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Indian Railways : ऑपरेटिंग रेश्यो बताता है कि भारतीय रेलवे हर 100 रुपया कमाने के लिए कितना खर्च करती है. (Photo: Twitter/ BJP4India)
Budget for Indian Railways : केंद्र सरकार ने फाइनेंशियल ईयर 2024 के लिए भारतीय रेलवे के लिए ऑपरेटिंग रेश्यो 98.45 प्रपोज्ड किया था, जबकि यह फाइनेंशियल ईयर 2023 के लिए 98.22 रहा है. असल में ऑपरेटिंग रेश्यो (Operating Ratio of Railways) वह नंबर है जो बताता है कि भारतीय रेलवे (Indian Railways) हर 100 रुपया कमाने के लिए कितना खर्च करती है. अभी ऑपरेटिंग रेश्यो 98.22 फीसदी के आस पास है, तो इसका मतलब कि रेलवे ने 100 रुपये कमाने के लिए 98.22 रुपये खर्च किए. यानी रेलवे की सेहत बहुत अच्छी नहीं मानी जा सकती है.
बजट 2024 पर रहेंगी नजरें
कम ऑपरेटिंग रेश्यो का मतलब है कि रेलवे को अपनी कमाई का अधिक हिस्सा अपनी बड़ी कैपेक्स परियोजनाओं, कर्मचारियों की सैलरी या अपने अन्य ऑपरेशन पर खर्च करना पड़ रहा है. इसी के चलते मोदी सरकार में इसे 95 के नीचे लाने की कोशिशें हो रही हैं. लेकिन पिछले दिनों कोविड 19 के चलते इस पर असर पड़ा है. हालांकि कोविड 19 के बाद से रेलवे की कमाई सुधर रही है, इसलिए इस बार बजट 2024 (Union Budget 2024) पर नजरें रहेंगी कि ऑपरेटिंग रेश्यो को लेकर क्या एलान हो सकता है.
मोदी सरकार में कैसी रही रेलवे की सेहत
केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार आने के बाद से देखें तो फाइनेंशियल ईयर 2014-15 में ऑपरेटिंग रेश्यो 91.25 फीसदी था, फिर यह फाइनेंशियल ईयर 2015-16 में सुधरकर 90.49 फीसदी पर आ गया.
फाइनेंशियल ईयर 2016-17 में यह बढ़कर 96.5 फीसदी हो गया. फाइनेंशियल ईयर 2017-18 में यह बढ़कर कई साल के हाई 98.44 फीसदी पर पहुंच गया.
फाइनेंशियल ईयर 2018-19 में यह 97.29 फीसदी था जो फाइनेंशियल ईयर 2019-20 में फिर 98.4 फीसदी हो गया.
फाइनेंशियल ईयर 2020-21 में यह 97.45 फीसदी रहा. वहीं फाइनेंशियल ईयर 2022-23 के लिए यह 99.22 फीसदी रहा.
फाइनेंशियल ईयर 2023-24 में इसके 98.45 रहने का अनुमान है.
कैसा था पहले का दौर
फाइनेंशियल ईयर 1950-51 में ऑपरेटिंग रेश्यो 81 फीसदी के स्तर पर था. फाइनेंशियल ईयर 1960-61 तक ऑपरेटिंग रेश्यो 78.75 फीसदी हो गया. फिर 10 साल बाद वित्त वर्ष 1970-71 में, ऑपरेटिंग रेश्यो बिगड़कर 84.13 फीसदी पहुंच गया. इसके बाद ज्यादातर समय तक यह 80 से पार या 90 के पार रहा. हालांकि फाइनेंशियल ईयर 2008 में ऑपरेटिंग रेश्यो 75.94 फीसदी पर आ गया था.
1980 से 2000 के दौर की बात करें तो फाइनेंशियल ईयर 1981 में ऑपरेटिंग रेश्यो 96.07 फीसदी था, जबकि फाइनेंशियल ईयर 1991 में यह 91.97 फीसदी पर पहुंच गया. फाइनेंशियल ईयर 1996 में रेलवे का ऑपरेटिंग रेश्यो सुधरकर 82.45 फीसदी पर आ गया. फाइनेंशियल ईयर 2000 में यह 93.3 फीसदी था.