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FSSAI found 32 advertisements misleading: ये मामला लाइसेंसिंग अधिकारियों के पास भेज दिया गया है.
FSSAI found 32 advertisements misleading: टीवी और अखबारों में ऐसे कई विज्ञापन दिखाए जा रहे हैं जो पहली नजर में भ्रामक लगते हैं और अब इसको लेकर द फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्डस अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) ने सख्त रुख अपनाया है. FSSAI ने कहा है कि उसकी विज्ञापन निगरानी समिति ने भ्रामक दावा करने वाले 32 विज्ञापनों की पहचान की है. रिफाइंड तेलों, दालों, आटा और घी आदि के निर्माताओं और विभिन्न फूड बिजनेस ऑपरेटर्स (FBO) को FSSAI जल्द ही इस मामले में नोटिस जारी करेगी. ये मामला लाइसेंसिंग अधिकारियों के पास भेज दिया गया है.
FSSAI का क्या है कहना?
फूड रेगुलेटर ने कहा है, "एफबीओ द्वारा उनके प्रोडक्ट्स पर किए जा रहे दावों और विज्ञापनों पर कड़ी नजर रखने के लिए, FSSAI की विज्ञापन निगरानी समिति ने 32 नए मामलों की सूचना दी है जो Food Safety and Standards (Advertisements & Claims) Regulations, 2018 के प्रावधानों का पहली नजर में उल्लंघन करते पाए गए हैं." इन नियमों के तहत, भ्रामक दावे या विज्ञापन पर रोक हैं और इसका उल्लंघन करना एक गंभीर अपराध है. बयान में आगे कहा गया है कि ये सभी विज्ञापन स्वास्थ्य और प्रोडक्ट संबंधित गलत दावे कर रहे थे.
मामला लाइसेंसिंग अधिकारियों के पास भेजा गया
फूड रेगुलेटर ने बयान जारी कर आगे कहा है कि इस मामले में FBO को नोटिस जारी कर दिया गया है और आगे की कार्रवाई के लिए संबंधित लाइसेंसिंग अथॉरिटीज को ऐसे सभी FBO को नोटिस जारी करने के लिए भेजा गया है. गौरतलब है अब ऐसे भ्रामक विज्ञापन दिखा रहे कंपनियों को इसे वापस हटाना होगा या वैज्ञानिक रूप से इसकी पुष्टि करनी होगी. ऐसा नहीं करने पर FBO पर धारा -53 के अनुसार 10 लाख रुपये तक के जुर्माना भी लगाया जा सकता है. यही नहीं, इस मामले में फूड रेगुलेटर के पास लाइसेंस रद्द करने का भी अधिकार है. FSSAI ने कहा, "पिछले छह महीनों के दौरान भ्रामक विज्ञापनों के ऐसे मामलों की कुल संख्या 170 हो गई है, और ऐसे मामलों में FSSAI द्वारा कार्रवाई जारी रहेगी."