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Budget 2024 : भारत के MSME सेक्टर में करीब 98% सूक्ष्म उद्यम शामिल हैं, जो डिजिटल युग में अपार संभावनाएं रखते हैं. (Representative Image)
Budget 2024 Expectations: आगामी बजट में वंचित उद्यमियों के सूक्ष्म उद्यमों यानी माइक्रो एंटरप्राइजेज को डिजिटल डिवाइस और ई-कॉमर्स अपनाने में मदद करने के लिए मौजूदा 14 टेक सेंटर को बढ़ाना चाहिए. इसे छोटे शहरों और गांवों में ओएनडीसी यानी ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स की पहुंच को भी माइक्रो यूनिट तक बढ़ाना चाहिए, ताकि वे हाई फीस या कमीशन के बिना प्रतिस्पर्धा कर सकें और निजी ई-कॉमर्स कंपनियों के साथ जटिल साझेदारी को संभाल सकें. भारतीय युवा शक्ति ट्रस्ट के फाउंडर और मैनेजिंग ट्रस्टी लक्ष्मी वेंकटरमन वेंकटेशन ने कहा कि भारत के एमएसएमई सेक्टर में करीब 98 फीसदी सूक्ष्म उद्यम शामिल हैं, जो डिजिटल युग में अपार संभावनाएं रखते हैं.
माइक्रो एंटरप्राइजेज को सशक्त बनाने के लिए डिजिटल लिटरेसी, वित्तीय सहायता (प्रौद्योगिकी अपनाने के लिए सब्सिडी) और बेसिक इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास (बेहतर इंटरनेट कनेक्टिविटी) को संबोधित करने के लिए सरकारी सपोर्ट जरूरी है. रेगुलेशन को सुव्यवस्थित करना और मार्केटिंग असिस्टेंस को बढ़ावा देना (जैसे व्यापार सक्षमता और मार्केंटिंग प्लान) सूक्ष्म उद्यमों को और अधिक सक्षम बना सकता है. लक्ष्मी वेंकटरमन वेंकटेशन का कहना है कि ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (ONDC) पहुंच को और अधिक लोकतांत्रिक बनाता है, जिससे सूक्ष्म-व्यवसायों को व्यापक ग्राहक आधार तक पहुंचने में मदद मिलती है. हालांकि, सीमित डिजिटल लिटरेसी, टेक और मार्केटिंग (Digital Literacy and Technology and Marketing) में शुरुआती निवेश बाधा बन सकते हैं. त्वरित वाणिज्य (rapid commerce) का उदय, सूक्ष्म उद्यमों द्वारा संचालित पारंपरिक दुकानों के लिए एक महत्वपूर्ण चुनौती है.
श्रम और रोजगार मंत्रालय के अनुसार, 2017-18 से 2021-22 तक 8 करोड़ नौकरियां सृजित की गई हैं, जबकि सितंबर 2017 से मार्च 2024 के बीच 6.2 करोड़ से अधिक ग्राहक ईपीएफओ में शामिल हुए. ऑनलाइन मार्केटप्लेस, स्थापित दिग्गजों से लेकर हाइपर-फास्ट क्विक कॉमर्स तक, 77 फीसदी की अभूतपूर्व वृद्धि (रेडसीर रिपोर्ट) देख रहे हैं.