुई बर्बाद
ओरिगो ई-मंडी के असिस्टेंट जनरल मैनेजर (कमोडिटी रिसर्च) तरुण सत्संगी के मुताबिक देश के सबसे बड़े सोयाबीन उत्पादक राज्य मध्य प्रदेश में बेमौसम बारिश की वजह से 1,92,000 मीट्रिक टन सोयाबीन की फसल खराब हो चुकी है. यह मध्य प्रदेश की कुल सोयाबीन फसल का करीब 4 फीसदी है. राजस्थान की बात करें तो बेमौसम बारिश के चलते 1,50,000 मीट्रिक टन या या 675 करोड़ रुपये की सोयाबीन की फसल खराब हो चुकी है. कोटा जिले में सोयाबीन की फसल को सबसे ज्यादा नुकसान करीब 20 से 25 फीसदी तक हुआ है.
प्रोडक्शन और पिछला स्टॉक
जून 2022 के बाद से सोयाबीन में जारी गिरावट के रुख में फिलहाल कोई भी बदलाव होता नहीं दिख रहा है. फसल वर्ष 2022-23 में सोयाबीन का उत्पादन 12.14 मिलियन मीट्रिक टन होने का अनुमान है, जो कि पिछले साल के 11.95 मिलियन मीट्रिक टन के उत्पादन से 1.6 फीसदी ज्यादा है. वहीं देश में सोयाबीन का 3.25 मिलियन मीट्रिक टन से ज्यादा का पिछला बकाया स्टॉक है जो कि फसल वर्ष (अक्टूबर-सितंबर) की शुरुआत में सामान्य स्टॉक से 4 गुना अधिक के स्तर पर है.
कितनी आ सकती है कमजोरी
तरुण सत्संगी के मुताबिक जब तक सोयाबीन का भाव 5,390 रुपये प्रति क्विंटल के नीचे कारोबार कर रहा है तब तक हाजिर बाजार में सोयाबीन की कीमतों में गिरावट का रुख बना रहेगा. उनका कहना है कि धीरे-धीरे सोयाबीन का भाव लुढ़ककर 4,500 रुपये प्रति क्विंटल के निचले स्तर तक भी पहुंच सकता है.