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कई कोर सेक्टर्स का उत्पादन अब भी उतना नहीं हुआ है, जितना महामारी से पहले यानी 2019-20 में था.
Output of 8 Core Sectors Slows Down in July : अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर एक चिंता बढ़ाने वाली खबर आई है. जुलाई 2022 के महीने में देश के आठ कोर सेक्टर्स की ग्रोथ रेट घटकर महज 4.5 फीसदी रह गई, जबकि पिछले साल के इसी महीने यानी जुलाई 2021 में ये 8 सेक्टर 9.9 फीसदी की रफ्तार से बढ़े थे. यह जानकारी बुधवार 31 अगस्त को कॉमर्स मिनिस्ट्री की तरफ से जारी आंकड़ों में दी गई है.
जुलाई में कोर सेक्टर की विकास दर पिछले छह महीने में सबसे कम रही है. इसके पिछले महीने यानी जून 2022 में अर्थव्यवस्था के आठ प्रमुख सेक्टर्स की ग्रोथ रेट 13.2 फीसदी रही थी. मई में यह दर 19.3 फीसदी, अप्रैल में 9.5 फीसदी, मार्च में 4.8 फीसदी, फरवरी में 5.9 फीसदी और जनवरी में 4 फीसदी रही थी. अप्रैल से जुलाई 2022 के चार महीनों को मिलाकर देखें तो आठ कोर सेक्टर्स की औसत ग्रोथ रेट इस दौरान 11.5 फीसदी रही. पिछले साल की इसी अवधि यानी अप्रैल-जुलाई 2021 के दौरान इन सेक्टर्स की औसत विकास दर 21.4 फीसदी रही थी.
कोर सेक्टर में शामिल 8 क्षेत्र
कोर सेक्टर में अर्थव्यवस्था के उन 8 क्षेत्रों को शामिल किया जाता है, जो इकॉनमी की नींव या बुनियादी ढांचा माने जा सकते हैं. ये 8 सेक्टर हैं - 1. कोयला, 2. क्रूड ऑयल, 3. प्राकृतिक गैस, 4. रिफाइनरी प्रोडक्ट्स, 5. फर्टिलाइजर, 6. स्टील, 7. सीमेंट और 8. बिजली. जुलाई में इन सभी सेक्टर्स की अलग-अलग ग्रोथ रेट के आंकडे़ इस तरह हैं : क्रूड ऑयल के उत्पादन में 3.8 फीसदी और प्राकृतिक गैस में 0.3 फीसदी की की गिरावट देखने को मिली. फर्टिलाइजर का उत्पादन जुलाई में 6.2 फीसदी बढ़ा, जबकि पिछले साल जुलाई में यह सिर्फ 0.6 फीसदी बढ़ा था. जुलाई 2022 के दौरान देश में कोयला उत्पादन 11.4 फीसदी, रिफाइनरी प्रोडक्ट्स का उत्पादन 6.2 फीसदी, स्टील का प्रोडक्शन 5.7 फीसदी, सीमेंट का 2.1 फीसदी और बिजली का उत्पादन 2.2 फीसदी बढ़ा.
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भारतीय रेटिंग एजेंसी इंड-रा (Ind-Ra) ने इन आंकड़ों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कोर सेक्टर ग्रोथ का तेजी से गिरकर 6 महीने के सबसे निचले स्तर पर आ जाना बताता है कि आर्थिक रिकवरी में अभी काफी वक्त लगने वाला है. ऐसा इसलिए क्योंकि कई कोर सेक्टर्स का उत्पादन अब भी उतना नहीं हुआ है, जितना महामारी से पहले (यानी 2019-20 में) था.