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Budget 2024 Expectations: वित्त मंत्री इस बजट में देश के किसानों और कामगारों के अलावा मिडिल क्लास पर फोकस कर सकती है. (PTI)
Budget 2024 Expectations From Farmers: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) कुछ देर में ही इंटरिम बजट (Budget 2024) पेश करने जा रही है. चुनावी साल होने के चलते अनुमान लगाया जा रहा है कि वित्त मंत्री इस बजट में देश के किसानों के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं कर सकती हैं. जानकार ऐसा अनुमान लगा रहे हैं कि देश के 11.50 करोड़ किसानों को मिलने वाली पीएम किसान सम्मान राशि में इस बार बढ़ोतरी हो सकती है. अभी तक किसानों को एक साल में 3 किस्तों में 6000 रुपये मिलते हैं. उम्मीद है कि इस बजट में वित्त मंत्री किसानों के लिए यह राशि बढ़ाकर 8000 रुपये सालाना कर सकती हैं. इसकी चर्चा पहले से भी चल रही है.
किसानों को मिल सकता है तोहफा
आईएमएफ के कार्यकारी निदेशक और भारत सरकार के पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार केवी सुब्रमण्यन ने केंद्रीय इंटरिम बजट से पहले कहा कि पीएम किसान सम्मान निधि (PM Kisan Samman Nidhi) में 6000 रुपये से 8000 रुपये बढ़ाए जाने की उम्मीद है. महिलाओं के लिए भी कुछ बड़े एलान की संभावना है. लेबर फोर्स पार्टिसिपेशन में अच्छी ग्रोथ हुई है. इसको और प्रोत्साहन देने के लिए कुछ कदम उठाए जा सकते हैं. बाकी पिछले साल जो अच्छे कदम उठाए गए हैं उन्हें दोहराए जाने की उम्मीद है. उनका कहना है कि यह बजट वोट ऑन अकाउंट है. इसका मतलब कि सरकार कुछ महिनों के लिए संसद से परमिशन ले रही है अपने खर्च के लिए जो पूरा बजट है चुनाव के बाद जून या जुलाई में आएगा.
इस साल भी किसानों और श्रमिकों पर रह सकता है फोकस
पूर्व वित्त सचिव सुभाष चंद्र गर्ग का मानना है कि 2019 में आम चुनाव से पहले पेश इंटरिम बजट की तरह इस बार भी कुछ बड़े एलान देख सकते हैं. सरकार ने 2019 में आम चुनाव से पहले पेश अंतरिम बजट में मध्यम वर्ग, किसानों और असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों-को लक्षित किया था. कुल मिलाकर ये लगभग 75 करोड़ मतदाता हैं. ऐसी संभावना है कि सरकार इस बार भी इन मतदाताओं का खास ध्यान रखेगी. 2019 में वित्त मंत्री की अतिरिक्त जिम्मेदारी निभा रहे वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने किसनों को आकर्षित करने के लिए प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत 12 करोड़ किसानों को 6000 रुपये सालाना कैश उपलब्ध कराने की घोषणा की थी. इसके अलावा, असंगठित क्षेत्र (पीएम श्रम योगी मानधन -एसवाईएम) से जुड़े 50 करोड़ श्रमिकों को रिटायरमेंट पेंशन में सरकारी योगदान का भी प्रस्ताव किया गया था.