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Dhanteras Shubh Muhurat 2022: धनतेरस की तारीख को लेकर अभी भी हैं कनफ्यूज? ये है शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व

धनतेरस पर लोग सोना और चांदी के साथ ही स्टील व पीतल के बर्तनों समेत अन्य चीजों की खरीदारी करते हैं. मान्यता है कि धनतेरस के दिन शुभ मुहूर्त में खरीदारी करने से घर में सुख और समृद्धि का वास होता है.

धनतेरस पर लोग सोना और चांदी के साथ ही स्टील व पीतल के बर्तनों समेत अन्य चीजों की खरीदारी करते हैं. मान्यता है कि धनतेरस के दिन शुभ मुहूर्त में खरीदारी करने से घर में सुख और समृद्धि का वास होता है.

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Pradeep Upadhyay
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धनतेरस के दिन धन के देवता कुबेर और भगवान विष्णु के अवतार धन्वंतरी की पूजा करने का विधान है.

Dhanteras Shubh Muhurat 2022 : सनातन धर्म में धनतेरस को बहुत ही पवित्र पर्व माना जाता है. इस दिन धन के देवता कुबेर और भगवान विष्णु के अवतार धन्वंतरी की पूजा करने का विधान है. धनतेरस पर लोग सोना, चांदी, स्टील व पीतल के बर्तनों समेत अन्य चीजों की खरीदारी करते हैं. ऐसी मान्यता है कि धनतेरस के दिन शुभ मुहूर्त में खरीदारी करने से घर में सुख और समृद्धि का वास होता है. यह पर्व हिन्दू पंचांग के अनुसार कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी​ तिथि को मनाया जाता है. इसलिए इसे धन त्रयोदशी के नाम भी जाना जाता है.

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दो दिन है त्रयोदशी तिथि

इस साल धनतेरस की तारीख को लेकर कन्फ्यूजन बना हुआ है, क्योंकि इस बार कार्तिक के कृष्ण पक्ष में त्रयोदशी ति​थि दो दिन है. इस बार यह तिथि आज यानी 22 अक्टूबर को शाम 06:02 बजे से अगले दिन यानी 23 अक्टूबर की शाम 06:03 बजे तक रहेगी. शास्त्रों के जानकारों की माने तो धनतेरस आज मनाया जाना शुभ है, क्योंकि धनतेरस की पूजा हमेशा प्रदोषकाल में की जाती है और 23 अक्टूबर को प्रदोष काल शुरू होने से पहले ही त्रयोदशी तिथि समाप्त हो रही है.

पौराणिक  मान्यता

सनातन मान्यताओं के अनुसार कार्तिक के महीने में ही देवताओं और राक्षसों ने समुंद्र मंथन किया था और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन समुंद्र में से अमृत कलश के साथ धन्वंतरी प्रकट हुए थे. तभी से इस दिन को धनतेरस के रूप में मनाया जाने लगा है. धन्वंतरी को भगवान विष्णु का ही अवतार माना जाता है. इसलिए धनतेरस पर धन्वंतरी की पूजा का विशेष महत्व होता है.

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शुभ मुहूर्त और संयोग

आज धनतेरस पूजा के लिए सवा घंटे का शुभ मुहूर्त है. शाम 07:01 बजे से रात 08:17 बजे तक धनतेरस की पूजा की जा सकती है. ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक इस साल धनतेरस पर त्रिपुष्कर समेत कई दुर्लभ संयोग बन रहे हैं. ऐसी मान्यता है कि इन संयोग में जो भी काम किया जाता है, उसका तीन गुना फल मिलता है. आज दोपहर 01.50 से शाम 06.02 तक त्रिपुष्कर योग बना रहेगा.

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