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सूर्य नूतन सौर कूकर से इस मायने में अलग है कि इसे धूप में नहीं रखना होता है और रसोई में खाना पका सकता है. (Image- PIB)
Surya Nutan: रसोई गैस की बढ़ती कीमतों से परेशान लोगों के लिए बेहतर विकल्प सामने आया है. देश की सबसे बड़ी तेल कंपनी इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (IOC) ने एक सौर चूल्हा लॉन्च किया है. इसका इस्तेमाल कहीं भी और कभी भी यानी किसी भी मौसम में किया जा सकता है. इस चूल्हे को सूर्य नूतन नाम दिया गया है और इसकी सबसे बड़ी खास बात यह है कि अगर आपके घर में एक साल में 6-8 एलपीजी सिलिंडर की खपत होती है तो जितने में सूर्य नूतन को खरीदेंगे, उसकी भरपाई 1-2 वर्ष में ही हो जाएगी. इसकी कीमत 12 हजार रुपये से शुरू है.
Tried my hand at cooking Suji Ka Halwa on Surya Nutan solar cooking system with my colleague Sh @girirajsinghbjp Ji.
— Hardeep Singh Puri (@HardeepSPuri) June 22, 2022
अपने मित्र श्री @girirajsinghbjp जी के साथ सूर्या नूतन सौर्य ऊर्जा कूकिंग सिस्टम पर सूजी का गर्मागर्म हलवा बनाया। @mp_kaushal@SureshKKhanna@SomParkashBJPpic.twitter.com/KDgsY7kIoe
Surya Nutan से जुड़ी खास बातें
- इसे इंडियन ऑयल के आरएंडडी सेंटर, फरीदाबाद ने डिजाइन और डेवलप किया है. यह सौर कूकर से इस मायने में अलग है कि इसे धूप में नहीं रखना होता है और रसोई में खाना पका सकता है.
- इसकी कीमत अभी बेस मॉडल के लिए करीब 12 हजार रुपये और टॉप मॉडल के लिए 23 हजार रुपये रखी गई है. हालांकि माना जा रहा है कि इसके टॉप मॉडल की कीमत 12 हजार-14 हजार रूपए तक आ सकती है. इसका मतलब हुआ है कि अगर किसी के यहां सालाना 6-8 एलपीजी सिलेंडरों की खपत हो तो खरीदार को पहले 1-2 वर्षों में ही पूरी कीमत वसूल हो जाएगी.
- इसके तीन मॉडल हैं और प्रीमियम मॉडल से चार लोगों के परिवार के लिए तीन टाइम यानी नाश्ता, लंच और डिनर के लिए पूरा भोजन बना सकते हैं.
Cost Inflation Index क्या है? इस इंडेक्स के सही इस्तेमाल से आप कैसे बचा सकते हैं टैक्स?
- इसका उपयोग हर प्रकार के मौसम में कर सकते हैं यानी कि सर्दियों या बारिश के मौसम में दिक्कत नहीं होगी, जब सूर्य आसमान में कम रहता है.
- इसे मेंटेनेंस की जरूरत कम पड़ेगी. इसकी वजह ये है कि यह हाइब्रिड मोड में काम करता है यानी कि सौर और सहायक ऊर्जा दोनों स्रोतों पर एक साथ काम कर सकता है. यह रिचार्ज किया जाता है और चार्जिंग के दौरान भी ऑनलाइन यानी सीधे सौर ऊर्जा से खाना पका सकते हैं.
- इस चूल्हे में एक केबल होता है जिसका एक सिरा छत पर लगी हुई सोलर प्लेट से जुड़ी होती है और सोलर प्लेट से जो ऊर्जा पैदा होती है, वह केबल के जरिए चूल्हे तक पहुंचती है. इसी से सूर्य नूतन चलता है. सोलर प्लेट सौर ऊर्जा को थर्मल बैटरी में स्टोर करती है जिससे रात में भी खाना बना सकते हैं, जब आसमान में सूर्य नहीं होता है.