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Taxpayers : बजट 2024 में उन टैक्सपेयर्स को राहत देने का एलान किया है, जिन्होंने अपनी प्रॉपर्टी 23 जुलाई 2024 से पहले खरीद ली थी. (PTI)
Income Tax Rules Changes in Narendra Modi Govt Budget : नरेंद्र मोदी सरकार के तीसरे टर्म में आने के बाद दूसरा बजट 1 फरवरी 2025 को पेश होने जा रहा है, जिस पर आम आदमी, निवेशकों व टैक्स पेयर्स, किसानों से लेकर इंडस्ट्री और बाजार की नजरें हैं. जून 2024 में केंद्र में नरेंद्र मोदी की लीडरशिप में एनडीए सरकार बनी है, हालांकि बीजेपी का प्रदर्शन पिछले 2 बार जैसा नहीं है. इसलिए आम बजट 2025 (Union Budget 2025) में कुछ लोक लुभावन एलान (Budget Announcements) हो सकते हैं. यह भी माना जा रहा है कि मिडिल क्लास को बड़ी राहत देते हुए सरकार इस बजट में टैक्स (Income Tax) पर राहत दे सकती है. फिलहाल 1 फरवरी 2025 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का अपना 7वां फुल बजट पेश करेंगी. जानते हैं कि साल 2014 से साल 2024 के बीच मोदी सरकार के पिछले 11 बजट में टैक्स पेयर्स को कब फायदा मिला तो कब जेब पर बोझ बढ़ा.
Budegt 2024
बजट 2024 में उन टैक्सपेयर्स को राहत देने का एलान किया है, जिन्होंने अपनी प्रॉपर्टी 23 जुलाई 2024 से पहले खरीद ली थी. ऐसे होम ओनर्स अपने लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स का कैलकुलेशन पुरानी टैक्स स्कीम के तहत भी कर पाएंगे, जिसमें उन्हें इंडेक्सेशन बेनिफिट के साथ 20 फीसदी LTCG टैक्स देना होगा. लेकिन अगर वे चाहें तो नई स्कीम के तहत इंडेक्सेशन बेनिफिट के बिना 12.5 फीसदी LTCG टैक्स भी दे सकते हैं.
वहीं इक्विटी म्यूचुअल फंड से होने वाली सालाना 1.25 लाख रुपये से अधिक की अर्निंग पर एलटीसीजी 12.5 फीसदी कर दिया गया. जबकि वित्त मंत्री ने बजट एलान में नए टैक्स रिजीम में सैलरीड क्लास को मिलने वाला स्टैंडर्ड डिडक्शन 50 हजार रुपये से बढ़ाकर 75 हजार रुपये कर दिया था.
Budegt 2023
बजट 2023 में नए टैक्स रीजीम के तहत इनकम टैक्स में छूट की लिमिट बढ़ाकर 3 लाख रुपये कर दी गई. वहीं इसमें इनकम टैक्स स्लैब की संख्या घटाकर 5 कर दी गई थी. इसमें 3 से 6 लाख रुपये सालाना आय वालों को 5%, 6 से 9 लाख रुपये आय पर 10%, 9 लाख रुपये से 12 लाख रुपये पर 15% टैक्स, 12 लाख रुपये से 15 लाख रुपये 20% और 15 लाख रुपये से अधिक की आय पर 30% टैक्स का प्रावधान है. इनकम टैक्स रिबेट को बढ़ाकर 7 लाख रुपये कर दिया गया है. पुराना टैक्स सिस्टम पहले की तरह जारी है.
Budegt 2022
इस बजट में टैक्स को लेकर कोई एलान नहीं किया.
Budegt 2021
साल 2021 में बजट में 75 साल से ज्यादा उम्र के पेंशनर्स को टैक्स रिटर्न फाइल करने की छूट मिली, बशर्ते उनकी कमाई पेंशन और बैंक से मिलने वाले ब्याज से होती हो.
Budegt 2020
2020 के बजट में वैकल्पिक इनकम टैक्स स्लैब की घोषणा की गई. टैक्स पेयर्स के लिए पुराना इनकम टैक्स स्लैब और नया वैकल्पिक टैक्स स्लैब दोनों उपलब्ध हुआ.
Budegt 2019
2019 में आम चुनावों की वजह से पहले इंटरिम बजट पेश हुआ, जिसमें 5 लाख रुपये से कम आय वालों को जीरो टैक्स चुकाने का एलान हुआ. टैक्स रिबेट की लिमिट 2500 रुपये से बढ़ाकर 12500 रुपये हो गई. स्टैंडर्ड डिडक्शन को 40,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये किया गया. रेंट पर टीडीएस की लिमिट 1.80 लाख रुपये से बढ़ाकर 2.40 लाख रुपये कर दी गई. इसके बाद आम बजट में टैक्स स्लैब में बदलाव नहीं हुआ.
Budegt 2018
इक्विटी से 1 लाख रुपये से अधिक के लांग टर्म कैपिटल गेंस पर 10 फीसदी टैक्स लगाया गया. वरिष्ठ नागरिकों की बैंक या पोस्ट ऑफिस जमा से 50,000 रुपये तक की ब्याज इनकम को टैक्स छूट प्रदान की गई, जो कि इससे पहले 10,000 रुपये थी. मेडिकल खर्चों के रीइंबर्समेंट के बदले में 40,000 रुपये के स्टैंडर्ड डिडक्शन की अनुमति दी गई. वरिष्ठ नागरिकों के लिए मेडिकल खर्चों के लिए डिडक्शन 30 हजार से से बढ़ाकर 50 हजार रुपये किया गया.
Budegt 2017
टैक्स पेयर्स को 12,500 रुपये का टैक्स रिबेट दिया गया. 2.5 लाख से 5 लाख रुपये तक की इनकम के लिए इनकम टैक्स रेट को 10 से घटाकर 5 फीसदी किया गया. 50 लाख से 1 करोड़ के बीच सालाना टैक्सेबल इनकम वाले लोगों पर 10 फीसदी का सरचार्ज लगाया गया.
Budegt 2016
साल 2016 के बजट में 5 लाख से कम आय वालों के लिए टैक्स रिबेट 2000 से बढ़ाकर 5000 रुपये करने का एलान किया गया. घर का किराया देने वालों के लिए सेक्शन 80जीजी के तहत टैक्स छूट को 24,000 से बढ़ाकर 60,000 रुपये किया गया. सालाना 10 लाख रुपये से अधिक के डिविडेंड पर 10 फीसदी इनकम टैक्स लगाया गया.
Budegt 2015
हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर डिडक्शन लिमिट 15,000 रुपये से बढ़ाकर 25,000 रुपये कर दिया. वरिष्ठ नागरिकों के लिए यह लिमिट 20,000 रुपये से बढ़ाकर 30,000 रुपये कर दी गई. बजट में वेल्थ टैक्स को खत्म कर दिया गया. सुकन्या समृद्धि योजना को टैक्स फ्री किया गया. एनपीएस में निवेश पर 50 हजार रुपये की टैक्स छूट की घोषणा हुई.
Budegt 2014
साल 2014 में मोदी सरकार का पहला बजट जुलाई 2014 को पेश हुआ था. टैक्स छूट लिमिट को 2 लाख से बढ़ाकर 2.5 लाख रुपये किया गया था. जबकि वरिष्ठ नागरिकों के लिए यह सीमा 2.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 3 लाख रुपये की गई थी. इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80(सी) के तहत टैक्स डिडक्शन की लिमिट 1.1 लाख रुपये से बढ़ाकर 1.5 लाख रुपये की गई थी.