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Windfall tax slashed : सरकार ने अंतरराष्ट्रीय कीमतों में नरमी को ध्यान में रखते हुए कच्चे तेल और डीजल एक्सपोर्ट पर विंडफॉल टैक्स घटा दिया है. (Representative image : Pixabay)
Government slashes windfall tax on crude petroleum and diesel exports: अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में नरमी के मद्देनजर सरकार ने गुरुवार को देश में उत्पादित कच्चे तेल और डीजल के निर्यात पर विंडफॉल प्रॉफिट टैक्स में कटौती क दी है. एक आधिकारिक अधिसूचना के अनुसार घरेलू स्तर पर उत्पादित कच्चे तेल पर विशेष अतिरिक्त उत्पाद शुल्क (Special Additional Excise Duty - SAED) के रूप में लगाया जाने वाला विंडफॉल प्रॉफिट टैक्स 9,800 रुपये प्रति टन से घटाकर 6,300 रुपये प्रति टन कर दिया गया है. इसी तरह डीजल के निर्यात पर SAED को 2 रुपये प्रति लीटर से घटाकर 1 रुपये प्रति लीटर कर दिया गया है. टैक्स की नई दरें गुरुवार यानी आज से ही लागू हो गई हैं.
हर 15 दिन बाद होती है समीक्षा
ATF यानी जेट फ्यूल और पेट्रोल के निर्यात पर विंडफॉल टैक्स पहले की तरह जीरो बना हुआ है. 1 नवंबर से लागू पिछले संशोधन में सरकार ने कच्चे तेल पर विंडफॉल प्रॉफिट टैक्स 9,050 रुपये प्रति टन से बढ़ाकर 9,800 रुपये प्रति टन कर दिया था. इसके साथ ही डीजल के निर्यात पर टैक्स आधा करके 2 रुपये प्रति लीटर और ATF पर 1 रुपये प्रति लीटर से घटाकर जीरो कर दिया गया था. विंडफॉल प्रॉफिट टैक्स की दरों की समीक्षा हर 15 दिन बाद की जाती है, जिसमें पिछले दो हफ्ते के दौरान तेल की औसत कीमतों को आधार बनाया जाता है.
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अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतों में नरमी
पिछले संशोधन के बाद से अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतों में नरमी आई है, जिसकी वजह से विंडफॉल टैक्स में एक बार फिर कटौती की गई है. भारत जिस कच्चे तेल का आयात करता है, उसका भाव इस महीने औसतन 84.78 डॉलर प्रति बैरल रहा है, जबकि अक्टूबर में यह औसत 90.08 डॉलर प्रति बैरल और सितंबर में 93.54 डॉलर प्रति बैरल रहा था. भारत ने पहली बार पिछले साल 1 जुलाई को विंडफॉल प्रॉफिट टैक्स लगाया था. उस समय पेट्रोल और एटीएफ पर 6 रुपये प्रति लीटर (12 डॉलर प्रति बैरल) और डीजल पर 13 रुपये प्रति लीटर (26 डॉलर प्रति बैरल) की दर से निर्यात शुल्क लगाया जा रहा था. भारत की तरह ही कई और देश भी तेल कंपनियों के सुपरनॉर्मल मुनाफे पर टैक्स लगाते हैं और ऐसे देशों की संख्या पिछले दिनों बढ़ी है.
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कब लगता है विंडफॉल टैक्स
अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड ऑयल का दाम 75 डॉलर प्रति बैरल से ज्यादा होने पर देश में प्रोड्यूस किए जाने वाले कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स लगाया जाता है. क्रूड ऑयल और डीजल, पेट्रोल या ATF की कीमतों का मार्जिन 20 डॉलर प्रति बैरल से ज्यादा हो जाए, तो उन पर भी टैक्स लगाया जाता है. अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट आने के बाद अप्रैल की पहली छमाही में घरेलू कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स घटकर शून्य (0) हो गया था, लेकिन दूसरी छमाही में कीमतें बढ़ने के बाद यह टैक्स फिर से लगा दिया गया. अप्रैल में डीजल पर यह टैक्स जीरो हो गया था, लेकिन अगस्त में इसे वापस लगा दिया गया. एटीएफ पर यह टैक्स मार्च में शून्य हो गया था, लेकिन अगस्त के दूसरे पखवाड़े में इसे फिर से लगाया गया. इस तरह कीमतों में उतार-चढ़ाव के हिसाब से सरकार इसमें समय-समय पर जरूरी बदलाव करती रहती है.